भारत ने अपना महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान 3 लांच किया. चंद्रमा की खोज में एक दुर्लभ उपलब्धि व खोज के लिए ये एक सराहनीय प्रयास है। जो अब तक केवल अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों द्वारा ही पूरा किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 15 वर्षों में तीसरा चंद्र अभियान, बहुप्रतीक्षित चंद्रयान 3 श्रीहरिकोटा से इसरो के नवीनतम हेवी लिफ्ट लॉन्च वाहन, ‘फैट बॉय’ LVM3-M4 के साथ चंद्रमा की ओर अपनी महीने भर की यात्रा पर निकल पड़ा।
पेलोड की सॉफ्ट लैंडिंग जो की मिशन का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है, इसे अगस्त के अंत में करने की योजना है। लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क टूट जाने पर चंद्रयान 2 इस उद्देश्य को हासिल नहीं कर सका था।चंद्रयान-2 2019 में चंद्रमा की सतह पर वांछित सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने में विफल रहा, जिससे इसरो टीम निराश हो गई। इस दुर्लभ उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भावुक तत्कालीन इसरो प्रमुख के सिवन को सांत्वना दिए जाने की तस्वीरें कई लोगों की यादों में ताजा हैं।

इस बार सतीश धवन सहित अन्य अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत के बाद अब चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल द्वारा चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग का प्रदर्शन करके और चंद्र इलाके पर घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार कर रहा है। उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही मिशनों के लिए सहायक होगा।
यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू ने चंद्रयान की लांच पर इसरो के वैज्ञानिकों सहित पूरे देश को शुभ कामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि “भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण(खोज) में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण (लांच) किया। हार्दिक बधाई, इसरो टीम और वे सभी लोग जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया! यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।
India successfully launches Chandrayaan-3 marking another significant milestone in space exploration.
Heartiest congratulations to the @ISRO team and everyone who worked relentlessly to accomplish the feat!
It demonstrates the nation's unwavering commitment to advancement in…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 14, 2023
कांग्रेस ने चंद्रयान-3 प्रक्षेपण के लिए इसरो की सराहना की
दूसरी ओर कांग्रेस ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो की सराहना की और कहा कि, यह अटल बिहारी वाजपेयी सहित सभी पिछले प्रधानमंत्रियों की दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और उपलब्धि का प्रमाण है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह प्रक्षेपण सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि उन्होंने उन अनगिनत वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने लोगों के बीच वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। “आज, चंद्रयान -3 पंडित नेहरू जी, लाल बहादुर शास्त्री जी, इंदिरा गांधी जी, पी.वी. सहित हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और उपलब्धि का प्रमाण है। नरसिम्हा राव जी, राजीव गांधी जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी और मनमोहन सिंह जी।” उन्होंने आगे कहा “यह डॉ. विक्रम साराभाई और डॉ. सतीश धवन और अनगिनत दूरदर्शी वैज्ञानिकों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे लोगों के लिए मानवीय और सामाजिक विकास के लिए वैज्ञानिक सोच स्थापित करने और विकसित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।”
Our collective happiness is Over the Moon !!
Thanks to the tremendous ingenuity, dedication, skill and hard work of our scientists, engineers and everyone involved in the successful launch of #Chandrayaan3 Mission.
We are extremely proud of each one of you for this remarkable… pic.twitter.com/Sqh0f1di96
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 14, 2023
चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूँ!”
Chandrayaan-3 scripts a new chapter in India's space odyssey. It soars high, elevating the dreams and ambitions of every Indian. This momentous achievement is a testament to our scientists' relentless dedication. I salute their spirit and ingenuity! https://t.co/gko6fnOUaK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. हमारे LVM3 ने चंद्रयान-3 यान को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है: इसरो प्रमुख
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है, ”चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. हमारे प्रिय एलवीएम3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया है…आइए हम चंद्रयान-3 को आगे की कक्षा में आगे बढ़ने और आने वाले दिनों में चंद्रमा की ओर यात्रा करने के लिए शुभकामनाएं दें…”
#WATCH | ISRO chief S Somanath says, "Chandrayaan-3 has started its journey towards the moon. Our dear LVM3 has already put Chandrayaan-3 craft into the precise around earth…Let us wish all the best for the Chandrayaan-3 craft to make its farther orbit raising manoeuvres and… pic.twitter.com/S6Za80D9zD
— ANI (@ANI) July 14, 2023
इसरो वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा को आगे बढ़ाया है: अमित शाह
अमित शाह ने कहा “भारत आज चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर निकल पड़ा। इसरो को मेरी ओर से हार्दिक बधाई. वे वैज्ञानिक जिनकी अथक खोज ने आज भारत को पीढ़ियों के लिए एक उल्लेखनीय अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा लिखने की राह पर आगे बढ़ाया है।
India today embarked on its historic space journey with the successful launch of Chandrayaan-3.
