अयोध्या में ईद मिलन समारोह, प्रेम और सौहार्द्र की अनूठी मिसाल!
अयोध्या की पावन धरा पर जहां एक ओर रामनवमी की गूंज थी, वहीं दूसरी ओर ईद की खुशबू भी हवाओं में घुली हुई थी। नियावां रोड स्थित एक सभागार में उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आमिर खान के नेतृत्व में एक भव्य ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया। यह समारोह न केवल धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक बना, बल्कि एकजुटता और भाईचारे की मिसाल भी पेश की।
समारोह की भव्य शुरुआत, गूंज उठे सद्भाव के स्वर
कार्यक्रम की शुरुआत पूरे उत्साह और गर्मजोशी के साथ हुई। जैसे ही सभागार में अतिथियों का आगमन हुआ, माहौल प्रेम और सौहार्द्र के रंग में रंग गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील जायसवाल द्वारा किया गया। मंच पर आते ही उन्होंने कहा—
ईद का पर्व सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रेम, भाईचारे और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। आज इस पावन अवसर पर सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े हैं, यह भारत की अनूठी संस्कृति और गंगा-जमुनी तहजीब की सबसे बड़ी पहचान है।
सभा में उपस्थित हर व्यक्ति तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत कर रहा था।
रामनामी पटका पहनाकर किया गया स्वागत, सजी अनोखी तस्वीर
समारोह में आए सभी अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार सुबोध श्रीवास्तव ने पारंपरिक अंदाज में रामनामी पटका पहनाकर किया। यह एक ऐसी अनूठी तस्वीर थी, जहां धार्मिक विविधता को प्रेम और सम्मान के धागों में पिरो दिया गया था। जब एक मुस्लिम संगठन के नेतृत्व में हिंदू धर्म का प्रतीक रामनामी पटका मेहमानों को पहनाया गया, तो यह स्पष्ट हो गया कि भारत की मिट्टी में बसी भाईचारे की सुगंध को कोई मिटा नहीं सकता।
नगर कोतवाल की मौजूदगी ने दिया सकारात्मक संदेश
समारोह में विशिष्ट अतिथि नगर कोतवाल अश्विनी पांडेय भी मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा—
अयोध्या पूरे देश के लिए धार्मिक सौहार्द्र और एकता की मिसाल रहा है। यह वही भूमि है, जहां श्रीराम ने प्रेम और मर्यादा का संदेश दिया। आज इस आयोजन में शामिल होकर महसूस हो रहा है कि हम सब एक परिवार की तरह हैं, जहां ईद और रामनवमी साथ-साथ मनाई जाती हैं।
उनके इन शब्दों ने सभा में मौजूद हर व्यक्ति के दिल को छू लिया।
जब हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे गूंजे!
जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष आमिर खान ने माइक संभाला, उनकी आवाज़ में आत्मविश्वास और उनके शब्दों में गहरी संवेदनशीलता झलक रही थी। उन्होंने कहा—
ईद केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एकता, प्रेम और भाईचारे को मजबूत करने का अवसर है। आज हम सभी न केवल ईद मना रहे हैं, बल्कि रामनवमी का भी उत्सव है। यही भारत की आत्मा है— एकता में विविधता।
उन्होंने जैसे ही यह कहा, सभागार में जोरदार नारे गूंज उठे—
हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई!
अयोध्या की धरती से प्रेम का पैगाम!
वातावरण में उमंग और उल्लास का ऐसा संचार हुआ कि हर व्यक्ति इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनकर गर्व महसूस करने लगा।
वरिष्ठ पत्रकार ने दिया बड़ा बयान
वरिष्ठ पत्रकार सुबोध श्रीवास्तव ने इस आयोजन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा—
यह आयोजन सिर्फ एक ईद मिलन समारोह नहीं, बल्कि पूरे देश को दिया गया एक संदेश है कि जब हम मिलकर जश्न मनाते हैं, तब नफरतें खुद-ब-खुद हार जाती हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या ने आज फिर साबित कर दिया कि यह भूमि केवल मंदिरों और मस्जिदों की नहीं, बल्कि प्रेम और सौहार्द्र की भी है।
समारोह बना कौमी एकता की मिसाल
कार्यक्रम के दौरान व्यापार मंडल के कई गणमान्य सदस्य और स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे। सभी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होते रहने चाहिए ताकि समाज में प्रेम और भाईचारे की भावना बनी रहे।
समारोह के अंत में सभी ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी और मिठाइयां बांटीं।
अयोध्या ने दिया प्रेम और सौहार्द्र का संदेश
इस ईद मिलन समारोह ने अयोध्या की एक नई तस्वीर दुनिया के सामने रखी— एक ऐसी तस्वीर, जहां हिंदू और मुसलमान मिलकर एक-दूसरे के त्यौहार मनाते हैं, जहां नफरत की दीवारें गिराकर प्रेम की इमारतें बनाई जाती हैं।
जब एक ही मंच पर रामनवमी और ईद के गीत गूंजे, जब एक हिंदू नेता ने ईद की खुशियां मनाईं और एक मुस्लिम नेता ने रामनामी पटका पहनाया, तब समझ में आया कि अयोध्या का असली संदेश क्या है— प्रेम, एकता और भाईचारा!
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