इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 के रोमांचक मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स की टीमें 26 मार्च को गुवाहाटी में आमने-सामने हुईं। इस मैच में पहली बार आईपीएल के नए नियम, ‘दूसरी गेंद’ का प्रयोग किया गया। राजस्थान रॉयल्स के कार्यवाहक कप्तान रियान पराग ने केकेआर की पारी के 17वें ओवर में इस नियम के तहत गेंद बदलने का अनुरोध किया, लेकिन यह निर्णय टीम के लिए फायदेमंद साबित नहीं हुआ। इसके बावजूद, यह नियम भविष्य में खेल को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियम से खासतौर पर ओस के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच संतुलन बना रहेगा। हालाँकि, इसके वास्तविक प्रभाव का सही आकलन पूरे सीजन के प्रदर्शन के बाद ही किया जा सकेगा।
राजस्थान रॉयल्स की संघर्षपूर्ण बल्लेबाजी
राजस्थान रॉयल्स की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम की शुरुआत बेहद खराब रही, और शुरुआती झटकों के बाद वे पूरे 20 ओवर खेलकर मात्र 151/9 का स्कोर ही खड़ा कर सके। टीम की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई, और कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। संजू सैमसन (32) और ध्रुव जुरेल (29) ने कुछ उपयोगी रन जोड़े, लेकिन कुल मिलाकर टीम का स्कोर औसत ही रहा।
केकेआर के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें वरुण चक्रवर्ती (4 ओवर, 17 रन, 2 विकेट) और मोईन अली (4 ओवर, 23 रन, 2 विकेट) ने राजस्थान के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। साथ ही, आंद्रे रसेल और सुनील नरेन ने भी किफायती गेंदबाजी की।
केकेआर की जबरदस्त बल्लेबाजी
कोलकाता नाइट राइडर्स ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार बल्लेबाजी की। भले ही टीम ने अजिंक्य रहाणे (18) और मोईन अली (5) के रूप में दो शुरुआती विकेट गंवा दिए हों, लेकिन इसके बाद क्विंटन डिकॉक ने एक छोर मजबूती से संभाले रखा। उन्होंने 61 गेंदों में नाबाद 97 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
युवा बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी (22 गेंद, 17 रन) ने डिकॉक का अच्छा साथ दिया, और दोनों ने 44 गेंदों में 83 रनों की अटूट साझेदारी की। केकेआर ने 17.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया और इस सीजन में अपनी पहली जीत दर्ज की।
दूसरी गेंद के नियम का पहली बार इस्तेमाल
इस मैच में पहली बार आईपीएल के नए नियम ‘दूसरी गेंद’ का इस्तेमाल हुआ। यह नियम खासतौर पर शाम को खेले जाने वाले मैचों के लिए बनाया गया है, जिसमें ओस का प्रभाव खेल को असंतुलित कर सकता है।
अंपायर अगर महसूस करते हैं कि ओस गेंदबाजों के लिए समस्या पैदा कर रही है, तो वे दूसरी पारी के 11वें ओवर से नई गेंद देने की अनुमति दे सकते हैं।
यह नियम केवल शाम को खेले जाने वाले मैचों में लागू होगा, दोपहर के मैचों में नहीं।
इसका उद्देश्य खेल को संतुलित बनाना है ताकि बल्लेबाजी करने वाली दूसरी टीम को अतिरिक्त लाभ न मिले।
राजस्थान रॉयल्स ने इस नियम का लाभ उठाने की कोशिश की, लेकिन यह उनके लिए जीत सुनिश्चित नहीं कर पाया।
खेल पर नए नियम का प्रभाव
आईपीएल में ओस हमेशा से एक महत्वपूर्ण कारक रही है, और टीमें टॉस जीतने के बाद आमतौर पर पहले गेंदबाजी करना पसंद करती थीं। इस नियम के आने से अब मैचों में संतुलन बना रहेगा, और टीमें केवल टॉस के आधार पर कोई रणनीति तय नहीं कर पाएंगी।
हालांकि, इस नियम की कुछ सीमाएँ भी हैं:
यह देखा जाएगा कि गेंद बदलने से गेंदबाजों को कितना फायदा होता है।
क्या यह बल्लेबाजों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा?
क्या इससे टीमें अलग-अलग रणनीतियों को अपनाएंगी?
भविष्य में, यह नियम कितनी सफलता पाता है, यह इस सीजन में इसके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
राजस्थान रॉयल्स की लगातार दूसरी हार
राजस्थान रॉयल्स के लिए यह सीजन अभी तक अच्छा नहीं रहा है। यह उनकी लगातार दूसरी हार थी, जिससे टीम का मनोबल जरूर प्रभावित होगा।
टीम को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की आवश्यकता है। कप्तान संजू सैमसन और युवा बल्लेबाजों को आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेनी होगी। गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें जीत दिलाने के लिए बल्लेबाजों से सहयोग की जरूरत होगी।
केकेआर को इस जीत से मिला आत्मविश्वास
केकेआर के लिए यह जीत बेहद अहम रही। पिछले मैच में हारने के बाद टीम को जीत की दरकार थी, और इस जीत ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है।
क्विंटन डिकॉक ने जिस तरह से पारी को संभाला, वह टीम के लिए शुभ संकेत है। साथ ही, गेंदबाजी में वरुण चक्रवर्ती और मोईन अली का प्रदर्शन भी शानदार रहा। टीम प्रबंधन इस फॉर्म को आगे भी बरकरार रखना चाहेगा।
आगे की रणनीति
राजस्थान रॉयल्स की रणनीति:
मध्यक्रम की बल्लेबाजी में सुधार करना होगा।
कप्तान संजू सैमसन और युवा बल्लेबाजों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
गेंदबाजों को और अधिक सटीकता से गेंदबाजी करनी होगी।
केकेआर की रणनीति:
क्विंटन डिकॉक को पारी की नींव रखने की जिम्मेदारी देनी होगी।
गेंदबाजों को अपनी लय बनाए रखनी होगी।
टीम को शुरुआती विकेट गंवाने के बाद मिडल ऑर्डर से भी अच्छा योगदान चाहिए।
इस मैच में आईपीएल का एक नया अध्याय जुड़ा, जिसमें ‘दूसरी गेंद’ के नियम का पहली बार उपयोग हुआ। हालाँकि, इससे राजस्थान रॉयल्स को कोई फायदा नहीं हुआ और वे मैच हार गए। केकेआर की टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट से जीत दर्ज की।
भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया नियम किस तरह से खेल को प्रभावित करता है। क्या इससे ओस का प्रभाव कम होगा, या फिर टीमें इस नियम को ध्यान में रखकर अलग रणनीति बनाएंगी? यह आईपीएल 2025 के आगामी मैचों में ही पता चलेगा।
फिलहाल, कोलकाता नाइट राइडर्स इस जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई है, जबकि राजस्थान रॉयल्स को अपनी गलतियों से सबक लेकर आगे की रणनीति बनानी होगी।
आईपीएल के इतिहास में यह नियम एक बड़ा बदलाव हो सकता है। अगर यह सफल होता है, तो भविष्य में अन्य क्रिकेट लीग भी इस नियम को अपनाने पर विचार कर सकती हैं। इस नियम से खेल का संतुलन बना रहेगा और फैंस को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक मुकाबले देखने को मिलेंगे।