ग्वालियर, 24 जनवरी । हुंडी दलाल व सट्टा कारोबारी आशू गुप्ता द्वारा धोखाधड़ी करके कई लोगों को पैसा ट्रांसफर किए जाने तथा उनके नाम से बेनामी सम्पत्ति अर्जित किए जाने के विरुद्ध एसआईटी गठित किए जाने की माँग करते हुए आज एमपीसीसीआई द्वारा एक विस्तृत ज्ञापन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, श्री अमित सांघी जी को उनके कार्यालय में सौंपा गया ।
MPCCI के अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि शहर के कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले फर्जी हुण्डी दलाल-आशू गुप्ता के विरुद्ध जाँच को एक टास्क के रूप में लिए जाने और इस हेतु एसआईटी का गठन किए जाने की माँग आज एसएसपी महोदय से भेंटकर की गई । एमपीसीसीआई के प्रतिनिधि मण्डल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय से कहाकि यह प्रकरण केवल ग्वालियर के व्यापारियों से ही नहीं जुड़ा है, अपितु यह ग्वालियर के साथ-साथ देशभर के व्यवसाईयों के लिए एक उदाहरण है क्योंकि इससे कारोबारियों में विश्वास की भावना को तोड़ कर रख दिया है । इसलिए इसकी उच्च स्तरीय विस्तृत जाँच की आवश्यकता है, ताकि देशभर के फर्जी हुण्डी दलाल एवं सटोरियों के लिए ग्वालियर पुलिस की कार्यवाही एक मिशाल बन सके ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महेोदय को सौंपे गए ज्ञापन के बिन्दु निम्नानुसार हैं-
(1) आशू गुप्ता द्वारा फर्जी हुण्डी बनाकर, योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्र पूर्वक अपने जिन रिश्तेदारों, मित्रगणों सहित सट्टा कारोबारियों को पैसा दिया गया, उन सभी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए जाएँ तथा उनकी सम्पत्तियों को जप्त किया जाए । साथ ही, इसके द्वारा दूसरे नामों से करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति क्रय की गई है । यह सूचना हमारे कुछ व्यापारियों द्वारा हमें दी गई है ।
(2) आशू गुप्ता द्वारा जिन सटोरियों के नाम पर सट्टा खेलना बताया जा रहा है, जबकि उसके द्वारा सट्टे के साथ-साथ काफी पैसा भी उन सटोरियों के नाम ट्रान्सफर किया गया है । अतः उन सभी सटोरियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए जाए, जिन्हें आशू गुप्ता द्वारा मोटी रकम देकर लाभांवित किया गया है ।
(3) शहर के कुछ व्यापारियों द्वारा हमें बताया गया है कि, आशू गुप्ता द्वारा कई लोगों को सीधे आरटीजीएस के माध्यम से अथवा हुण्डी के माध्यम से रकम ट्रांसफर की गई है । बावजूद उसके जिन लोगों द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से रकम हासिल की गई है, वह भी अब रकम देने से मुकर रहे हैं । अतः इनकी पहचान कर, इन सभी लाभांवित लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर आरटीजीएस के माध्यम से प्राप्त की गई रकम को जप्त किया जाए ।