यह कहानी पहली बार कैसे तत्कालीन महापौर ममता पांडे ने शहर को दिलाई थी सौगात ‘रीवा के मुंह से छीन ली थी स्मार्ट सिटी’-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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शहर को स्मार्ट सिटी की 5 सौगात दिलाना आसमान से तारे तोड़ लाने वाला काम था, लेकिन पूर्व महापौर मामता पांडेय शहर के विकास के लिए कुछ भी कर गुजर जाने पर अड़ गई। उनकी इस जिद के कारण सतना को स्मार्ट सिटी की सौगात मिल पाई। पूर्व महापौर ममता पांडेय ने बताया कि स्मार्ट सिटी की घोषणा होने वाली थी। सतना को यह सौगात मिले इस उम्मीद के साथ मैं निगमायुक्त धीरेंद्र सिंह परिहार को लेकर दिल्ली गई थी। वहां पर हमें यह बताया गया कि स्मार्ट सिटी सिर्फ संभाग मुख्यालय को ही मिलती
है। अधिकारियों ने कहा कि संभाग मुख्यालय रीवा है इसलिए सतना को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में किसी भी स्थिति में शामिल नहीं किया जा सकता है। यह सुनकर मुझे बहुत निराशा हुई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। शहर की जनता को विकास की सौगात देने के लिए मैं तत्कलीन केन्द्रीय मंत्री
व्यंकय्या नायडू के सामने अड़ गई। मैंने कहा, भाई साहब मैं खाली हाथ सतना नहीं लौटूंगी। इसके बाद वहीं उनके सामने जमीन पर बैठ गई। एक घंटे तक बैठी रही, तब जाकर मंत्री ने हामी भरी। फिर अधिकारियों ने यह कहते हुए अड़ंगा लगा दिया कि रीवा की वार्षिक आय सतना से अधिक है। इसलिए स्मार्ट सिटी सतना को देना संभव नहीं है। तब निगमायुक्त ने फोन कर रातोरात संपत्तिकर एवं जलकर के दस्तावेज सुधार करवाए। उनकी यह मशक्कत रंग लाई और हमने दूसरे दिन अधिकारियों के सामने रीवा से अधिक की आय रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिया। तब कहीं जाकर हमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मिला था।

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