My heartfelt congratulations to the @ISRO scientists whose tireless pursuit has today propelled India on the path of scripting a remarkable space odyssey for generations to cherish. pic.twitter.com/YPZCHPbZoq
— Amit Shah (@AmitShah) July 14, 2023
इसरो के चंद्रयान मिशन के बारे में विस्तार से जानिए
भारत ने अब तक दो चंद्र मिशन लॉन्च किए हैं, पहला चंद्रयान मिशन 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। यह मिशन चंद्रमा पर पानी की खोज के लिए जाना जाता था और बाद में इससे कई अन्य खोजें भी हुईं। दूसरा मिशन, चंद्रयान -2 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था, लैंडर ने इसे चंद्र कक्षा में पहुंचा दिया, लेकिन बाद में यह यान चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2.1 किमी ऊपर जाकर खो गया। अब, चंद्रयान-3 को पिछली विफलताओं से सीख लेकर बनाया गया है.
चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रयान-2 से कितना अलग है?
इसरो ने चंद्रयान-2 से सबक लिया और उसे चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर और रोवर के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है । जिसमे अधिक वेग को संभालने के लिए मजबूत स्टैंड, अधिक सौर पैनल और एंटेना, अतिरिक्त ईंधन और एक लेजर डॉपलर वेग मीटर आदि अपग्रेड हुआ है . साथ ही इसरो ने सॉफ्टवेयर ओवरहाल और सेंट्रल इंजन रिमूवल में सुधार किया है. चंद्रयान 3 का मुख्य उद्देश्य चन्द्रमा में रासायनिक शोध व खोज करने और भविष्य के ग्रह मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को खोजना है. साथ ही चंद्रमा की सतह पर एक सुरक्षित लैंडिंग हासिल करना है।
चंद्रयान-3 मिशन अंतरिक्ष यान विवरण
इसरो का तीन चरणों वाला रॉकेट, जिसे लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) कहा जाता है, चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान बनाने वाले रोबोटिक चंद्रमा लैंडर और रोवर जोड़ी को पृथ्वी की पार्किंग कक्षा में ले जाएगा, जो पृथ्वी के चारों ओर एक स्थिर गोलाकार पथ है, जिससे मिशन टीम को कमांड मिलता है। इससे सुनिश्चित होता है कि लॉन्च के बाद सभी उपकरण अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद, अंतरिक्ष यान को लुनार ट्रांसफर ट्राजेक्टोरी पर रखा जाएगा, और इसकी अंतरिक्ष यात्रा शुरू होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने चंद्रयान-3 के लिए चंद्रयान-2 लैंडर और रोवर के नाम को बरकरार रखने की योजना बना रहा है। चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान में विक्रम (संस्कृत में “वीरता”) नामक एक चंद्रमा लैंडर शामिल है, जो अन्य डेटा के अलावा,थर्मल कंडक्टिविटी को रिकॉर्ड करने और लैंडिंग स्थल के आसपास चंद्रमा के भूकंप को महसूस करने के लिए चार उपकरणों से लैस है।
टचडाउन पर, रोवर, प्रज्ञान (संस्कृत में “ज्ञान”), विक्रम से बाहर निकलेगा और आस-पास के क्षेत्र का पता लगाएगा, इसके ऑनबोर्ड कैमरे इसे चन्द्रमा में आने वाली बाधाओं से बचने में मदद करेंगे। विज्ञान प्रयोगों के दौरान हर समय इसके लैंडर के दृश्य क्षेत्र में रहने की उम्मीद है। प्रज्ञान के पास ऑन-साइट प्रयोग करने के लिए दो उपकरण हैं, जिनके साथ वैज्ञानिकों को लैंडिंग स्थल के पास चंद्रमा की संरचना के बारे में मूल्यवान तकनीकी डेटा प्राप्त करने की उम्मीद है।