चित्रकूट: श्रीधाम वृन्दावन से आए भागवत ब्यास बृजेश महाराज ने आज सप्तम दिवस की कथा करते हुए बताया की मित्रता श्री कृष्ण और सुदामा जैसी करनी चाहिए चाहे जीवन में कितनी भी विपत्ति आ जाये पर भगवान को कभी भूलना नहीं चाहिए जैसे सुदामा ने हमेशा भगवान की भक्ति करते हुए जीवन को कृतार्थ किया। उसके उपरान्त भागवत का सम्पूर्ण विषय सूची का भी श्रवण कराया व्यवस्थापक आलोक पाण्डेय, पण्डित धर्मेन्द्र शास्त्री, सुदीप शास्त्री, जयप्रकाश शुक्ला एवं पं रामानुज तिवारी ने सभी भक्तो से भागवत का पूजन कराया।