चित्रकूट: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जनपद न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में गांधी जयंती मनाई गई। इस दौरान बापू के बताए अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी जनपद न्यायाधीश / जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सुलह के बल पर ही देश को आजादी दिलायी। उन्होने कहा कि किसी भी वाद-विवाद को निस्तारित करने में सुलह समझौता ही श्रेष्ठ है। उन्होंने महाभारत एवं रामायण का उदाहरण देते हुये पक्षकारों को सुलह समझौते से वादों का निस्तारण कराने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा । उन्होने कहा कि हम सभी को किसी भी विवाद को सुलझाने के लिये मध्यस्थता का मार्ग अपनाना चाहिए। वाद को समझौते के माध्यम से निस्तारित कराने पर समय, धन की बचत होती है एवं दोनो पक्षों की विजय होती है। उन्होने कहा कि वादों को समझौते के आधार पर निस्तारित कराने के लिये सभी अधिवक्ताओं को अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने मध्यस्थता की पद्धति अपनायी तभी इस देश को स्वतन्त्र करा पाये थे। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को बापू के अहिंसा के सिद्धांत का अनुसरण करने का संकल्प दिलाया।कार्यक्रम का संचालन प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव विदुषी मेहा ने किया। इस मौके पर चित्रकूट न्यायालय में कार्यरत सभी न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।