ग्राम सेवक की मनमानी से जागरूकता बनी अभिशाप
सीएम पोर्टल व संभागीय आयुक्त के आदेशों पर भी लीपापोती
झुंझुनू। एक तरफ जिला प्रशासन जाब्ते के साथ पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है तो दूसरी ओर ग्राम सेवक द्वारा अतिक्रमण हटाने की बजाय काट दी जाती है 5 वर्षो के किराए की रसीद वह भी एक साथ। देशभर में जागरूकता संदेश आमजन में पहुंचाने के लिए सरकारों द्वारा किए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे आम नागरिक अपने हितों के लिए सजग हो सकें। लेकिन सरकार के इस कार्यक्रम को अधिकारियों की हठधर्मिता जागरूक लोगों पर कुठाराघात के चलते ऐसी योजनाओं से आमजन अभिशाप मानते हुए विमुख हो जाता है।
ऐसा ही हुआ झुंझुनू जिले के समीपवर्ती बड़ागांव निवासी दलीप सिंह के साथ जिन्होंने जागरूक नागरिक की भूमिका निभाने की कोशिश में हताशा का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल बड़ागांव में शीतला माता मंदिर के पास कुछ लोगों ने आम रास्ते पर खोखे डालकर अतिक्रमण कर रखा है जिससे राजकीय अस्पताल, बस स्टैंड, सरकारी कॉलेज व मुख्य बाजार का रास्ता होने के कारण राहगीरों को भारी दिक्कत होती देख अतिक्रमण हटाने की शिकायत करना महंगा पड़ रहा है क्योंकि ग्राम सेवक की हठधर्मिता के चलते अतिक्रमण हटाने की शिकायत करने वाले को अपने पद की हैसियत का पाठ पढ़ाना चाहता है।
उच्च अधिकारियों के आदेश पर भी लीपापोती
अतिक्रमण हटाने की शिकायत दलीप सिंह पर उस वक्त भारी पड़ गई जब उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त व मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत करने के बाद उच्च अधिकारियों ने जब जांच के आदेश दिए तो उसको भी लीपापोती कर इतिश्री कर डाली। शिकायतकर्ता दलीप सिंह पिछले डेढ़ वर्ष से निरंतर आम रास्ते से अतिक्रमण हटाने की शिकायत ग्राम पंचायत, ग्राम विकास अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त व सीएम पोर्टल पर उक्त शिकायत दर्ज करवा चुका है लेकिन अतिक्रमण ज्यों का त्यों बना हुआ है। उच्च अधिकारियों के आदेश की पालना में लीपापोती की रिपोर्ट पेश कर अपना पल्ला झाडऩे में रहते है जिम्मेदार। पांच खोखो में चार को बताया बंद फिर भी नहीं हुआ अतिक्रमण मुक्त आम रास्ता।
ग्रामसेवक ने काट डाली 5 वर्षो की रसीद एक साथ
उच्च अधिकारियों तक पहुंचती शिकायतों का समाधान ना करते हुए ग्राम सेवक बड़ागांव द्वारा 13 अगस्त 20 को एक साथ आम रास्ते में खोखे डालकर अतिक्रमण करने वालों को कार्रवाई के नाम पर पिछले 5 वर्षो की 50 रुपये प्रतिमाह किराए की रसीद काटकर अतिक्रमण के स्थायीकरण की नींव को और मजबूत कर दिया। वहीं यह अस्थाई अतिक्रमण धीरे-धीरे स्थाई होता जा रहा है कुछ लोगों ने आम रास्ते में व्यवसाय हेतु निर्माण भी कर लिया है। ग्राम सेवक बड़ागांव ने जुलाई 2015 से जून 2020 तक के 5 वर्षो के पचास रुपए हर माह के हिसाब से किराए की रसीद शिकायत होने के बाद आनन-फानन में काटकर अतिक्रमण हटाने के आदेशों की इतिश्री कर डाली।
इनका कहना है
हर स्तर पर शिकायत करते करते अधिकारियों की मनमानी से परेशान हो चुका हूं अब इसी प्रकार के चार पांच खोखे मैं भी रखूंगा जिससे मालूम हो जाएगा वहां अतिक्रमण से आमजन को दिक्कत है या नहीं। दलीप सिंह शिकायत कर्ता
खोखे वर्षों से लगे हुए हैं ग्राम पंचायत के कोरम ने फैसला लिया है जिसकी पालना में खोखे वालो ने किराया देकर रसीदें कटवाई हैं इसमें मैं और कुछ नहीं कर सकता आम रास्ते में खोखे अवश्य हैं। जगमाल सिंह ग्राम सेवक बड़ागांव
खोखे पिछले 50 वर्षो से लगे हुए हैं शिकायत की जांच हेतु खंड विकास अधिकारी उदयपुरवाटी ने जांच की थी उस वक्त भी गांव के लोगों ने ऐसा बताया था और बाकायदा किराए की रसीद का पिछले 30 वर्षो का रिकॉर्ड पंचायत में है। अतिक्रमण नहीं है पुराना कब्जा है। राजेन्द्र सैनी, सरपंच प्रतिनिधि बड़ागांव।
बहुत पुराने समय से खोखे वाले काबिज है ग्राम पंचायत को किराया देते है रास्ता अवरुद्ध नहीं है इसलिए यह अतिक्रमण नहीं है। बाबूलाल रैगर, बीडीओ उदयपुरवाटी।