मनीष गर्ग
मैहर में देवी धाम में घटित घटना घटना की जितनी भत्षर्ना कि जाय कम है घोर भयावह व राक्षसी घटना है समिति के जिन कर्मचारियों द्वारा ऐसी निंदनीय घटनाबको अंजाम दिया गया है उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाय साथ ही साथ आज समिति के प्रशासक और समिति के कलेक्टर की कार्यप्रणाली और प्रशानिकता भी सवालों के घेरे में है,
मंदिर समिति की स्थापना मंदिर में पूजा पाठ मंदिर की व्यवस्थाओं के लिए की गई जिसका एक शासन संधारित संविधान है जिस संविधान के तहत प्रशासक की नियुक्ति शासन को करना चाहिए और कर्मचारियों की नियुक्त कलेक्टर को लेकिन भाजपा के 15 वर्षों के शासन काल मे संविधान और लोकतंत्र को ही ध्वस्त करने का काम किया गया भाजपा शासन में अराजक कर्मचारी और अधिकारी जब देश के संविधान को ही नही मानते तो मंदिर के संविधान का अस्तित्व विहीन होना कोई अचरज की बात नही है,
समिति में भर्ती की अवैध प्रक्रिया
को अंजाम दिया जाना आज इस विभस्त घटना का सबसे बड़ा कारण है समिति में जिन नेताओ की सिफारिश में बिना किसी योग्यता के बिना किसी पुलिस वेरिफिकेशन के अवैध ढंग से इन कर्मचारियों को कलेक्टर दर में भर्ती कर अधिकारी अपने कारनामो में नेताओ से समझौता करते आये है यह घटना आज इस अवैध कार्यवाही से उत्पन्न घटना है जिसमे वे नेता जिन्होंने ऐसे मानसिक रोगी नरभक्षियों को मंदिर जैसी पवित्र जगह में नोकरी पर रखवाया वे तथा वे अधिकारी जिन्होंने भजपा नेताओ की हुजूरी बजाने में ऐसे कर्मचारियों को अपनी सरपरस्ती में लिया वे भी दोषी है, आज इतनी विभस्त घटना में भजपा जो धर्म रक्षक होने का दम भरती है उस भाजपा के नेताओ के मुह में दही जमा हुआ है वे बोल नही पा रहे है, क्योंकि आज केवल माता की पवित्र भूमि की गरिमा ही नही सम्पूर्ण मैहर की अस्मिता तार तार हो गई है,
मंदिर समिति के अधिकारियों ने किस अधिकार से लेवर में रखे इन कर्मचारियों को वर्दी पहनाया और उन्हें पुलिसिया ट्रेनिंग कराया मंशा क्या थी
समिति इन लेवर कर्मचारियों को वर्दी पहना कर मंदिर में भिक्षा वृत्ति बंद कराने तथा छोटे मोटे दुकानदारों को खदड़ने तथा मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण करने की नीयत से तैयार किया जहां ये अवैध तरीके से वर्दी प्राप्त कर्मचारियों ने भय व्यपात किया, जिस पर शासन प्रशासन को तत्काल रोक लगाना उचित होगा समिति एक प्राइवेट निकाय है जिन्हें पुलिस के समतुल्य वर्दी के ड्रेश कोड का कोई अधिकार नही है,
दूसरी तरफ समिति दान से संचालित निकाय तो है साथ ही दुकानों तथा अन्य संसाधनों से लैस संस्था है समिति के प्रशासक /SDM मैहर तथा समिति के अध्यक्ष/कलेक्टर सतना एवं माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह है कि समिति समीजीक शिक्षा तथा सामाजिक गतिविधयों में योगदान करने के लिए बाध्य है जिस क्रम में शिक्षा अभीयान के तहत मंदिर समिति की स्कूल संचालित है जहां देवी धाम में भिक्षा वृत्ति करने वाले व गरीब तबके के बच्चों के मुफ्त शिक्षा की उनके भरण पोषण की व्यवस्था कराई जाए ताकी इन मासूम बच्चों को लैंगिक अपराधों तथा नशे इत्यादि का शिकार होने से बचाया जा सके तथा इनका दोहन न हो,
दूसरी तरफ प्रशासन भिक्षा वृत्ति करने वाले निराश्रित बुजुर्गों की समुचित व्यवस्था बिना भ्रस्टाचार के प्रशासनिक निगरानी तथा समाज से एक बाहरी दल की निगरानी में वृद्धा आश्रम में करें,और वृद्धा आश्रम के कर्मचारियों से गवशाला में गाय न हकवाएँ प्रशासन और लेवरो को वर्दी न पहनाएँ, जिसको जिस कार्य के लिए रखा है उससे वही कार्य कराएँ, साथ ही केवल कर्मचारियों की रिपोर्ट सुन एक तरफा कार्यवाही गरीबो पर न करे अपने कर्मचारियों के दोष को सुनने की भी आदत डालें प्रशासन और दोनों पक्ष को सुनकर ही न्याय करें,
मेरा भाजपा सरकार से भी आग्रह है कि आपकी सरकार बेटियों की अस्मिता को बचाने में विफल सरकार है आपकी सरकार में अधिकारियों की तानासाही बढ़ी है, भाजपा एक विफल सरकार के रूप में जनता के समक्ष है, लिहाजा ऐसी अप्रिय घटनाएं हो उससे पहले ही अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के काले कारनामो में पर्दा बचिए
नागेन्द्रनाथ बड़गईंयां
वरिष्ठ नेता कांग्रेस
सतना