ठाणे: मस्जिदों के लाउडस्पीकर हटाने को लेकर हो रही लगातार टिप्पणियों और बयानों के विरोध में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नाराज़गी जताई और विधायक डॉ. जितेंद्र आव्हाड से मुलाकात कर मदद मांगी। इसके बाद धर्मगुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे से मिला, जहां उन्होंने स्पष्ट कहा कि “न्यायालय के आदेश का पालन सभी को करना होगा और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।”
मुस्लिम धर्मगुरुओं की नाराज़गी और विधायक आव्हाड का समर्थन
मुस्लिम धर्मगुरुओं के प्रतिनिधिमंडल में विधायक डॉ. जितेंद्र आव्हाड, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सैयद अली अशरफ, एनसीपी मुंब्रा-कलवा अध्यक्ष शमीम खान समेत कई उलेमा शामिल थे।
उन्होंने पुलिस आयुक्त से भड़काऊ और विवादास्पद बयानों पर रोक लगाने और कानूनी दायरे में समाधान निकालने की अपील की।
आयुक्त ने आश्वासन दिया कि किसी भी स्थिति में कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और “पुलिस कानून और जनता दोनों के साथ खड़ी है।

लाउडस्पीकर बयानबाज़ी से बढ़ी चिंता
हाल ही में भाजपा नेता किरीट सोमैया के विवादित बयान के बाद कलवा और मुंब्रा पुलिस ने मस्जिद प्रशासन से लाउडस्पीकर को लेकर सवाल करना शुरू किया, जिससे इमामों और मस्जिद प्रबंधकों में बेचैनी बढ़ गई।
विधायक आव्हाड और उलेमाओं ने कहा कि पुलिस को मस्जिदों पर सख्ती नहीं करनी चाहिए और मौलवियों को थाने में न बुलाकर ट्रस्टी से बात करनी चाहिए।
गुजरात हाईकोर्ट का हवाला और पुलिस का आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल में शामिल एडवोकेट जलील नौरंगे ने आयुक्त को बताया कि गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि मस्जिदों से अज़ान देना ध्वनि प्रदूषण नहीं है।
पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी भी तरह की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होगी।
विधायक आव्हाड का बयान – "धर्मिक विविधता हमारी पहचान
बैठक के बाद डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने मीडिया से कहा –
“कुछ लोग दूसरों के घर में आग लगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कि चिंगारी पूरे गांव को जला सकती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अज़ान पर प्रतिबंध लगा तो भजन और गणपति के लाउडस्पीकर पर भी रोक लग सकती है।
आव्हाड ने कहा कि भारत की पहचान उसकी धार्मिक विविधता में है, जहां अज़ान, घंटियां और प्रार्थनाएं साथ सुनाई देती हैं।
मुंब्रा में लाउडस्पीकर परमिट की स्थिति
शमीम अहमद खान ने बताया कि मुंब्रा में 81 मस्जिदों को लाउडस्पीकर परमिट मिल चुके हैं और बाकी को भी जल्द जारी किए जा रहे हैं।
मुफ्ती अशरफ ने कहा कि मौलाना को थाने में बुलाने के बजाय ट्रस्टी से संपर्क किया जाए और आवश्यक कागजात मस्जिद प्रशासन मुहैया कराएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख उलेमा
बैठक में मौलाना अब्दुल वहाब कासमी, मौलाना सगीर बरकती, मौलाना शफीकुर्रहमान नदवी समेत कई धर्मगुरु मौजूद रहे।
सभी ने मिलकर संदेश दिया कि धर्मिक सौहार्द बनाए रखना सबसे ज़रूरी है और विवाद को कानूनी तरीके से सुलझाया जाए।