नए एसपी के आते ही क्यों सक्रिय हो जाती है पुलिस क्यों किसी निर्देश का इंतजार रहता है जो लेन-देन नहीं करता वह अवैध देने वाला अधिकृत अफसरों की मोबाइल और डायरी की जांच किया जाए
राजनांदगांव हेमंत वर्मा ब्यूरो चीफ राजनांदगांव जिले में जब से नए एसपी श्री संतोष सिंह ने पदभार ग्रहण किया है अवैध शराब जुआ सट्टा अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों में दहशत देखी जा रही है निश्चित रूप से प्रशंसनीय कार्य है आवश्यक कार्य अनवरत चलते रहना चाहिए हाल ही में पुलिस के हाथ अब तक के सबसे बड़े गांजा तस्कर आरोपी पुखराज वर्मा शहर के बीचोबीच तुलसीपुर से गिरफ्तार किया है जिसमें पुलिस ने 22 लाख का 317 किलो गांजा जप्त किया 1200000 रुपए नगद 2800000 रुपए की है ब्रेसलेट चैन के साथ गिरफ्तार किया इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है सवाल यह है कि गांजा तस्कर के घर और पुलिस थाना की दूरी महज 1 किलोमीटर है और वह लंबे समय से यह कारोबार कर रहा था इलाके के हर व्यक्ति को उसके काले कारनामों की जानकारी थी लेकिन गांजा बेचकर लाखों रुपया कमाने वाला व्यक्ति पुलिस के रडार में क्यों नहीं आया नए एसपी आता है और पुरानी तस्कर पर कार्यवाही हो जाती है और यह कार्यवाही उसी थाना के व्यक्ति करते हैं जो उस क्षेत्र का है इसका मतलब नजराना न्योछावर की बात है वरना इतना बड़ा तस्करी पुलिस के नाक के नीचे नहीं हो सकता इसी तरह राजनांदगांव जिले में अमूमन हर थाना चौकी क्षेत्र अंतर्गत खुलेआम अवैध शराब बिक्री एवं सट्टा खाई वाली लंबे समय से किया जा रहा था जिसमें रहे एसपी के आने से कुछ हद तक लगाम लगी है यहां भी सवाल वैसा ही है अब पुलिस लगातार सक्रिय होकर परंपरागत रूप से दारू कोच्चिया सट्टा खाई वालों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रही है. सबसे बड़ा आश्चर्य का विषय तो यह है कि इन दारु बेचने वाले सट्टा खिलाने वालों को जिला मुख्यालय की पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है लोकल पुलिस चौकी थाना ही गिरफ्तार कर रही है इसका मतलब यह है कि पुलिस के संरक्षण में ही अवैध शराब जुआ सट्टा पूरे जिले भर में चल रहा है सवाल गंभीर है नए एसपी आने से ही क्यों सक्रिय हो जाती है पुलिस क्यों किसी निर्देश का इंतजार रहता है अव्वल बात तो यह है कि सब कमीशन खोरी निछावर और बक्शीश की बात होती है वरना सड़क छाप चलने वाला व्यक्ति देखते ही देखते दो नंबर का काम करके जिनकी साइकिल खरीदने की औकात नहीं रहती वह फोर व्हीलर जैसी महंगी गाड़ियों में घूमता है और जिस जगह जिस गांव में वह तस्करी करता है क्षेत्र के लोगों को चिढ़ाते फिरता है कुछ उदाहरण पुलिस वालों के ऐसे भी आए हैं जो बकायदा तस्करों के घरों में जाकर उसी स्थान पर शराब सेवन कर अवैध तस्करों के हौसले बुलंद करते हैं इस पूरी कहानी का सारांश यह है कि अगर आप मंथली या हफ्ता बांध लेते हो तो आप अधिकृत शराब विक्रेता या सटोरिया हैं आपका अगर सेटिंग नहीं है तो पहले ही दिन पकड़ आने की गारंटी है क्या कारण है कि घर में छठी व्यवहारिक विवाह परकार्यक्रम में दो चार और 10 पाव दारू वाले आने वाले व्यक्तियों को पुलिस तत्काल गिरफ्तार कर लेती है लेकिन उसी शराब दुकान के सामने पेटी पेटी शराब की निकासी होती है तब क्या पुलिस को दिखाई नहीं देता सब कमीशन का खेल रहता है फिलहाल राजनांदगांव जिले में नए एसपी के आने से जुआ सट्टा अवैध शराब पर कुछ हद तक लगाम लगी है लेकिन हर बार होते आया है भ्रष्ट राजनीतिक व्यक्ति ऐसे ईमानदार व्यक्तियों को पसंद नहीं करते उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के ही बड़े स्तर के एक नेता जिन पर आरोप समय-समय पर लगता है कि वह अवैध शराब सट्टा पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है नए एसपी की कार्यप्रणाली से परेशान है इस बात की जानकारी नए एसपी को भी है और उन्होंने दो टूक कह दिया है उन पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं आएगा और वह अपना काम ईमानदारी से करते रहेंगे.