रितेश मलिक
बहराइच 31 जुलाई। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जा रहे समस्त वृहत एवं लघु निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने हेतु मण्डलवार विशिष्ट संस्थानों यथा आईआईटी, आईआईआईटी एवं इंजीनियरिंग कालेज जैसी संस्थाओं से कराये जाने का निर्णय २ाासन द्वारा लिया गया है। जिससे कि प्रायोजनाओं/ निर्माण पर व्यय होने वाली धनराशि का सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
थर्ड पार्टी निरीक्षण हेतु मण्डलवार विशिष्ट/प्रतिष्ठित संस्थाओं के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी, मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद प्रयागराज, जाकिर हुसैन कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ,़ हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय कानपुर नगर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी, लखनऊ (घटक महाविद्यालय डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उ.प्र. लखनऊ), मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर, सेन्ट्रल बिल्डिंग रिसर्च इन्स्टीट्यूट रूड़की एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की उत्तराखण्ड को नामित किया गया है।
२ाासन द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुसार भविष्य में आवश्यकता पड़ती है तो थर्ड पार्टी मूल्यांकन हेतु आबद्ध संस्थानों के अतिरिक्त राज्य के अधीन अन्य ऐसे संस्थानों को आबद्ध किया जायेगा जो प्रतिष्ठित हो और जहां तकनीकी परीक्षण अवस्थापनायें उपलब्ध हों। थर्ड पार्टी मूल्यांकन हेतु आबद्ध संस्थानों द्वारा विभिन्न प्रकार की सिविल परियोजनाओं में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे ईंट, सीमेण्ट, कंकीट, प्लास्टर, चिनाई सामग्री, बिटूमिन, गिट्टी इत्यादि की सैम्पलिंग की जायेगी तथा उसको विशिष्ट प्रयोगशालाओं के माध्यम से परीक्षित करके रिपोर्ट प्राप्त की जायेगी, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उपयोग होने वाली सामग्री मानकों के अनुसार है, अथवा नहीं।
क्रियान्वित होने वाली परियोजनाओं का थर्ड पार्टी निरीक्षण सुनिश्चित कराने का मूल दायित्व जिलाधिकारी का होगा। जिलाधिकारी अपने जनपदों में क्रियान्वित होने वाली परियोजनाओं हेतु पैनल में से संस्था को सुविधानुसार आबद्ध करते हुए उनसे निर्माण के दौरान ही अनिवार्य रूप से निरीक्षण सुनिश्चित करायेंगे। जिन योजनाओं में इकाई लागत रू. 10 लाख से अधिक होगी उनमें सभी इकाइयों को निरीक्षण हेतु चिन्हित किया जायेगा। 10 लाख रूपये से कम की इकाई लागत वाली योजनाओं में सुविधानुसार जिलाधिकारी रैण्डम आधार पर कतिपय इकाईयों को चिन्हित कर विस्तृत थर्ड पार्टी निरीक्षण करायेंगे। निरीक्षण आख्या आबद्ध संस्थाओं द्वारा सम्बन्धित जिलाधिकारी एवं कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करायी जायेगी।