165 की अनुमति के लिए जिला प्रशासन का सुस्त रवैया-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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By News Desk
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*जिले की जनता हो रही परेशान शासन का राजस्व भी रोका जा रहा।

झाबुआ: जिले मैं ऐसे सैकड़ों लोग हैं जो अपनी भूमि विक्र य करना चाह ते है वही क्रेता 165 के अनुमति प्राप्त होने के पश्चात रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं विगत 8 माह से 165 (ख) की अनुमति प्राप्त करने के लिए जिले के सैकड़ों लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं
कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता साबि र फिटवेल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया आदिवासी बहुल जिले में नगरी क्षेत्र की भूमि में 165 आवश्यकता ही नहीं है जिस भूमि कि एक बार अनुमति प्रदान हो गई उक्त भूमि पर दोबारा की आवश्यकता नहीं है 2 वर्ष कोरोना काल की वजह से पहले ही मध्यम वर्गीय परिवार की आर्थिक स्थिति खस्ता चुकी है कोई अपनी भूमि विक्रय कर व्यापार में राशि लगाना चाहता है और क्रेता अपना आशियाना बनाने के लिए रजिस्ट्री की बाट जो ह रहा है और कोई अपनी भूमि को विक्रय कर अपने परिवार मैं बेरोजगार है उन्हें रोजगार के लिए काशी की आवश्यकता है आज 165 (ख ) की कई फाइलें कलेक्टर कार्यालय लंबित पड़ी है
प्रवक्ता फिटवेल ने कहा कि आगामी दिनों में गाइडलाइन बढ़ जाने से रजिस्ट्री शुल्क बढ़ोतरी होगी जिससे जनता को आर्थिक हानि होगी वहीं जिला प्रशासन को माह मार्च के पूर्व ही इन्हें अनुमति प्रदान कर देना चाहिए वही अनुमति के पश्चात रजिस्ट्री शुल्क जमा करने के बाद शासन का ही राजस्व बढ़ेगा शासन से मांग की है कि शासन को 165(ख) की अनुमति आवेदन की समय सीमा निर्धारित कर लोक सेवा गारंटी अधिनियम में लेना चाहिए ताकि समय पर अनुमति प्रदान हो सके

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