नागरिक स्वास्थ्य अधिकार विधेयक पारित किया जाए- श्री राधेश्याम (वरिष्ठ नागरिक)
एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
नई दिल्ली – पिछले दिनों द्वारका के सेक्टर 3 में वरिष्ठ नागरिक संघ, द्वारका ने अपना 9वाँ वार्षिक वरिष्ठ नागरिक दिवस सम्मान समारोह 23 नवंबर, 2019 को दीनदयाल कॉलेज, सेक्टर -3, द्वारका मे आयोजित किया | इस समारोह मे वरिष्ठ नागरिकों के सुरक्षा एवं स्वास्थ्य हेतु मामलों पर जोर दिया गया । इस समारोह में सम्पूर्ण दिल्ली क्षेत्र के लगभग 300 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया |
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सभा की अध्यक्षता कर रहे श्री जे. आर. गुप्ता, ने अपने संगठन का परिचय कराते हुए बताया कि हमारे वरिष्ठ नागरिक संगठन में इस समय लगभग 11 लाख सदस्य हैं, आगे उन्होंने कहा कि उनका संगठन सरकारी अधिकारियों के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता पहुँचा रहा है, साथ ही भारी संख्या मे वरिष्ठ नागरिकों को पर्यटन की सुविधा भी मुहैया करा रहा है ।
इस अवसर पर समारोह के व्यावस्थापक एवं मंच की अध्यक्षा कर रहे श्री बलबीर सिंह यादव, संघ के अध्यक्ष एवं श्री जे. आर .गुप्ता , वरिष्ठ नागरिक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अतिथियों का स्वागत किया। उस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित सब से बुज़ुर्ग 89 वर्षीय सब से वरिष्ठ नागरिक के रूप में उपस्थित पूर्व महानिदेशक, व्यापार और औद्योगिक विकास भारत सरकार तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ कर अपने बहुमूल्य विचारों का योगदान देने वाले तथा भारतीय एकता परिषद के संचालक एवं जाने माने विद्वान श्री राधेश्यामजी को वरिष्ठ नागरिक प्रगतिशील जीवन का स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर श्री राधेश्यामजी ने अपने वक्तव्य मे कहा कि देश मे वरिष्ठ नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ी है हालाँकि, इस उम्र मे वे शहरीकरण और विस्थापन की वजह से कई समस्याएँ झेल रहे हैं जिनमें स्वास्थ्य समस्या प्रमुख हैं और कभी-कभी अपने बच्चों के अपेक्षित व्यवहार के कारण अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती हैं । इसलिए यह जरूरी है कि उनके लिए एक व्यापक विधेयक पास किया जाए तथा यह भी जरूरी है कि वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और देखभाल के लिए देश के सभी राज्यों के द्वारा सरकारी अस्पतालों मे जरा-चिकित्सा विभाग खोला जाए जैसा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान , दिल्ली मे इसका एक सुव्यवस्थित विभाग है। उसी ढांचे के आधार पर सभी अस्पतालों मे अलग वार्ड खोलने की आवश्यकता है ।
उन्होने आगे कहा कि यह समय की मांग है कि भारत सरकार पूर्ण विचार करके “नागरिक स्वास्थ्य अधिकार विधेयक “ लाए और उसे पास करे । इस विधेयक से देश के गरीबों को राहत मिलने के साथ साथ ग्रामीण लोगो को भी इससे लाभ होगा । उन्होने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दिशा निर्देश दिया है कि सभी देशों के कुल बजट का 6% स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिए । भारत की कुल जनसंख्या के लिए कुल बजट का यह मात्र 1.5% है । सिर्फ स्वस्थ नागरिक और स्वस्थ देश ही हाथ से हाथ बढ़ाते हुए आगे चल सकते हैं । उन्होने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WTO) ने माना है कि क्यूबा , श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे कई छोटे देश भी नागरिक स्वास्थ्य अधिकार अधिनियम पास कर चुके हैं । WTO द्वारा यह भी उद्घाटित किया है कि ये सभी देश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र मे भारत से भी बेहतर हैं तथा पाकिस्तान भी स्वास्थ्य के मामले मे भारत से बेहतर है ।
भारत देश जिसे विश्व शक्ति के रूप में जाना जाता है , ऐसे में आवश्यक है कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान दिया जाए और समस्त नागरिकों के स्वास्थ्य अधिकार बिल को पारित किया जाए ।