Dhumeshwar Mahadev Temple: भितरवार डबरा क्षेत्र ही नहीं अपितु ग्वालियर चंबल संभाग मैं अपनी अद्भुत प्रसिद्धि एवं ख्याति प्राप्त Dhumeshwar Mahadev Temple में हर त्यौहार बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। शिवरात्रि हो, होली हो या फिर दीपावली बाबा के आंगन में किसी भी पर्व का उल्लास कुछ दिनों पहले से ही छाने लगता है।
Dhumeshwar Mahadev मंदिर पर भक्तों ने जमकर उड़ाया गुलाल
इसी क्रम में रविवार को Dhumeshwar Mahadev Temple प्रांगण में मंदिर महंत महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज के सानिध्य में देर शाम से लेकर देर रात्रि तक फाग महोत्सव मनाया गया। जिसमें बाहर से आए गायक कलाकारों ने फाग गीतों के साथ रसिया और भजन गए जिन पर मंत्र मुग्ध होकर श्रद्धालु भक्तों ने भांग की ठंडाई के साथ नाचते गाते हुए जमकर रंग, गुलाल और अबीर उड़ाया।
![Dhumeshwar Mahadev Temple: धूमेश्वर महादेव के आंगन में छाया फाग उत्सव का उल्लास 2 Dhumeshwar Mahadev Temple: धूमेश्वर महादेव के आंगन में छाया फाग उत्सव का उल्लास](https://aanchalikkhabre.com/wp-content/uploads/2024/04/IMG-20240401-WA0026-1024x768.jpg)
रविवार की देर शाम Dhumeshwar Mahadev Temple पर मंदिर महंत महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज द्वारा भूत भूतेश्वर भगवान धूमेश्वर महादेव का बाबा महाकाल के स्वरूप का श्रृंगार करते हुए विशेष पूजा अर्चना की और विभिन्न वनस्पतियों के पुष्पों के साथ विभिन्न प्राकृतिक पुष्पों के रंग से बने गुलाल से बाबा धूमेश्वर से होली खेली और फाग महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस दौरान Dhumeshwar Mahadev Temple पर आयोजित फाग महोत्सव कार्यक्रम में हजारों की तादाद में देर शाम से ही श्रद्धालु जन पहुंचना शुरू हो गए थे जैसे ही बाहर से आए कलाकारों ने फाग गीतों के साथ मनमोहक भजन और रसिया सुनाएं तो मंदिर समिति की ओर से घोली गई भांग की ठंडाई और भंडारे का आनंद उठाकर श्रद्धालु भक्तों ने पूरे आयोजन स्थल को नाचते गाते हुए होली के रंगों में रंग दिया। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली के महापर्व की शुभकामनाएं दी।
![Dhumeshwar Mahadev Temple: धूमेश्वर महादेव के आंगन में छाया फाग उत्सव का उल्लास 3 Dhumeshwar Mahadev Temple: धूमेश्वर महादेव के आंगन में छाया फाग उत्सव का उल्लास](https://aanchalikkhabre.com/wp-content/uploads/2024/04/IMG-20240401-WA0025-1024x768.jpg)
उक्त आयोजन रविवार की शाम से शुरू हुआ जो देर रात तक आयोजित होता रहा। इस दौरान महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज ने समस्त उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को आशीष वचन देते हुए कहा कि हर वर्ष फागुन का महीना आते ही सारा वातावरण जैसे रंगीन हो जाता है और हो भी क्यों न, रंगो के त्योहार होली की बारी जो रहती है।
क्योंकि पीली चुनर ओढ़े प्रकृति और जाति भेद, ऊंचनीच, अमीरी- गरीबी से ऊपर उठकर मित्रता और भाईचारे का त्योहार ही सही मायने में होली का त्यौहार है। जिसमें ऐसा लगता है कि मानो इन सब में फगुनी बाहरे रंग भर रही हैं। इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने सारे गिले शिकवे दूर कर एक दूसरे के प्रति भाईचारा स्थापित करने के लिए होली के रंगों में रंग कर एक दूसरे को प्यार और स्नेह का रंग लगाना चाहिए। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में कई साधु संत महात्मा भी होली के इस महोत्सव में शामिल हुए और उन्होंने फाग गीतों और भजनों के साथ भगवान धूमेश्वर धाम के दर्शन करते हुए कलाकारों के नृत्य और रसिया का भी आनंद लिया।
के के शर्मा भितरवार
Visit Our Social Media Pages
YouTube:@Aanchalikkhabre
Facebook:@Aanchalikkhabre
Twitter:@Aanchalikkhabre