झुंझुनू।जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि पांचवी साल की अंतिम किस्त को राज्य सरकार द्वारा सीधे पंचायतों के खातों में भेजने के बजाय पंचायत समिति के पीडी खाते में भेजा गया तथा उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया तो सरपंचों के पास पूर्व में प्राप्त राशि का हिसाब ही नहीं मिला।जिला परिषद से 71 करोड का हिसाब देने की सख्त ताकीद की गई तथा किस्त रोकने के आदेश दिए गए तो सरपंच बौखला गए तथा अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है जबकि जिले के अन्य ब्लॉक में 50 प्रतिशत से अधिक की राशि का समायोजन हो चुका है।पंचायती राज संस्थाओं द्वारा को आवंटित राशि का 50 प्रतिशत उपयोग करने के बाद ही शेष राशि अगली किस्त के रूप में दी जाती है लेकिन पंचायत समिति उदयपुरवाटी में राजनीतिक दखलअंदाजी एवं लापरवाही के चलते 70 करोड़ 84 लाख का हिसाब नहीं दिया जा रहा है।
इस ब्लॉक में 40 ग्राम पंचायतों के खातों में गत 5 साल के दौरान राज्य व केंद्रीय अंशदान के रूप में कुल 73 करोड़ 64 लाख रुपए भेजे गए थे इतनी बड़ी राशि में से इन पंचायतों ने मात्र 2 करोड़ 80 लाख रुपए का खर्चा दिखाकर समायोजन करवा लिया। शेष 70 करोड़ 84 लाख रुपए का किस प्रकार से उपयोग किया गया तथा का उपयोग हुआ अभी तक कोई हिसाब नहीं दिया है।वित्त आयोग की मार्ग निर्देशिका के अनुसार पूर्व में भेजी गई राशि में से 50 प्रतिशत राशि खर्च कर समायोजन करवाने के बाद ही अगली किस्त जारी की जाती है परंतु सरपंचों के राजनीतिक दबाव के चलते उदयपुरवाटी पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने समायोजन के झूठे आंकड़े भेजकर नई किस्त प्राप्त कर ली।