अखिल भारतीय किसान महासभा ने Modi Government के अंतरिम बजट को झूठ का पुलिंदा, किसानों, मजदूरों, देशवासियों से धोखा बताया है
झुंझुनू । अखिल भारतीय किसान महासभा ने शुक्रवार को संसद में पेश Modi Government के अंतिम अंतरिम बजट को झूठ का पुलिंदा, किसानों, मजदूरों, देशवासियों से धोखा और चालाकी भरा बताया है। किसान महासभा ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति पर Modi Government देशवासियों को धोखे में रखे है। देश पर बढ़ते कर्ज के बोझ को कम करने की कोई दिशा बजट में नहीं है। Modi Government में 2014 के 55 लाख करोड़ की जगह आज 1 अरब 73 लाख करोड़ के करीब देश पर कर्ज चढ़ गया है। यह स्थित आने वाले चंद वर्षों में देश को आर्थिक दिवालिया की दिशा में धकेल देगी, जब देश की जीडीपी व कर्ज बराबरी पर आ जाएगा।
सरकार झूठा दावा कर रही है कि इस बीच 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि Modi Government में देश गरीबी और भुखमरी के आंकड़ों के काफी निचले पायदान पर पहुंच गया है। खुद भूख मिटाने के नाम पर देश में बांटे जा रहे 5 किलो मुफ्त अनाज के पात्रों का बढ़ता सरकारी आंकड़ा (80 करोड़ से अब 81 करोड़) इसका जीता जागता उदाहरण है।
अंतिरिम बजट में फसल कटाई के बाद निजी व विदेशी निवेश के लिए कृषि क्षेत्र के दरवाजे खोलने की बात है। यह किसान आंदोलन के दबाव में वापस लिए गए कृषि बिलों की खुलेआम पुनर्वापसी है। यानी कृषि मंडी, अनाज भंडारण और उसके खुदरा व्यापार में कारपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रवेश कराया जाएगा। किसान महासभा इसे तुरंत वापस लेने की मांग करती है।
किसानों की फसलों के लिए एमएसपी, किसानों मजदूरों की कर्ज मुक्ति, जैसे किसानों की मुख्य मांगों पर इस अंतिरिम बजट में कोई राहत नहीं दी गई
किसानों की फसलों के लिए एमएसपी, किसानों मजदूरों की कर्ज मुक्ति, प्राकृतिक आपदा के बाद किसानों को न मिल रहे मुआवजे, कृषि में बढ़ती लागत सामग्री की कीमतों को कम करने जैसे किसानों की मुख्य मांगों पर इस अंतिरिम बजट में कोई राहत नहीं दी गई है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के मनमाने ब्याज और नियम विरुद्ध दिए जा रहे कर्ज के जाल में आत्म हत्या की तरफ बढ़ रहे देश के गरीबों/महिलाओं को कोई राहत नहीं। उल्टे Modi Government लखपति महिला का जुमला लाकर कर्ज के नीचे कराह रही देश की गरीब महिलाओं का मजाक उड़ा रही है।
आसमान छूती महंगाई से भी कोई राहत 4 की उम्मीद बजट में नहीं है। जबकि कारपोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 और 15 प्रतिशत तक ला दिया गया है। कुल मिलाकर यह अंतिरिम बजट झूठ का पुलिंदा, धोखा और कारपोरेट लूट को बढ़ाने वाला है। किसान महासभा इस मजदूर, किसान विरोधी, देश को लूटने वाली Modi Government के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाने व 2024 के लोकसभा चुनाव में इसे परास्त करने की अपील करती है।
संजय सोनी, झुंझुनू
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