लाकडाउन की आड़ में, नगर पालिका की मिलीभगत से..विवादित निर्माण को सरेआम दिया अंजाम
कोरोनकाल में लगे लॉक डाउन व महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ रखी है। वहीं अधिकांश लोगों के लिए यह वरदान भी साबित हुआ है! विशेषकर मुनाफाखोर,अवसरवादी,भ्रष्टाचारी,आदि लोगो के लिये तो इससे अच्छा अवसर ही नही था!
ऐसे ही एक मामले में, वार्ड क्र. 6 नंदा मार्ग स्थित एक विवादित भूखण्ड पर भवन निर्माण कार्य को सरेआम अंजाम दे दिया गया। जबकि वार्ड वासियो द्वारा की गई संयुक्त शिकायत पर खुद नगर पालिका उक्त निर्माण पर एक बार हथौड़ा चला चुकी है . उसके बावजूद पुनर्निर्माण की स्थिति में शिकायत कर्ता द्वारा तत्कालीन सीएमओ प्रेम वासुरे से प्रत्यक्ष मिलकर निर्माण रुकवाने की अपील भी की गई थी। तथा उन्होंने सहायक इंजीनियर धर्मेश चंदेल को तत्काल कार्य रुकवाने के आदेश भी दिए थे।.
लेकिन इंजीनियर साहब की मंशा तब ही स्पष्ट हो गई थी जब उन्होंने उलटा शिक़ायत कर्ता से कहा तुम्हे क्या लेना-देना,वहाँ अतिक्रमण कहाँ है। जबकि इंजीनियर साहब ने यह नही बताया कि,फिरनगर पंचायत ने पहले उक्त निर्माण को तोड़ा क्यों था ?*
उल्लेखनीय है कि वार्ड के विजय कर्मा द्वारा पुराने पैतृक कच्चे मकान को तोड़कर नवीन मकान का निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्थानीय रहवासियो ने १० जून २०१९ को नगर पालिका में आवेदन देकर शिकायत की थी कि आवेदक द्वारा निर्माणाधीन मकान से लगे आम रास्ते पर लगभग 5 फ़ीट नाजायज अतिक्रमण किया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओ द्वारा ८ दिसंबर २०२० को पुनः रिमाइंडर भी प्रेषित किया गया। जिसके पश्चात नगर पालिका ने अनावेदक को ३० दिसंबर २०२० को एक पत्र जारी करके अनावेदक को अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा था।
जिसके बाद ३० दिसंबर २०२० को आवेदक ने स्थानीय थाने पर जाकर अनावेदक द्वारा धमकाए जाने को लेकर एनसीआर भी दर्ज करवाई थी। बावजूद इसके निर्बाध निर्माण होता देख शिकायतकर्ता ने ९ जनवरी २०२१ को कलेक्टर को शिकायत भेजने के साथ सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर दी।
जिसके बाद २१ जनवरी २०२१ को नगर पालिका ने अपने पत्र क्र. 2322/लो.नि./2020 एवं निकाय के पत्र क्र. CMHL/137/2021 के संदर्भ में अनावेदक को पुनः पत्र जारी कर अतिक्रमण हटाने हेतु लिखा।
तद्पश्चात २४ फ़रवरी २०२१ को नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा आरसीसी से निर्माणाधीन अनुचित कब्जे को पूरी तरह से ना हटाते हुए खानापूर्ति के लिए महज पिल्लरों को छील दिया गया।
उसके बाद नगर पालिका कर्मचारियों ने शिकायत कर्ता हरि सेन से कहा आपकी शिकायत का निराकरण हो गया है अब अपनी शिकायत वापस ले लो। हरि सेन द्वारा मौका मुआयना करने की बात पर कर्मचारी कैलाश जायसवाल ने मोबाइल पर उसकी बात सीएमओ राधेश्याम मंडलोई से करवाई। सीएमओ मण्डलोई ने भी वही बात दोहराते हुए शिकायत वापस लेनी की बात कही। जब सेन ने कहा कि उचित निराकरण नही होने तक शिकायत वापस नही लूंगा। तब सीएमओ मण्डलोई ने धमकाते हुए कहा कि शिकायत तो वापस लेनी पड़ेगी नही तो तुम्हारे घर की बिजली काटने के साथ घर को भी तोड़ दिया जायेगा।
इससे व्यथित हरि सेन ने २६ फ़रवरी को एसडीएम को भी आवेदन देकर न्याय के लिए गुहार लगाई। लेकिन इस बीच लॉकडाउन की आड़ में अनावेदक ने पुनः निर्माण कार्य आरंभ कर दिया। यह देख शिकायत कर्ता ने नगर पालिका पहुचकर तत्कालीन सीएमओ प्रेम वासुरे से निर्माण कार्य रुकवाने की अपील की और उन्होंने सहायक इंजीनियर धर्मेश चंदेल को निर्माण कार्य रुकवाने के आदेश भी दिये। लेकिन नगर पालिका द्वारा तत्काल ठोस कार्यवाही नही किए जाने के कारण विवादित भवन निर्माण का कार्य धडकल्ले से चल रहा है.
इस समस्या पर बिजली विभाग ने तो एक कदम और बढ़ते हुए अपने पोल हटाकर 5 फ़ीट दूर शिफ्ट करके अतिक्रमणकारियों की सीधे सीधे मदद कर डाली। जब दो-दो शासकीय विभागों से मदद मिल रही हो तो अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद क्यों नही होंगे ?