चित्रकूट। ट्रेन में लूट का दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5,000 रुपये के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि प्रयागराज जिले के कमला नगर निवासी दिव्या ओझा पुत्री नित्यानंद ओझा की तहरीर पर जीआरपी थाना कर्वी में धारा 392 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। तहरीर में दिव्या ने बताया था कि वह बीती तीन जनवरी 2016 को डबरा से प्रयागराज जाने के लिए टिकट लेकर बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थी। इस दौरान उसने अपना मोबाइल, 14,000 रुपये, ए.टी.एम. कार्ड समेत कुछ अन्य समान पर्स में डाल रखा था। यात्रा के दौरान वह अपनी सीट पर सो गई थी। ट्रेन के भरतकूप से कर्वी रेलवे स्टेशन के बीच पहुंचने पर एक युवक उसका पर्स छीनकर भाग निकला। इस पर दिव्या ने शोर करते हुए उसका पीछा किया और चलती ट्रेन में ही अन्य यात्रियों के सहयोग से उसे पकड़ लिया। पकड़े गए युवक ने अपने दूसरे साथ को पर्स फेंककर दे दिया, जो मौके से भाग निकला। पकड़े गए युवक ने अपना नाम व पता मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के किरार भवन न्यू रेलेवे कालोनी निवासी अरविन्द सिंह पुत्र बलवीर सिंह बताया था। जिसे जीआरपी स्काट को सौंप दिया गया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीले सुनने के बाद न्यायालय विशेष न्यायाधीश उत्तर प्रदेश डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम के पीठासीन अधिकारी दीपनारायण तिवारी ने मंगलवार को निर्णय सुनाया। जिसमें आरोपी अरविन्द सिंह के विरुद्ध धारा 392 के तहत दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5,000 रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।