Saharsa district :खरीफ कर्मशाला कार्यक्रम का आयोजन प्रेक्षागृह में दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Saharsa district खरीफ कर्मशाला कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

पदाधिकारी Saharsa district वैभव चौधरी के द्वारा सभी कर्मियों का आह्वान किया गया कि saharsa district कृषि प्रधान जिला है। हमारा मुख्य उद्देश्य कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर पहुँचाना है। कृषि का अर्थ केवल खाद्य के लिए उत्पादन करना ही नहीं अपितु संबंधित क्षेत्र में व्यवसाय एवं विपणन के लिए भी कार्य करना है जिसके महत्वपूर्ण अवयव आप सब हैं। saharsa district पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि चुनाव चल रहा है चुनाव में सभी कृषि कर्मी एवं पदाधिकारीयों ने दिये गए विभिन्न कार्यों का कुशलता पूर्वक सह समय निष्पादित किया इसके लिए ये प्रशंसा के पात्र है।

saharsa district

कृषि पदाधिकारी, saharsa district द्वारा खरीफ मौसम में चलाई जा रही विभिन्न योजना यथा-मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना एवं अनुदानित दर पर बीज वितरण की जानकारी दी गई। इनके द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत एक राजस्व ग्राम से धान बीज हेतु अधिकतम 2 किसानों को प्रति किसान 6 कि.ग्रा. आधार बीज आधा एकड़ हेतु 90% अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुदानित दर पर 10 वर्ष से कम एवं 10 वर्ष से अधिक आयु प्रभेदों का बीज एक किसान को 5 एकड़ हेतु अधिकतम 60 कि.ग्रा. बीज 50% अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

इनके द्वारा सभी संबंधित कृषि कर्मी को बताया गया कि पंचायतवार धान बीज वितरण हेतु लक्ष्य आवंटित किया गया, जिस आलोक में बी०आर०बी०एन० अधिकृत बीज विक्रेता द्वारा सभी प्रखंडों में वितरण हेतु धान बीज है। सभी कृषि कर्मियों से आह्वान किया गया कि कृषि कार्य समयबद्ध होता है। समय पर किसानों को बीज उपलब्ध कराने से फसल उत्पादकता भी बढ़ती है। सभी कर्मी को निदेश दिया गया कि अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कर ऑनलाईन आवेदन हेतु वेबसाईट http://brbn.bihar.gov.in/Home/Demand पर जाकर किसान पंजीयन नम्बर आधारित आवेदन किया जा सकता है।

इनके द्वारा यह भी बताया गया कि एक किसान किसी एक ही योजना में बीज के लिए आवेदन कर सकते हैं। डॉ अरुणीमा, प्राचार्य, मंडन भारती. कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर द्वारा बताया गया कि कृषि एक महत्वपूर्ण विषय है इस saharsa district में कृषि से संबंधित एक महाविद्यालय है। जहाँ विभिन्न विषयों के व्याख्याता द्वारा कृषि की पढ़ाई की जाती है। उनके द्वारा सभी कर्मियों से कहा गया कि फसल उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, मसरूम का उत्पादन आदि के संबंध में कृषकों को प्रशिक्षित करते हुए अधिक से अधिक उत्पादन करने हेतु जागरूक करें

ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। शशिशेखर मंडल, उप निदेशक (मृदा संरक्षण), बिहार, पटना द्वारा बताया गया इस बार सचिव महोदय का मुख्य योजना मिलेट्स एवं मक्का के क्षेत्र में वृद्धि करना है साथ ही धान की उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु समय से बुआई, सिंचाई, जीरोटिलेज एवं सीड ड्रिल के उपयोग का व्यापक प्रचार-प्रसार, जैविक खेती एवं जलवायु अनुकूल कृषि एवं विभागीय अन्य योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी दी गई। इनके द्वारा सभी कर्मियों का आ‌ह्वान किया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में जाकर व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए

अधिकाधिक नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराएँ ताकि सभी किसान तकनीकी ज्ञान से कम व्यय में अधिक गुणवत्तापूर्ण उत्त्पादन कर अपने सामाजिक एवं आर्थिक जीवनशैली में अपेक्षित सुधार ला सकें। इनके द्वारा बताया गया कि किसानों को इस कार्यक्रम के माध्यम से धान्य फसलों, सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, मधुमक्खी पालन, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती से संबंधित कठिनाईयों का निराकरण प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण-सह-उपादान कार्यक्रम जो दिनांक 29.05.2024 से 07.06.2024 के मध्य विभिन्न प्रखंडों में आयोजित किया जाएगा, में वैज्ञानिकों तथा कृषि एवं संबद्ध विभागों के प्रसार पदाधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

प्रदीप कुमार झा. अनुमंडल पदाधिकारी, सदर द्वारा बताया गया कि आज के दिन में विकास कितना भी कर लें पर खेती हमेशा ही महत्वपूर्ण रहेगी आज भी 70 प्रतिशत आमदनी खेती एवं खेती से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त हो रही है। उनके द्वारा सभी संबंधित कर्मियों से आह्वाहन किया गया कि तकनीकी पहलुओं की जानकारी आपके द्वारा ही सुदुर क्षेत्र में बैठे किसानों को दी जाती है। जिससे उनकी आमदनी बढ़ाई जा रही है।

अनिशा कुमारी, अनुमंडल पदाधिकारी, सिमरी बख्तियारपुर द्वारा भी कृषि के क्षेत्र में हो रहे व्यापक बदलाव के बारे में जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि खेती से प्राप्त विभिन्न उत्पाद को ही हम सभी खाते हैं। खेती के तकनीक में इस तरह का अमूलचूल परिवर्तन लाया जाए,जिससे उत्पादित फसलों की गुणवत्ता अच्छी रहे एवं उसके उपयोग से जनसमुदाय भी स्वस्थ रहे। कृषि उत्पादों को रखने हेतु गोदाम बनाए जाने की आवश्कता बताई
                                                                                                                                                       सहरसा/दिपेंद्र कुमार

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