शहर गाजीपुर मोहल्ला काजीमंडी तुलसी का पुल स्थित, (श्रीमती सलमा बीबी) के इमामबाड़े सहन पर कदीमी शबे आशूर की मजलिस का कार्यक्रम अपनी परम्परा अनुसार आयोजित हुआ।
इस मजलिस में सबसे पहले, (जनाब फिरोज़ हैदर ने सोज़ख्वानी) की फिर उसके बाद, (शायरएएहलेबैत जनाब शोजिब गाजीपुरी) एवं (शायर ए एहलेबैत, जनाब बादशाह राही साहब) ने अपने मखसूसी अंदाज में पेशख्वानी की फिर उसके तुरंत बाद शहर गाजीपुर के शिया धर्म गुरु इमाम ए जुमा, हुज्जत उल इस्लाम (मौलाना तनवीर उल हसन जैनबी) साहब ने मजलिस खिताब फ़रमाया। जिसमे उन्होंने शब-ए-आशूर के वाकये का मंजर बयां किया। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन (अ.स) और उनके छह महीने के बेटे अली असगर सहित 70 अन्य को शहीद कर दिया गया। यजीदी फौज का जुल्म यहीं खत्म नहीं हुआ। पैगम्बर मोहम्मद साहब के घराने की महिलाओं के खेमों (तंबुओं) में उन्होंने आग लगा दी, जिसमें बच्चे भी शहीद हुए।
फिर बाद ए मजलिस शहर गाजीपुर स्थित मोहल्ला नाखास की अंजुमन ए हुसैनिया ने अपने मखसूसी अंदाज़ में नौहखवानी व सीनाज़नी कर मजलिस को संपन्न कराया। इस मजलिस में श्रीमति सलमा बीबी के पुत्रगण (श्री मो अब्बास नकवी) एवं (श्री हुसैन अब्बास नकवी) आदि मौजूद रहे।
कार्यकर्म अपनी परंपरा अनुसार ज़िला प्रशासन एवं भारी पुलिस बल की देख रेख में संपन्न हुआ।