महिलाओं के बीच विधिक जागरूकता व उनके हक़ के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से नई दिल्ली के ककरौला में महिला पंचायत का आयोजन किया गया. इस महिला पंचायत में उपस्थित महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई. साथ ही उन्हें बताया गया कि यदि उन्हें किसी प्रकार की क़ानूनी सहायता चाहिए तो DLSA द्वारा जरूरतमंद महिलाओं की पूरी सहायता की जाएगी.
विधिक सहायता व साक्षरता है महिला पंचायत का उद्देश्य
DSLSA (दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) DCW (दिल्ली कमीशन फॉर वीमेन) द्वारा महिलाओं को क़ानूनी रूप से साक्षर बनाने व जरुरत पड़ने पर उन्हें क़ानूनी सहायता दिलाने के लिए महिला पंचायत का आयोजन किया जाता है. इसी क्रम में आज नवलोक वेलफेयर सोसाइटी के संचालन में नई दिल्ली के ककरोला में महिला पंचायत का आयोजन किया गया. बताते चलें कि इस आयोजन में भारी संख्या में महिलाऐं उपस्थित रहीं. महिलाओं ने कार्यक्रम में अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त की, साथ ही कई महिलाओं ने अपनी समस्याओं को भी अतिथियों के समक्ष रखा, जिन्हे महिला पंचायत में आये हुए जज व DLSA के वकील ने उचित मार्गदर्शन दिया.
महिलाओं में बढ़ेगी जागरूकता- अनुराधा जिंदल, एलडी सेक्रेटरी
महिला पंचायत कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अनुराधा जिंदल, (एलडी सेक्रेटरी, साउथ वेस्ट DLSA, द्वारका कोर्ट) ने जानकारी देते हुए बताया कि, आज भी महिलाओं में जागरूकता की कमी है जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. महिलाओं को उनका हक़ मिले, उन्हें समय पर क़ानूनी सहायता मिले, व महिलाऐं सशक्त हो, इस उद्देश्य से महिला पंचायत का आयोजन किया जाता है, ताकि महिलाऐं अपने अधिकारों को जानकर उनका लाभ प्राप्त कर सकें.
टोल फ्री नंबर 1516 पर मिलती है सहायता
कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण’ द्वारा 1516 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. जहाँ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी सहायता दी जाती है. यदि किसी महिला को किसी प्रकार की कोई परेशानी है, या किसी महिला को किसी भी प्रकार की क़ानूनी सहायता व जानकारी चाहिए तो वे 1516 पर नि:शुल्क कॉल करके कभी भी सहयता व जानकारी प्राप्त कर सकती है. यह टोलफ्री नंबर 24 घंटे उपलब्ध है.
जागरूकता ही महिला सशक्तिकरण की कुंजी है
महिला पंचायत में बताया गया कि घरेलू उत्पीड़न की शिकार ज्यादातर महिलाऐं व अन्य मुश्किलों का सामना कर रही महिलाऐं अपने अधिकारों को नहीं जानती. साथ ही महिलाओं को ये पता नहीं होता की उन्हें सहायता कहाँ और कैसे मिल सकती है, इस कारण अधिकांश महिलाऐं उत्पीड़न व अन्य मुश्किलों का सामना करने के लिए मजबूर हो जाती है. महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाओं को उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी हो.
नि:शुल्क सहयता व मार्गदर्शन
कार्यक्रम में आगे बताया गया कि आज भी भारत की अधिकांश महिलाऐं आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, जिस कारण वे खर्चे के डर से कोर्ट कचहरी से बचना चाहती हैं. महिला पंचायत में जानकारी दी जाती है कि यदि कोई महिला आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और उसे क़ानूनी सहायता या फिर वकील की आवश्यकता है तो, ऐसी स्थिति में उन्हें मुफ्त में क़ानूनी सहयता के साथ साथ वकील भी मुहैया कराया जाता है.
वहीं महिला पंचायत में उपस्थित पैनल एडवोकेट गौरव सहदेव ने महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि, महिलाओं को अब फिक्र करने की जरुरत नहीं है, क्यूंकि सरकार ने उनके हितो व अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कानून बना रखें हैं. सहदेव ने आगे बताया कि चाहे मामला घरेलू उत्पीड़न का हो, या दहेज़ उत्पीड़न का हो या फिर पति से तलाक होने के बाद बच्चों की कस्टडी का हर मामले में महिलाओं को क़ानूनी सहायता और सरकारी वकील उपलब्ध कराया जाता है, ताकि महिलाओं को उनका हक़ मिलें व महिलाऐं समाज में सम्मान के साथ सर उठा कर चले सकें.
हर संभव की जाती है सहायता – योगेश कुमार गुप्ता (प्रेसिडेंट नवलोक वेलफेयर सोसाइटी)
महिला पंचायत में योगेश कुमार गुप्ता (प्रेसिडेंट नवलोक वेलफेयर सोसाइटी) ने बताया कि उनकी संस्था महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध करवाने के साथ साथ अन्य कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करती है. हेल्थ कैंप, आधार कार्ड, साक्षरता जागरूकता कैम्प इत्यादि कई तरह के आवश्यक कार्यक्रमों का आयोजन संस्था द्वारा किया जाता है. भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए योगेश गुप्ता ने बताया कि उनका उद्देश्य वृद्धा आश्रम खोलने का है. ताकि वो बुजुर्गों की सहायता कर सकें.
ककरोला में आयोजित इस महिला पंचायत में भारी मात्रा में महिलाओं सहित अन्य स्थानीय लोगो ने हिस्सा लिया, साथ ही कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों द्वारा बताई गई बातों को सुना. कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं ने अपनी समस्याओं को न्यायधीशों व वकील के समक्ष रखा जिन्हे, उचित मार्ग दर्शन दिया गया.