देश आगे बढ़ रहे हैं, सीमाओं पर निगरानी और ज्यादा से ज्यादा तंदुरुस्त हो रहे हैं। देश की सुरक्षा को महत्व देने के साथ-साथ किसी भी तरह का देश विरोधी तत्वों से निपटने का काम भी हम मजबूती के साथ कर रहे हैं।
सीमा सुरक्षा बल के दीक्षांत समारोह अवसर पर उपरोक्त बातें अपने प्रारंभिक भाषण में बल के महानिरीक्षक प्रशिक्षण कुलदीप कुमार गुलिया ने कहीं।
इस दौरान भव्य परेड का निरीक्षण श्री के0 के0 गुलिया, महानिरीक्षक (प्रशिक्षण), बल मुख्यालय,सीमा सुरक्षा बल, नई दिल्ली ने बतौर मुख्य अतिथि किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय ने बैच संख्या- 213 को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने एवं उत्कृष्ट दर्जे की परेड का प्रर्दशन करने पर बधाई दी साथ ही श्री अजय सिंह, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुन्ठपुर एवं उत्तर बंगाल,सीमांत, सेवानिवृत महानिरीक्षक श्री असिताव मोहंती, श्री रमन कुमार श्रीवास्तव और उनके अनुभवी अनुदेशकों की टीम की इस भव्य परैड को इस मुकाम पर पहुँचाने के लिये भूरि-भूरि प्रशंसा की।
महा निरीक्षक प्रशिक्षण कुलदीप कुमार गुलिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि सीमा सुरक्षा बल
देश में किसी भी तरह का देश विरोधी तत्वों को निपटने के लिए हमारे जवान तैयार हैं और साथ-साथ बल का प्रशिक्षण का स्तर बहुत ही आला दर्जे का है और इस बल में अपनी प्रतिभा निखारने के बहुत अवसर मिलते है, आप मे से कुछ प्रशिक्षु अच्छे खिलाड़ी है, उनका चयन बल मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा और उसके बाद आगे उच्च स्तर पर खेलने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
जलपाईगुड़ी जिले के बैकुण्ठपुर निश्चित सीमा सुरक्षा बल के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, , उत्तर बंगाल का एकमात्र ऐसा प्रशिक्षण केन्द्र है जिसने अभी तक 32722 सीमा सुरक्षा बल के नव-आरक्षकों एवं मुख्य आरक्षक (रेडियो मैकेनिक) और अन्य बल के 2573 कार्मिकों को प्रशिक्षित किया है। बैच संख्या- 213 में कुल 229 नव-आरक्षकों ने शपथ ग्रहण की है, जिनमें से 173 मध्य प्रदेश से और 56 उत्तराखंड से है। 44 सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के बाद ये नव-आरक्षक इस मुकाम पर पहूँचे है। इस रंगारंग पैरेड को देखने के लिये सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी, अन्य संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिष्ठित हस्थियां, प्रशिक्षुओं के माता-पिता व परिवारजन और विशिष्ठ अतिथि शामिल हुये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 44 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान इन प्रशिक्षुओं ने धीरे-धीरे अभ्यास कर विभिन्न प्रकार के हथियारों को चलाने, चांदमारी कुशलता, सीमा प्रबंधन, कानूनी प्रावधान, ड्रिल एवं बल की अन्य गतिविधियों में दक्षता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुण्ठपुर के प्रशिक्षकों की सशक्त मेहनत से इनकी शारीरिक दक्षता में भी बढोतरी हुई है जिसके परिणामस्वरूप यह सभी नव-आरक्षक शारीरिक, मानसिक एवं व्यावसायिक तौर पर पुरी तरह से देश की रक्षा एवं देश विरोधी तत्वों का सामना करने के लिये तैयार है।
इस समारोह में श्री रमन कुमार श्रीवास्तव, समादेष्टा (प्रशिक्षण एवं मुख्य अनुदेशक) ने दीक्षांत परेड के दौरान मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं परेड के दौरान मुख्य अतिथि महोदय के साथ मौजूद रहे। परेड के समापन के बाद महिला नव-आरक्षको ने अतुल्य भारत की विविधताओं को दर्शाने वाली एक शानदार मूक प्रस्तुती दी, उसके बाद ई गुल्म की ही महिला नव आरक्षकों ने आंखों पर पट्टी बांधकर राइफल को खोलना- जोड़ने और एक हाथ से राइफल को खोलने- जोड़ने के डेमो का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा महज 10 से 12 सेकंड में इस कार्यवाही को बखूबी अंजाम दिया और संस्थान के पी0टी0 अनुदेशकों ने शारीरिक दक्षता और विभिन्न कलाबाजियों को डैमो के माध्यम से प्रदर्शित किया, जिसकी सभी आगन्तुकों ने सराहना की ।
शुक्रवार को आयोजित सहायक प्रशिक्षण केंद्र, बैकुंठपुर में परेड के दौरान उपस्थित प्रशिक्षुओं के माता-पिता एवं परिवारजनों को इस यादगार परेड पर गर्व की अनुभूति हुई, जिसे वे जीवन भर अपनी यादों में संजो कर रखेंगे। प्राप्त सूत्रों के अनुसार,
1148 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत थे, जिनमें से 229 नव आरक्षक पास आउट हो चुके है और अभी वर्तमान समय मे 241 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत है।