Srimad Bhagwat कथा श्रवण मात्र से मिलता कष्टों से छुटकारा:प्रयागराज समोगरा में श्रीमद्भागवत कथा में संत शीतला प्रसाद स्वामी जी ने दिया उपदेश, कहा- सत्य के पथ पर चलें
कलयुग में Srimad Bhagwat कथा सुनने से होती है मोक्ष की प्राप्ति- संत शीतला प्रसाद
प्रयागराज नैनी समोगरा में Srimad Bhagwat कथा महोत्सव में मुख्य यजमान श्रीमती मीना गोस्वामी और लाल पूरी गोस्वामी और बाबा समोगर नाथ मुख्य यजमान भरत शुक्ला पत्नी नीलम शुक्ला एवं समोगरा मंदिर के पुजारी आचार्य कमल गिरी प्रधान कार्यकम के मुख्य रूप से शामिल रहें अशोक शुक्ला अरविंद कुमार शुक्ला द्वारा विधिवत पूजन कराया गया।
Srimad Bhagwat कथा की अमृत वर्षा वृंदावन से पधारे संत शीतला प्रसाद स्वामी जी के द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने पर अमृत के समान मोक्ष दायनी है। और सत्य चित आनंद से परिपूर्ण करने वाली और विश्व का कल्याण करने वाली है।
उन्होंने Srimad Bhagwat कथा को श्रवण करने के लिए राजा परीक्षित जैसे श्रोता की आवश्यकता बताई। सूत व्यास जैसे वक्ता की आवश्यकता बताई। उन्होंने पहले दिन कथा कैसे करवानी चाहिए, उसके बारे में वर्णन किया। सनकादि ऋषि इकट्ठे होकर इस भागवत ग्रंथ के बारे में सूतजी से पूछते हैं कि हे सूत जी इस ग्रंथ की महिमा क्या है।
सूत जी ने कहा कि ये ग्रंथ भव सागर से तारने वाली और चिंतामणि कल्पवृक्ष से भी यह ग्रंथ बड़ा है। इसकी महिमा अनेक ऋषियों संत महात्मा देवी देवताओं से पूजित है। प्रयागराज नैनी समोगरा में इन दिनों श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हो हुई। जिसमें कथा वाचक स्वामी संत शीतला प्रसाद जी नें बताया कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
उन्होंने बताया कि भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं व भागवत कथा करने और कराने वालों को मुक्ति दिलाते हैं। मनुष्य योनि से मुक्ति दिलाने का भागवत कथा श्रवण एक बड़ा माध्यम है। भगवान पृथ्वी पर पैदा हुए मनुष्य को अपने जीवन कर्म के आधार पर फल देते हैं।
Srimad Bhagwat कथा समापन पर भंडारे में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
नैनी समोगरा शिव मंदिर में Srimad Bhagwat कथा सोमवार को संपन्न हुई। कथा विश्राम पर हवन पूजन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। वृदावान के कथा वाचक संत शीतला प्रसाद स्वामी जी ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण में ऑक्सीजन का संचार बढ़ जाता है।
इससे आत्मिक और धार्मिक बल मिलता है। मुख्य यजमान श्रीमती मीना गोस्वामी लालपुरी गोस्वामी अपनी पत्नी और बाबा समोगर नाथ मुख्य यजमान भरत शुक्ला पत्नी नीलम शुक्ला के साथ मौजूद रहे। इस दौरान प्रयागराज से महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी,अशोक कुमार शुक्ला, अरविंद कुमार शुक्ला, कमल गिरी प्रधान पुजारी, मुन्ना शुक्ला, सुरेश यादव, मुकेश शुक्ला, सोनू मिश्रा, इत्यादि लोग मौजूद रहे।
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