UP Auraiya crime News औरैया में तीन मासूम बेटों को सेंगुर नदी में डुबोकर मारने वाली हत्यारिन मां को अदालत ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। वहीं महिला के प्रेमी को भी उम्रकैद की सजा दी गई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
औरैया जिले से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक कलयुगी मां ने ऐसा कारनामा कर दिखाया। जिसकी चर्चा यूपी समेत समूचे देश में हो रही है। जहां एक कलयुगी मां ने अपनी कोख से जन्मे तीन बेटों को मौत के घाट उतार दिया।
वहीं जब वो अपने चौथे बेटे को मारने गई तो किस्मत से उसकी जान बच गई।(UP Auraiya crime News) दरअसल औरैया में एक सगी , सनकी और कातिल मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पहले अपने तीन बेटों को नदी में डुबोकर मार डाला। इसके बाद भी उसका मन नहीं भरा तो उसने अपने चौथे बेटे को भी मारने के लिए उसी नदी में डुबोकर मारने की पूरी कोशिश की।
जिसका नाम सोनू है। लेकिन किस्मत से उसकी जान बच गई। इसके बाद सोनू ने अपनी दादी और चाचा ,चाची की आपबीती बताई। इसके बाद पुलिस ने सोनू के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने मां को फांसी की सजा और प्रेमी को उम्र कैद की सजा सुनाई।
मां ने रची थी प्रेमी के साथ मिलकर साजिश
आपको बता दें कि ये सनसनी खेज मामला उत्तर प्रदेश के औरैया जिले का है। जहां 27 जून 2028 को एक मां ने अपने तीन बेटों को नदी में डुबोकर मार डाला था। वहीं इटावा के बसरेहर क्षेत्र के लुईया गांव निवासी मनीष ने औरैया कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया था कि उनके भाई अवनीश की करंट से मौत के बाद भाभी प्रियंका के संबंध चचेरे देवर आशीष से हो गए।
गांव में बदनामी के डर से प्रियंका अपने मायके औरैया के बरौआ गांव आ गई।(UP Auraiya crime News) आशीष भी उनके साथ आ गया और दोनों बनारसी दास मोहल्ले में किराये का कमरा लेकर रहने लगे। प्रियंका के चार बच्चे नौ वर्षीय सोनू, सात वर्षीय आदित्य, छह वर्षीय माधव और ढाई वर्षीय मंगल थे। बच्चों को लेकर आए दिन प्रियंका और आशीष में कलह होती थी।
दोनों ने मिलकर बच्चों की हत्या करने की योजना बनाई। पिछले साल 24 जून को प्रियंका चारों बच्चों को लेकर सेंगुर नदी के किनारे पहुंची और एक-एक कर तीन को डुबोकर मार डाला। संयोग से सोनू जिंदा बच गया। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी (Indian penal code) की धारा 302, 307 और 120बी में मुकदमा दर्ज किया ।
19 दिन में चार्जशीट कोर्ट में पेश दाखिल की गई। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी एडीजीसी उमेश राजपूत ने की। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश सैफ अहमद ने घटना को विरल से विरलतम मानते हुए प्रियंका को फांसी और आशीष उर्फ डैनी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
प्रेमी के साथ रहने की जिद ने घोंटा ममता का गला
कहते हैं एक मां तो अपने बच्चों के लिए दुनिया से भी लड़ जाती है। लेकिन औरैया की कलयुगी मां प्रियंका के मन में ऐसा क्या सूझा कि जिन हाथों ने पाला उन्हीं हाथों से अपने तीनों बेटों को मार डाला। आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि जिन हाथों ने मासूम बच्चों को पाल-पोसकर बड़ा किया, उन्हीं हाथों से उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
प्रियंका ने अपने चार बच्चों को नदी में डुबोकर मार डाला और उसके हाथ तक नहीं कांपे। गुरुवार को अदालत के फैसले के बाद गांव में यही चर्चा छाई रही। पति अवनीश की मौत के बाद प्रियंका ने चचेरे देवर आशीष से संबंध बना लिए। जब ससुराल में विरोध हुआ तो वह औरैया के बरौआ गांव आकर आशीष के साथ रहने लगी।
आशीष सैलून में काम करता था और चार बच्चों का खर्च उठाना उसके लिए बोझ बनता जा रहा था। आए दिन झगड़े होने लगे और इसी बीच दोनों ने मिलकर बच्चों को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।
परिवार ने कहा मौत की सजा बहुत कम है
पुलिस के मुताबिक दो साल पहले 24 जुलाई 2023 को प्रियंका चारों बच्चों सोनू, आदित्य, माधव और मंगलको सेंगुर नदी के किनारे ले गई और एक-एक कर डुबो दिया। संयोग से नौ वर्षीय सोनू बच निकला। (UP Auraiya crime News)सोनू ने अपनी मां व आशीष की करतूत गांव वालों को बताई तो रौंगटे खड़े हो गए।
गुरुवार को अदालत ने प्रियंका को फांसी की सजा और आशीष को उम्रकैद की सजा सुनाई तो गांव वाले कहने लगे कि मासूम बच्चों के कलेजे को ठंडक मिली होगी। वहीं इस दर्दनाक घटना के लिए प्रियंका को कोसते भी रहे।
वहीं प्रेमी के साथ रहने के लिए अपने तीन बच्चों को मौत के घाट उतारने वाली प्रियंका को गुरुवार को फांसी की सजा होते ही यह संयोग भी जुड़ गया। ठीक चार साल पहले 10 जुलाई.2021 को उसके पति अवनीश की करंट से मौत हो गई थी।
इटावा के लोइयाकला गांव में स्थित उसकी ससुराल में सजा की खबर दिनभर चर्चा में रही। गांव के लोग बोले-जैसी करनी वैसी भरनी, ऐसी औरत को फांसी की सजा भी कम ही है। बता दें कि हत्यारिन प्रियंका को फांसी की सजा दिलाने में उसके देवर मनीष उर्फ दीपू ने अहम भूमिका अदा की।
मनीष ने कहा कि भाभी को जो सजा मिली है वो बहुत कम है। भाभी को फांसी से भी बड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। जिस तरह से मासूम बच्चे तड़पकर मरे हैं। वैसे ही सजा मिलनी चाहिए थी।
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