सिंगरौली जिले के जिला मुख्यालय से महज कुछ दूर स्थित चाचा नेहरू पार्क में नशेड़ी ओं का जमावड़ा लगा रहता है।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बालक बैढन स्थित चाचा नेहरू पार्क मे सुबह से ही कई प्रकार के नशेड़ी आने लगते हैं। गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिन के उजाले में पार्क में बैठ कर गांजे की चिलम सुलगाते हुए कई नवयुवक बिना किसी भय के गांजा पीने हेतु इर्द-गिर्द में बैठे रहते हैं।
महज कुछ दिन पहले पार्टी कार्यकर्ताओं व एनजीओ के पदाधिकारी एवं कर्मचारी के साथ हजारों कार्यकर्ता कार्यकारिणी गठन हेतु बैठक कर ही रहे थे कि वहीं से महज 200 मीटर दूर कुछ नशेड़ी गांजे की चिलम को सुलगाते हुए देखें गए। जग कोतवाली बैढन मे हीं अराजक तत्व की मौजूदगी पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे ही दिख रही है। तो फिर दूरदराज स्थित नशे के माफियाओं के ऊपर स्थानीय पुलिस नशे की सामग्रियों की बीक्री पर रोक लगाने मे नाकामयाब हो रही है।
जिसका साफ उदाहरण बैढन चाचा नेहरू पार्क मे जा कर देखा जा सकता है। वही पार्क में हर समय अराजक तत्वों के आवागमन पर रोक लगाने हेतु पार्क का गेट हर समय ताला लगाकर बंद किया रहता है। जिससे पार्क में आने जाने वाले लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जबकि मुख्य चौराहे पर हर समय पुलिस की आवागमन बनी रहती है। इसके बावजूद भी बैढन क्षेत्र में गांजे की बिक्री पर रोक लगाना असंभव दिखाई दे रहा है। या फिर या कहीं की स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत में सारे नशे के अवैध धंधे फल-फूल रहे है।नशे के खिलाफ चलाए जाने वाला अभियान केवल नाम मात्र का बना हुआ है। जिसमे आए दिन अपनी वाहवाही हेतु पुलिसकर्मी नशे के माफियाओं को पकड़कर चालान कर देते हैं। जिसके कारण नशे के माफियाओं को पकड़ा तो जाता है,लेकिन महज एक हफ्ते में ही उसकी जमानत हो जाती है। और वापस से नसे के कारोबार में माफिया लग जाया करते हैं। लेकिन अबकी बार पुलिस प्रशासन के सह पर नए युवाओं को नशे के सामग्री को बेचकर पुलिस वालों को सूचित कर उसे पकड़वा कर हजारों रुपए की वसूली की जाती है। जिसकी वजह से मुख्यालय के इर्द-गिर्द ही कई माफिया नशे का सौदा कर रहे हैं। नशे के सौदागरों से बैढन कोतवाली से लेकर दूरदराज के थाने एवं चौकियों में पदस्थ कर्मियों को गुलाबी नोट देकर युवाओं को नशे का सामान खुले तौर पर बेच रहे है। वही चाचा नेहरू पार्क में दिन के उजाले में हजारों नशेड़ीयों का जमावड़ा लगा रहता है,केवल गांजे की चिलम पीने हेतु दूरदराज के लोग पास बनेअस्पताल, बस स्टैंड,तहसील, कोर्ट, आदि कार्यों हेतु आने वाले व्यक्ति पार्क को सुरक्षित जगह मान वहीं बैठ चिलम पीने लगते हैं! वही पार्क में कई विद्यालयों में पढ़ने वाले छोटे बच्चे बूढ़े बड़े एवं नौजवान युवक घूमने टहलने हेतु आया करते है। जहां इन नशेडियो के वजह से बहुत ज्यादा परेशानियां हो रही है।