Chitrakoot के रामघाट के मंदाकिनी तट पर भरत मंदिर स्थित है
निसिंग। मानव अधिकार वैलफेयर संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार, नगर पालिका पार्षद व समाजसेवी सतीश गोयल निसिंग के नेतृत्व में श्रद्धालुओं ने Chitrakoot राम घाट सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए। जब श्री राम वनवास काल के लिए Chitrakoot आए तब भरत जी अयोध्या से उनको मनाने के लिए आए थे और मंदाकिनी नदी में स्नान करके भरत मंदिर में उन्होंने विश्राम कर श्री राम से चार से पांच दिन तक वार्ता की थी।
Chitrakoot धाम भारतवर्ष के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। साथ ही भगवान राम का Chitrakoot और अयोध्या से एक अनूठा रिश्ता भी रहा है।जहां अयोध्या में प्रभु राम ने जन्म लिया तो वहीं उन्होंने अपने वनवासकाल के साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट में बिताए। चित्रकूट के रामघाट के मंदाकिनी तट पर भरत मंदिर स्थित है।
मान्यता है कि जब श्री राम वनवास काल के लिए चित्रकूट आए तब भरत जी अयोध्या से उनको मनाने के लिए आए थे और मंदाकिनी नदी में स्नान करके भरत मंदिर में उन्होंने विश्राम कर श्री राम से चार से पांच दिन तक वार्ता की थी।चित्रकूट के घाटों में से एक राम घाट मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है, और अधिकतर भक्तों से भरा हुआ रहता है।
सुबह के समय भक्त यहाँ सूर्य नमस्कार अर्थात सूर्य देव की यौगिक प्रार्थना करते हैं और नदी में डुबकी लगाते हैं। हालांकि यहाँ का प्रमुख आकर्षण शाम की आरती है जो हर दिन होती है। पारंपरिक भगवा कपड़े पहने पुजारी भगवान से प्रार्थना करते हैं और श्लोकों का जाप करते हैं।
जोगिंद्र सिंह, निसिंग
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