7 सितंबर को खग्रास चंद्र ग्रहण: जानें सूतक काल का समय, राशियों पर प्रभाव और आवश्यक सावधानियाँ

Aanchalik Khabre
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7 September 2025 Lunar Eclipse

देवास। इस वर्ष पितृपक्ष की अवधि में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। 7 सितंबर को पड़ने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण (खग्रास चंद्र ग्रहण) धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है। यह ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के विस्तृत क्षेत्र में दृश्यमान होगा।

ग्रहण का समय और सूतक काल:
भारतीय समयानुसार, इस ग्रहण का सूतक काल दोपहर बाद आरंभ होगा। सूतक काल की अवधि में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे एवं धार्मिक कार्य स्थगित किए जाएँगे। ग्रहण का स्पर्श रात्रि में होगा और मोक्ष देर रात्रि तक माना जाएगा।

ज्योतिषीय विश्लेषण एवं राशिगत प्रभाव:
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित दीनदयाल शास्त्री के अनुसार, यह ग्रहण कुंभ राशि एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। राशियों पर प्रभाव इस प्रकार रहेगा:

  • शुभ प्रभाव: मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या एवं धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभफलदायी रहेगा।
  • सामान्य प्रभाव: कर्क, वृश्चिक, तुला एवं मीन राशि वालों को मध्यम परिणाम प्राप्त होंगे।
  • सावधानी आवश्यक: कुंभ राशि के जातकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। उन्हें ग्रहण का सीधा दर्शन न करने एवं इष्टदेव के मंत्रजाप का अनुष्ठान करने का परामर्श दिया जाता है।

धार्मिक महत्व एवं आचरण संबंधी दिशा-निर्देश:
चंद्रमा और राहु के संयोग से उत्पन्न इस ग्रहण काल में मानसिक अशांति एवं शारीरिक व्याधियों की संभावना रहती है। इस अवधि में धैर्य, संयम और आध्यात्मिक साधना को प्राथमिकता देना श्रेयस्कर होगा। गुरुमंत्र का जाप, भजन-कीर्तन एवं सत्संग इस काल में विशेष लाभप्रद सिद्ध होंगे।

सामान्य जन के लिए सुझाव:

  1. ग्रहण काल में भोजन ग्रहण न करें
  2. गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें
  3. मंत्रजाप एवं ध्यान करें
  4. ग्रहण के बाद स्नान कर नए वस्त्र धारण करें

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