Country की संस्कृति और विरासत को संजोने के लिए हर नागरिक को जिम्मेदारी निभाये

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Country की संस्कृति और विरासत को संजोये रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी
Country की संस्कृति और विरासत को संजोये रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी

जनरल एसपीएस कटेवा ने कहा कि Country की संस्कृति और विरासत को संजोने के लिए हर नागरिक को जिम्मेदारी निभानी चाहिए

झुंझुनू । जेजेटी यूनिवर्सिटी कैंपस सभागार में रक्षा क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में आए परम विशिष्ट सेवा मेडल सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा ने कहा कि Country की संस्कृति और विरासत को संजोने के लिए भारतीय सेना के असंख्य जवानों ने शहादत दी है। आज उस विरासत को संजोने के लिए Country के हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वो Country के प्रति अपनी जिम्मेदारी को प्राथमिकता दें और असंभव शब्द को अपनी दिनचर्या से बाहर कर दें।

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उन्होंने खुशी जताई कि अब भारतीय सेना में बेटों की तरह बेटियों के पास भी बराबर अवसर हैं और वह दिन दूर नहीं, जब बेटियां रेजिमेंट में शामिल होकर Country सेवा करेगी। कटेवा का यूनिवर्सिटी चेयरपर्सन डॉ विनोद टीबड़ेवाला, प्रेसिडेंट डॉ देवेंद्र सिंह ढुल ने पुष्प-गुच्छ भेंट किया। दीप प्रज्वलन उपरांत सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल एसपीएस कटेवा ने मुख्य वक्ता के तौर पर विद्यार्थियों, विशेषकर एनसीसी कैडेट्स के साथ संवाद किया। तकरीबन एक घंटे तक उन्होंने रक्षा क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसर विषय पर अपने विचार रखे।

लेफ्टिनेंट जनरल कटेवा ने कहा कि विषय यह नहीं है कि एक युवा क्या बनना चाहता है। विषय यह है कि युवा अपनी मातृभूमि के प्रति जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी Country विकसित है या विकसित बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यदि उसके नागरिक, विशेषकर युवा अपनी मातृभूमि के प्रति जिम्मेदार नहीं होंगे तो ऐसी प्रगति का कोई फायदा नहीं है।

उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्रकरते हुए विस्तार से बताया कि किस प्रकार विकासशील यूक्रेन की अर्थव्यवस्था डगमगा गई और कई मोर्चों पर यूक्रेन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा हैं उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम में भारत के सामने चीन, पाकिस्तान की चुनौती है जिसका सामना करने के लिए भारतीय सेना हर वक्त तैयार रहती है। आज Country की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जो रक्षा बजट खर्च किया जाता है वो करोड़ों देशवासियों का राष्ट्रीय बीमा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों को सेना क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए जो अवसर दिए हैं उनमें दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी होगी और एक दिन आएगा, जब हमारी बेटियां रेजिमेंट में शामिल होकर देशसेवा करेगी। उन्होंने युवाओं को 17 से 21 आयु के बीच जवान के तौर पर सेना में शामिल होने, अग्निवीर योजना के तहत शामिल होने, एसएसबी, एनडीए, आईएमए के माध्यम से मिलने वाले अवसरों पर चर्चा की।

यूनिवर्सिटी चेयरपर्सन डॉ विनोद टीबड़ेवाला ने कहा कि शेखावटी इलाका सेना में जाने में हमेशा आगे रहा है। यहां के युवाओं को भारतीय सेना में जाने के लिए जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है और एक यूनिवर्सिटी के नाते हम यह जिम्मेदारी निभाएंगे। प्रेसिडेंट डॉ देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा कि जेजेटी यूनिवर्सिटी ने युवाओं में नेतृत्व क्षमता विकास करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

यूनिवर्सिटी कैंपस में युवा की रूचि व उसकी क्षमता के अनुरूप अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने खेल मैदान का दौरा भी किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रामदर्शन फौगाट द्वारा किया गया। इस अवसर पर निदेशक संपदा इंजीनियर बालकृष्ण टीबड़ेवाला, रजिस्ट्रार अजीत कुमार, एडवाइजरी बोर्ड मैंबर डॉ मधु गुप्ता, लेफ्टिनेंट डॉ अरूण कुमार, मुख्य वित अधिकारी डॉ अमन गुप्ता समेत बड़ी संख्या में फैकल्टी, विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

संजय सोनी, झुंझुनू 

 

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