मेडिकल कालेज में जैव अपशिष्ट प्रबंधन बायो बेस्ट मैनेजमेंट पर तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ 

Aanchalik Khabre
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अनुज सिंह:शाहजहांपुर- जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर जैव अपशिष्ट प्रबंधन बायो बेस्ट मैनेजमेंट की बिस्तृत जानकारी साझा की गई।मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ अभय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर पी रावत द्वारा किया गया।इस मौके पर डॉ महेंद्र पाल डॉ जय प्रकाश सिंह व डॉ पूजा त्रिपाठी ने सभी तरह के मेडिकल कचरा के उचित प्रबंधन करने संबंधी जानकारी विस्तार से दी।कार्यशाला में जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के प्रतिनिधि को किस तरह का कचरा किस प्रकार की बाल्टी में रखना है से लेकर कहाँ भेजकर निपटारन किया जाना है इस बारे में बताया गया। यही नही कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर पी रावत ने कहा कि जैसा कि सभी जानते है एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है इस मौके को ध्यान में रखते हुए जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमे हमारे डॉक्टरगण नर्सिंग स्टाफ पैरा मेडिकल स्टाफ व सफाई कर्मचारी गणो ने प्रतिभाग किया जैसा कि हमारे मेडिकल कालेज के प्रमुख अध्यापकगणो ने बताया कि जो अपशिष्ट अस्पताल में पैदा होते है उनका अलगाव कैसे किया जाता है मतलब कौन सा कचरा किस रंग के डिब्बे में डाला जाना चहिए। उसको कैसे इकट्ठा व स्टोर करते है और अंत मे इस एकत्रित कचरे को ट्रीट करके उसका सही निस्तारण कैसे करते है कार्यशाला में यह भी बताया गया कि किस रंग की बाल्टी में किस प्रकार का कचरा जमा कर सकते है। पीली बाल्टी में मानव अंग से निकला हुआ कटा फटा रसायनिक पदार्थ खून से सना हुआ पदार्थ आदि लाल बाल्टी में यूरिन बैग बोतल सिरिंज बिना सुई के ग्लब्स आदि सफेद बाल्टी में नुकीला पदार्थ जैसे सुई ब्लेड आदि नीली बाल्टी में कांच से बने पदार्थ टूटा हुआ कांच का दूषित टुकड़ा बैक्सीन वाइल आदि।उन्होंने यह भी बताया कि अस्पतालों में हर रोज भारी मात्रा में कचरा निकलता है।जिसका 85% भाग हानिकारक नही होता है।जबकि शेष 15% कचरा ही हानिकारक होता है इसलिए हम सब को जागरूक होने की जरूरत है और यही कार्यशाला का उद्देश्य है।

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