सांसद डामोर ने आलीराजपुर अंचल मे 24 टेंकरों का किया वितरण-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करियर को भारत के इतिहास में एक सुनहरे पृष्ठ के रूप में जाना जाता है- सांसद गुमानिंसह डामोर

झाबुआ , झाबुआ/रतलाम/आलीराजपुर क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर द्वारा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी के जन्म दिवस जिसे पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाा जाता है उपलक्ष्य में 24 टेंकरों का वितरण गा्रम बोकडिया चांदपुर मे समारोहपूर्वक किया गयष । इस अवसर पर उन्होन उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करियर को भारत के इतिहास में एक सुनहरे पृष्ठ के रूप में जाना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए गए। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हर साल भारत में सुशासन दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह से अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया जाता है।डामोर ने कहा कि 25 दिसंबर का दिन दुनियाभर में खास है। इस दिन विश्व के कई देश क्रिसमस का पर्व मनाते हैं। हालांकि भारत के लिए 25 दिसंबर का महत्व अलग ही है। भारत के इतिहास में 25 दिसंबर की तारीख सिर्फ क्रिसमस डे के तौर पर ही नहीं, बल्कि सुशासन दिवस के रूप में भी दर्ज है।WhatsApp Image 2022 12 26 at 10.35.39 AM प्रत्येक वर्ष भारतीय 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाते हैं। सवाल ये है कि सुशासन दिवस क्यों मनाते हैं? इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई? सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है? सबसे पहले तो आपको ये जान लेना चाहिए कि सुशासन दिवस भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से संबंधित खास दिन है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के तौर पर मनाते हैं। उन्होने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे। उन्होंने कई क्षेत्रों में भारत का नाम बड़ा किया। 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने की घोषणा की थी। आज हम सभी को अटलजी के पदचिन्हो पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश को चहूमुखी विकास की ओर ले जाने की लक्ष्य को पूरा करना है। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान, पूर्व विधायक माधेसिंह डावर, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अनिता चौहान, जिला भाजपा अध्यक्ष मकु पोरवाल, वकीलसिंह ठकराला, जिला पंचायत सदस्य भदूभाई पचाया, भील सेवा संघ के अध्यक्ष अजयसिंह डामोर, भाजपा नेता भूपेश सिंगोड, कमलभाई डामोर पारा, एनजीओ प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मनोज अरोडा, के अलावा बडी संख्या में जनप्रतिनिधि, सरपंचगण, पंच, भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारीगण तथा क्षेत्रीय ग्रामीणजन उपस्थित थे ।
समारोह में सांसद डामोर ने आलीराजपुर जनपद पंचायत की 6 ग्राम पंचायतों तथा तथा कट्ठीवाडा जनपद की 18 ग्राम पंचायतों में कुल 24 टेंकरों का सांसद निधि से वितरण किया गया । जनपद पंचायत आलीराजपुर की ग्राम पंचायत बडदला, अंबारी, रिछवी, सूखी बावडी कवठू, मयाला तथा कट्ठीवाडा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बोकडिया, सामरा, सुमन्यावाट,मोरियागांव के ग्राम चोरही, झडोली, अंबाडबेरी, मेहणी, आगलगोटा, अकलवा, चांदपुर, मोरधी, झिंझाना, फलियामहू, खेडा ग्राम पंचायत के डेहरी, खुंदर, सोरवा, अकाला, झरकली में टेंकरों का वितरण किया गया।
स्वागत भाषण देते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष मकु पोरवाल ने केन्द्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार की कल्याणकारी एवं जनहितैषी योजनाओं का जिक्र करते हुए सांसद गुमानसिंह डामोर द्वारा पूरे अंचल के विकास के लिये किये जारहे विकास कार्यो के लिये उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की । उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटलबिहारी बाजपेयी के बहु आयामी जीववृत के बारे में भी विस्तार से बताया ।
पूर्व विधायक एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान ने स्वर्गीय अटलजी का स्मरण करते हुए कहा कि एक आदर्श राजनेता के तौर पर मशहूर अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे प्रधानमंत्रा थे, जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह जीवन के शुरुआती दिनों में स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। अक्सर उनकी बहन अटल की पैंट को फेंक दिया करती थीं, क्योंकि उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और उनका परिवार नहीं चाहता था कि अटल आरएसएस की खाकी पैंट पहनें। आरएसएस की खाकी पैंट पहने। अटल बिहारी एक अच्छे वक्ता थे, यह तो लोग जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब किसी जनसभा में शामिल होते थे तो काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे। उनके लिए खास मथुरा से मिश्री मंगाई जाती थी। भाषण से पहले और बाद में वह इसी का सेवन किया करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी को तोहफे पसंद नहीं थे। वह गिफ्ट परंपरा के बेहद खिलाफ थे। हालांकि उन्हें खाने पीने का काफी शौक था। इसलिए घर पर तैयार भोजन को ही सबसे बड़ा तोहफा मानते थे।
इस अवसर पर पूर्व विधायक माधोसिंह डावर ने भी संबोधित करते हुए कहा कि अंचल मे पेयजल समस्या के निवारण की दिशा में सांसद गुमानसिंहजी डामोर पूरे संसदीय क्षेत्र के विकास के लिये तत्पर हे । इनके प्रयासों से नलजल योजना, के अलावा सडकों के जाल बिछाने के साथ ही समय समय पर संसद एवं विभिन्न मंचों से इस क्षेत्र के विकास के लिये आवाजे उठाई गई हे । प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों मिल कर यहां के चहूंमुखी विकास के लिये उनके प्रयासों की पूरे क्षेत्र की जनता भूरी भूरी प्रसंशा करती हेै। डावर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाये जाने तथा उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प दोहराया ।
टेंकर वितरण कार्यक्रम के दौरान गा्रमीण क्षेत्र की जनता ने भी सांसद डामोर को समस्याओं से अवगत कराया जिसे त्वरित निराकरण करने का भरोसा दिलाया । सांसद डामोर को उपस्थित गा्रमीणजनों की ओर से परम्परागत रूप से स्वागत भी किया गया । अन्त मे आभार भूपेश सिंगाड ने माना ।

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