ठाणे और पालघर में उद्योगों को मिली गैर-कृषि (एनए) अनुमति से छूट, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगा औद्योगिक विकास

Aanchalik Khabre
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महाराष्ट्र सरकार

ठाणे, महाराष्ट्र – महाराष्ट्र सरकार ने ठाणे और पालघर जिलों में छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए गैर-कृषि (एनए) अनुमति की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस नीति सुधार को राज्य में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने वाला कदम बताया जा रहा है।

नीति सुधार का उद्देश्य और उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय परिषद सदस्य और ठाणे-पालघर में उद्योग विकास में सक्रिय रहे ओमप्रकाश शर्मा ने इस निर्णय का स्वागत किया। उनका कहना है कि नई नीति से उद्योग लगाना आसान होगा और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने में नई नीति काफी मददगार साबित होगी।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि गैर-कृषि अनुमति की अनिवार्यता को कम करने का उद्देश्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों को सशक्त बनाना है। उनका कहना है कि इससे उद्यमियों का समय बचेगा और वे कानूनी अड़चनों के बिना अपने व्यवसाय को शुरू कर सकेंगे।

ओमप्रकाश शर्मा ने यह भी कहा कि एनए अनुमति प्राप्त करने की पुरानी प्रक्रिया जटिल थी और इसके चलते कई उद्योगपति राज्य छोड़कर चले गए थे। अब नई नीति के तहत औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी और स्थानीय आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

वाडा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में संभावित बदलाव

वाडा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव मिलिंद वाडेकर ने इस नीति को लंबे समय से प्रतीक्षित बताया। उनके अनुसार, दूर-दराज के क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को इससे अधिक सुविधा होगी। अनुराग धवन, एक अन्य पदाधिकारी ने भी इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि पुराने सिस्टम से उद्योगपति बहुत परेशान थे और नई नीति से उन्हें काफी राहत मिलेगी।

उद्योगपतियों का मानना है कि इस नीति से वाडा जैसे क्षेत्रों में और अधिक व्यवसाय स्थापित होंगे, जहां पहले से ही सैकड़ों इकाइयां कार्यरत हैं। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और सहायक उद्योगों का विकास भी होगा।

मुख्यमंत्री की अन्य औद्योगिक योजनाएं

मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी बताया कि सरकार बड़े औद्योगिक क्षेत्रों के पास पूर्ण सुविधाओं वाले ‘औद्योगिक टाउनशिप’ स्थापित करने पर ध्यान दे रही है। इसका उद्देश्य श्रमिकों और उनके परिवारों को आवास और बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है, जिससे कार्यक्षमता बढ़ेगी और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।

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