2017 में दर्ज हुआ था 8 संविदा Teachers पर फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने का मामला
बता दें कि भितरवार जनपद पंचायत द्वारा वर्ष 2007 और 08 में संविदा Teachers की भर्ती की गई थी जिसमें कुछ शिक्षकों के द्वारा Teachers के द्वारा फर्जी तरीके से डीएड और बीएड की फर्जी अंकसूची लगाकर संविदा शिक्षक की नौकरी पाली थी। जिसमें भितरवार निवासी नरेश मोदी एवं बैलगडा थाना क्षेत्र के रिछारी खुर्द निवासी राजेंद्र सिंह रावत द्वारा संविदा शिक्षक की नौकरी पाली गई थी।
नौकरी पाने के बाद भितरवार निवासी नरेश मोदी की पद स्थापना शासकीय प्राथमिक विद्यालय मुसहारी में की गई थी तो वही राजेंद्र सिंह रावत की उसी के ग्राम स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय में संविदा शिक्षक वर्ग 3 के पद पर नियुक्ति की गई थी।
वर्ष 2017 में आरटीआई एक्टिवेट द्वारा जब संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दस्तावेजों की नकल लेकर छानबीन की गई तो वर्ष 2017 में 8 संविदा शिक्षकों के खिलाफ कूट रचित फर्जी दस्तावेज लगाकर नियुक्ति पाने का मामला सामने आया था जिस पर भितरवार पुलिस द्वारा 8 Teachers पर मामला दर्ज करते हुए मामले को जांच में लिया गया था साथ ही उपरोक्त Teachers की तलाश में पुलिस लगी हुई थी।
फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाला नरेश मोदी उसके घर से गिरफ्तार किया गया
तो वही आरटीआई एक्टिवेट द्वारा आज अन्य शिक्षकों पर भी 9 जनवरी 2024 को भितरवार पुलिस थाने में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने का मामला दर्ज कराया था जिस पर पुलिस सक्रिय हो गई और नए और पुराने मामले के फरार शिक्षकों की जांच पड़ताल और गिरफ्तारी के कार्य में जुट गई थी। इसी क्रम में सोमवार को भितरवार पुलिस थाने में पदस्थ उप निरीक्षक चंद्रशेखर कुशवाह को मुखबर द्वारा सूचना लगी की फर्जी दस्तावेज पर नौकरी पाने वाला भितरवार के वार्ड क्रमांक 12 का निवासी नरेश मोदी अपने घर पर ही मौजूद है।
तो उप निरीक्षक श्री कुशवाह द्वारा मामले की जानकारी भितरवार एसडीओपी जितेंद्र नगाइच एवं थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी को दी, जिस पर सोलंकी के मार्गदर्शन में कुशवाह के नेतृत्व में आरक्षक गौरव सिंह सेंगर एवं अन्य पुलिस बल की टीम द्वारा नरेश मोदी को उसके घर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
तो वही रिछारी खुर्द में जाकर राजेंद्र सिंह रावत को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। उपरोक्त पकड़े गए दोनों शिक्षकों को पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
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