भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो संजय जोशी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। हम यह दावा नहीं करते कि संजय जोशी भविष्य में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नेतृत्व करेंगे। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुसार संजय जोशी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहिए, जो बीजेपी समेत 300 से ज़्यादा शाखाओं को नियंत्रित करता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि संजय जोशी बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर आरएसएस की पहली पसंद हैं।
बात BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की है फैसला अच्छे से लिए जायेगा
संजय जोशी के बारे में तो आप जानते ही होंगे। अब बात करते हैं BJP के भावी राष्ट्रीय अध्यक्ष की। हाल ही में केरल में आरएसएस की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक हुई। इस समन्वय सम्मेलन का स्थान केरल का पलक्कड़ था। यह सर्वविदित है कि भाजपा आरएसएस की ही संतान है। कुछ अपवादों को छोड़कर, आरएसएस भाजपा की नीति का मसौदा तैयार करता रहा है। एक बार फिर आरएसएस ने भाजपा की नीति बनाने का जिम्मा उठाया है। भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को आरएसएस की समन्वय बैठक में व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया था।
बैठक में मौजूद आरएसएस के एक अंदरूनी सूत्र ने चेतना मंच को बताया कि संजय जोशी BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। समन्वय बैठक के दौरान यह बात स्पष्ट हो गई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जेपी नड्डा ने भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। बैठक में तय हुआ कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का खुलासा किया जाएगा। आरएसएस समन्वय सम्मेलन के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि अगली सरकार भाजपा ही बनाएगी। ऐसी अफवाहें हैं कि जेपी नड्डा ने बैठक के दौरान यह भी घोषणा की कि चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों, हरियाणा में भाजपा ही सरकार बनाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिए गए फैसले को आरएसएस ने हरियाणा में चुनाव के नतीजे आने तक टाल दिया है।
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर इन नामों की भी है चर्चा
BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर आधा दर्जन से अधिक नाम की चर्चा है। किसी अनहोनी के कारण यदि (RSS) संजय जोशी को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन पाया तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दूसरा प्रमुख नाम देवेंद्र फडणवीस का है। आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस भाजपा की सेकंड लाइन में संभावनाओं से भरे नेता माने जाते हैं संघ पृष्ठिभूमि के 53 वर्षीय देवेंद्र फडणवीस। प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों रहते हुए संगठन और सरकार चलाने का कौशल है। पार्टी इन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रभारी बनाती रही है। महाराष्ट्र में जिस तरह से नए समीकरण उभरे हैं, उससे इन्हें राज्य से हटाकर राष्ट्रीय राजनीति में मौका देने का प्रस्ताव है। दूसरा नाम विनोद तावड़े का है। महाराष्ट्र में जिस तरह से भाजपा के सामने मराठा राजनीति को साधने की चुनौती है, उसमें 62 वर्षीय विनोद तावड़े को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी संदेश दे सकती है। संघ के छात्र संगठन एबीवीपी से निकले तावड़े मुंबई प्रदेश इकाई अध्यक्ष से लेकर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं।
BJP के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए छह से अधिक लोगों के नाम पर विचार चल रहा है। संजय जोशी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन पाए तो दूसरे सबसे चर्चित उम्मीदवार देवेंद्र फडणवीस हैं। आपको बता दें कि भाजपा की दूसरी पंक्ति में देवेंद्र फडणवीस को काफी संभावनाओं वाले नेता के रूप में देखा जाता है। 53 वर्षीय देवेंद्र फडणवीस संघ से जुड़े हैं। राज्य के मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के तौर पर वे सरकार और संगठन दोनों का नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। उन्हें पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया है। महाराष्ट्र में जिस तरह से नए समीकरण बने हैं, उसे देखते हुए उन्हें राज्य से हटाकर राष्ट्रीय राजनीति में मौका देने का प्रस्ताव है। विनोद तावड़े दूसरा नाम है। 62 वर्षीय विनोद तावड़े को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर भाजपा यह संदेश दे सकती है कि वह महाराष्ट्र में मराठा राजनीति को किस तरह से मैनेज कर रही है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनने से पहले तावड़े मुंबई राज्य इकाई के अध्यक्ष थे। वे संघ, एबीवीपी और छात्र समूह से निकले हैं।
इस समय बतौर महासचिव दूसरे दलों के नेताओं की भर्ती से लेकर कई बड़े अभियान देख रहे। इसी कड़ी में तीसरा नाम BJP के महासचिव सुनील बंसल का है। राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान निवासी 54 वर्षीय सुनील बंसल की गिनती BJP के परफॉर्मर नेताओं में होती है। संघ पृष्ठिभूमि के बंसल के ओडिशा और तेलंगाना का प्रभारी रहते भाजपा ने दोनों राज्यों में शानदार प्रदर्शन किया। इसके पूर्व यूपी में संगठन मंत्री रहते हुए 2014, 2017, 2019 और 2022 का चुनाव जिता चुके हैं। बंसल का ट्रैक रेकॉर्ड उन्हें अध्यक्ष पद का दावेदार बनाता है। अगला नाम के. लक्ष्मण का है। तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस समय ओबीसी मोर्चा की कमान संभाल रहे हैं। संसदीय और केंद्रीय चुनाव जैसी ताकतवर समितियों में सदस्य होने की वजह से मजबूत व्यक्ति हैं। लक्ष्मण को बनाने से भाजपा न केवल दक्षिण भारत को बल्कि ओबीसी को भी साध सकती है। तेलंगाना में BJP की इस बार कांग्रेस से ज्यादा लोकसभा सीटें आईं हैं। राज्य के खाते में अध्यक्ष का पद डाला जा सकता है।
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