मुंबई, 5 सितंबर, 2025: राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में, डिजिटल सृजनशीलता की एक उत्कृष्ट मिसाल पेश करते हुए, लोकप्रिय YouTube श्रृंखला “द यश मंगलम शो” ने अपनी नवीनतम लघु फिल्म “पथ प्रदर्शक” का प्रीमियर किया। यह फिल्म शिक्षकों और जीवन के हर मोड़ पर दिशा देने वाले सभी गुरुओं के योगदान को एक श्रद्धांजलि है।
एक सृजनात्मक उद्यम की झलक
इस अनूठी परियोजना का निर्माण “वाइब्रेशन्स मीडिया वर्क्स, मुंबई” द्वारा “महतपुरकर एंड मंगलम फाउंडेशन” के बैनर तले किया गया है। फिल्म को YouTube पर “द यश मंगलम शो-2025” चैनल पर अपलोड किया गया है, एक प्लेटफॉर्म जो अपनी गुणवत्तापूर्ण सामग्री और विशिष्ट प्रस्तुति के लिए जाना जाता है। इससे पूर्व, शो की अन्य कड़ियाँ जैसे “धरोहर: ए पोएटिक सागा”, “शिल्पकार” और “मैं भारत हूँ” ने भी दर्शकों का भरपूर प्यार प्राप्त किया है।
युवा प्रतिभा और अनुभवी सृजन की बेहतरीन साझेदारी
इस श्रृंखला के ऊर्जावान होस्ट, 15 वर्षीय यश मंगलम, अपने प्रभावशाली अंदाज़ के कारण कम उम्र में ही डिजिटल मनोरंजन जगत में एक विशिष्ट पहचान बना चुके हैं। फिल्म का पटकथा लेखन मुंबई के सुप्रसिद्ध गीतकार और मीडिया सलाहकार, गजानन महतपुरकर ने किया है, जिनकी लेखनी ने पथ प्रदर्शकों के multifaceted角色的 विभिन्न पहलुओं को सहजता से उकेरा है। महतपुरकर की नौ लघु फिल्में पहले ही YouTube पर वायरल हो चुकी हैं।
तकनीकी उत्कृष्टता और कलात्मक दक्षता
फिल्म के निर्देशन का दायित्व सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं संपादक अनुपम मंगलम ने संभाला है, जिनके पास 25 वर्षों में 300 से अधिक विज्ञापन फिल्मों के निर्माण का समृद्ध अनुभव है। निर्माण टीम में बॉलीवुड के जाने-माने लाइन प्रोड्यूसर दीपक भानुशाली शामिल हैं, जिन्होंने “एक था टाइगर” और “जय हो” जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में योगदान दिया है। फिल्म के भावपूर्ण संगीत के लिए समीर पखाले जिम्मेदार हैं, जबकि सिनेमैटोग्राफी संजय वैष्णव और वीएफएक्स गिनीलाल सालुंके द्वारा किया गया है। कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग कला मंगलम द्वारा की गई है।
शिक्षक दिवस: एक सार्थक उद्घाटन का अवसर
यह फिल्म भारत के दूसरे राष्ट्रपति, दार्शनिक और शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर लॉन्च की गई, जो शिक्षकों के प्रति सम्मान को दर्शाता है। फिल्म की केंद्रीय पंक्तियाँ, “शिक्षक जो स्वयं तपकर… अपने शिष्यों में भरते हैं विश्वास की अनूठी शक्ति…!” इसके मूल भाव को प्रतिबिंबित करती हैं।
सामाजिक प्रभाव और दर्शकों की प्रतिक्रिया
इस लघु फिल्म ने सोशल मीडिया पर एक strong positive response प्राप्त किया है, जहाँ दर्शकों ने इसकी संवेदनशील अभिव्यक्ति और उच्च production values की सराहना की है। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि शिक्षकों के अमूल्य योगदान के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती है।
गुरु का सम्मान, एक सांस्कृतिक धरोहर
“पथ प्रदर्शक” केवल एक लघु फिल्म नहीं है, बल्कि उन सभी mentors के प्रति कृतज्ञता की भावना है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। यह दर्शकों को एक actionable tip देती है: अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करें, क्योंकि वे ही हैं जो हमारे चरित्र निर्माण और भविष्य की नींव रखते हैं।
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