WHO क्या है और यह क्या करता है?
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन
डब्ल्यूएचओ (WHO) का मतलब विश्व स्वास्थ्य संगठन है। WHO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है. इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य के स्तर को ऊपर उठाना है.
WHO एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो संयुक्त राष्ट्र का एक हिस्सा है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य
यह संगठन दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करता है, जैसे कि बीमारियों को रोकना और नियंत्रित करना, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना, और स्वास्थ्य संबंधी नीतियों को बढ़ावा देना.
सदस्य देश और मुख्यालय
WHO के 194 सदस्य देश हैं. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है.
क्षेत्रीय कार्यालय और प्रमुख कार्य
डब्ल्यूएचओ के दुनिया भर में 6 क्षेत्रीय कार्यालय और 150 क्षेत्रीय कार्यालय हैं.
मुख्य कार्य:
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वैश्विक स्वास्थ्य मामलों का नेतृत्व करना.
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स्वास्थ्य अनुसंधान कार्यसूची तैयार करना.
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स्वास्थ्य संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानकों को निर्धारित करना.
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स्वास्थ्य से संबंधित वैज्ञानिक या नीतिगत चर्चाओं के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना.
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देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करना.
WHO ने अकेलेपन को बताया वैश्विक स्वास्थ्य संकट
अकेलापन 15 सिगरेट पीने के बराबर घातक?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अकेलापन (loneliness) को एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य खतरा घोषित किया है, जिसमें अमेरिकी सर्जन जनरल ने कहा है कि इसका मृत्यु दर पर प्रभाव 15 सिगरेट रोज़ाना पीने के बराबर है।
अकेलापन क्या है?
तो सवाल यह है की क्या है वो जिसे हम अकेलापन कहते है . यह सवाल इसलिए भी जरुरी है अकेलेपन को लेकर हमारे मन में कुछ भ्रांतियां भी हो सकती है . आमतौर पर लोगो का आपके साथ होना, पास होना भी आपको अकेला महसूस करवा सकता है . साहित्य के दृष्टिकोण पर जाएँ तो अकेलापन मन-मस्तिष्क में खालीपन लाता है. ह्रदय में शून्यता का भाव लाता है.
मनोविज्ञान में अकेलापन (Loneliness)
अकेलेपन की परिभाषा
मनोविज्ञान में अकेलापन एक कष्टदायक भावनात्मक स्थिति है, जो सामाजिक जुड़ाव या वांछित सामाजिक संबंधों की कमी के अनुभव से उत्पन्न होती है।
अकेलेपन के मुख्य पहलू:
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व्यक्तिपरक अनुभव: अकेलापन व्यक्ति की अपनी सामाजिक जुड़ाव की धारणा से परिभाषित होता है, न कि उसके वास्तविक संबंधों की संख्या से।
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नकारात्मक भावना: यह एक अप्रिय अनुभव है, जिसमें उदासी, अलगाव और जुड़ाव की चाह की भावना शामिल होती है।
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सामाजिक दर्द: यह एक मनोवैज्ञानिक तंत्र है, जो व्यक्ति को सामाजिक जुड़ाव और अपनापन खोजने के लिए प्रेरित करता है।
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विचलन: जब व्यक्ति की वांछित सामाजिक संबंधों की मात्रा और गुणवत्ता तथा वास्तविक संबंधों के बीच अंतर होता है।
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अलग-अलग रूप: अकेलापन भावनात्मक, सामाजिक और अस्तित्वगत रूपों में प्रकट हो सकता है।
अकेलेपन के परिणाम
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
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मानसिक स्वास्थ्य: अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं।
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शारीरिक स्वास्थ्य: हृदय रोग, कमजोर प्रतिरक्षा, और समय से पहले मृत्यु का खतरा।
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सामाजिक व्यवहार: सामाजिक दूरी, नए संबंधों में कठिनाई, नकारात्मक दृष्टिकोण।
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संज्ञानात्मक कार्यक्षमता: अकेलापन cognitive decline का कारण बन सकता है।
अकेलेपन को समझना
हालाँकि अकेलापन समय-समय पर बदल सकता है, मनोवैज्ञानिक इसे अक्सर एक स्थायी प्रवृत्ति मानते हैं।
WHO की तैयारी: अकेलेपन से निपटने के उपाय
WHO का अंतरराष्ट्रीय आयोग
WHO ने इस समस्या पर एक अंतरराष्ट्रीय आयोग शुरू किया है, जिसकी अगुवाई अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति और अफ्रीकी संघ की युवा दूत चिडो मपेम्बा कर रही हैं। इस आयोग में 11 प्रमुख लोग और सरकारी मंत्री शामिल हैं।
कोविड के बाद अकेलेपन की गंभीरता
यह आयोग ऐसे समय पर बनाया गया है जब कोविड-19 महामारी ने आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को रोक दिया था, जिससे अकेलेपन के स्तर में वृद्धि हुई।
WHO की चिंता का कारण: अकेलापन क्यों है गंभीर मुद्दा?
सीमाएं पार करता अकेलापन
मपेम्बा ने कहा, “अकेलापन सीमाओं को पार कर रहा है और यह स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के हर पहलू को प्रभावित करने वाली एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बनता जा रहा है।”
स्वास्थ्य पर प्रभाव
मूर्ति के अनुसार, स्वास्थ्य जोखिम उतने ही गंभीर हैं जितने 15 सिगरेट रोज़ पीने से होते हैं, और यह मोटापे और शारीरिक निष्क्रियता से भी अधिक हैं।
वृद्ध और युवाओं पर असर
वृद्धों में असर
वृद्ध वयस्कों में अकेलापन डिमेंशिया विकसित होने के 50% अधिक जोखिम और कोरोनरी आर्टरी रोग या स्ट्रोक के नए मामलों में 30% अधिक जोखिम से जुड़ा हुआ है।
किशोरों में अकेलापन
5% से 15% किशोर अकेलापन महसूस करते हैं। अफ्रीका में 12.7% और यूरोप में 5.3% किशोर अकेलापन अनुभव करते हैं।
शिक्षा और करियर पर प्रभाव
स्कूल में अकेलेपन का अनुभव करने वाले छात्र विश्वविद्यालय से ड्रॉपआउट हो सकते हैं। नौकरी में भी यह प्रदर्शन और संतुष्टि को प्रभावित करता है।
डिजिटल डिवाइड का प्रभाव
मपेम्बा ने कहा कि डिजिटल डिवाइड से बाहर किए गए लोग सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अकेलेपन की धारणा को फिर से परिभाषित करना ज़रूरी है।
निष्कर्ष
मूर्ति ने कहा, “ये समस्याएँ किसी एक देश को प्रभावित नहीं करतीं … अकेलापन एक कम आंका गया सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है।”