भीषण गर्मी में राहत के लिए रविवार से शिवलिंग पर गलंतिका से निरंतर जलधारा प्रवाहित की जाएगी। सभी शिव मंदिरों में गलंतिका बंधन होगा। महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र नदियों की प्रतीक 11 मटकियों से 11 घंटे जल अर्पित होगा। दो महीने रोज भस्माआरती के बाद सुबह 6 से शाम 5 बजे तक निरंतर जलधारा चढ़ेगी। परंपरा अनुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से दो महीने के लिए भगवान शिव पर गलंतिका बंधन होता है। गर्मी में राहत के लिए शिवलिंग पर सुबह से शाम तक निरंतर जलधारा प्रवाहित की जाती है। मान्यता है कि समुद्र मंथन में निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया था। विष की गर्मी वैशाख और ज्येष्ठ में बढ़ जाती है।