शिक्षा में सामाजिक न्याय की ओर: स्टालिन सरकार की SEP नीति

Aanchalik Khabre
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तमिलनाडु की राजनीति में शिक्षा एक ऐसा विषय है, जो केवल नीतिगत ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान से भी जुड़ा है। इसी परिप्रेक्ष्य में 8 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने चेन्नई स्थित अन्ना सेंटेनरी पुस्तकालय सभागार में तमिलनाडु की नई राज्य शिक्षा नीति (State Education Policy – SEP) का ऐलान किया। यह नीति केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के खिलाफ एक सशक्त वैकल्पिक मॉडल के रूप में सामने आई है।

यह कदम वर्षों से चल रहे उस विरोध का परिणामी स्वरूप है, जिसमें डीएमके सरकार केंद्र द्वारा प्रस्तावित शिक्षा प्रणाली में “हिंदी थोपने”, “तीन-भाषा नीति” और “केंद्रीकरण” के विरोध में खड़ी रही है।

नीति का उद्देश्य

मुख्यमंत्री स्टालिन ने स्पष्ट किया कि SEP का मुख्य उद्देश्य राज्य में:

  • शिक्षा में समानता (Equity),
  • गुणवत्ता (Quality),
  • तर्कसंगत सोच (Rational Thinking),
  • और सांस्कृतिक पहचान (Linguistic & Regional Identity)

को संरक्षित और प्रोत्साहित करना है।

उनके शब्दों में —

हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे सिर्फ रटें, बल्कि सोचें, समझें और जागरूक नागरिक बनें।”

नीति की मुख्य बातें

  1. भाषा नीति: दो-भाषा प्रणाली
  • तमिलनाडु की SEP तमिल और अंग्रेज़ी पर आधारित दो-भाषा नीति को ही अपनाएगी।
  • तीन-भाषा नीति, जैसा कि NEP में प्रस्तावित है (जहाँ हिंदी अनिवार्य हो सकती है), को राज्य सरकार ने सिरे से नकार दिया है।
  • स्टालिन ने कहा:

“हम अपनी मातृभाषा तमिल के गौरव को बनाए रखेंगे और अंग्रेज़ी के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेंगे।”

  1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल शिक्षा
  • नीति में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), डिजिटल लर्निंग, स्मार्ट क्लासरूम्स, और तकनीकी साक्षरता को विशेष स्थान दिया गया है।
  • 2026 से सभी जिलों के सरकारी स्कूलों में चरणबद्ध रूप से AI आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
  1. प्रवेश प्रणाली में बदलाव
  • SEP के अनुसार, कॉलेज में प्रवेश अब केवल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के बजाय, कक्षा 11 और 12 के अंकों के संयुक्त मूल्यांकन के आधार पर होगा।
  • यह फैसला NEET और CUET जैसी परीक्षाओं की शहरी और अमीर-पक्षीय प्रकृति” के विरोध में लिया गया है।
  1. शारीरिक और नैतिक शिक्षा
  • शिक्षा में शारीरिक विकास, सांस्कृतिक जागरूकता, समाजशास्त्र, और तर्कशीलता को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।
  • धार्मिक या प्रतिक्रियावादी मूल्यों की जगह विज्ञान, समानता और समाजवाद को प्राथमिकता दी जाएगी।

नीति की पृष्ठभूमि और गठन

  • इस नीति को सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डी. मुरुगेसन की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया।
  • इसमें शिक्षाविदों, समाजशास्त्रियों, भाषा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को शामिल किया गया था।
  • लगभग 54,000 सार्वजनिक सुझावों, 1,000+ शिक्षकों की राय, और 50 जिलों से प्रतिनिधियों की बैठक के बाद यह दस्तावेज तैयार हुआ।

NEP बनाम SEP: संघर्ष की जड़ें

पहलू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) राज्य शिक्षा नीति (SEP – तमिलनाडु)
भाषा नीति तीन-भाषा फॉर्मूला (हिंदी सहित) केवल दो-भाषा (तमिल + अंग्रेज़ी)
प्रवेश प्रक्रिया NEET, CUET जैसी केंद्रीकृत परीक्षाएँ 11वीं और 12वीं के अंक आधारित
पाठ्यक्रम में झुकाव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, वैदिक विज्ञान आदि तर्कसंगत सोच, वैज्ञानिक दृष्टिकोण
नीति का नियंत्रण केंद्र सरकार राज्य सरकार
शिक्षकों की भर्ती केंद्रीकृत एजेंसियाँ राज्य आधारित सेवाएं

राजनीतिक निहितार्थ

तमिलनाडु की नई शिक्षा नीति सिर्फ एक शैक्षणिक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह राज्य की स्वायत्तता, संविधान में निहित संघवाद, और द्रविड़ राजनीति के मूल सिद्धांतों की पुन: पुष्टि है।
डीएमके ने लंबे समय से हिंदी थोपने और एकरूपता वाली शिक्षा प्रणाली का विरोध किया है। SEP के माध्यम से राज्य ने अपने विचारों को व्यावहारिक रूप में परिणत किया है।

मुख्यमंत्री स्टालिन के विचार

नीति विमोचन के दौरान स्टालिन ने कहा:

“हम द्रविड़ मॉडल के अनुरूप शिक्षा देना चाहते हैं, जिसमें न कोई भेदभाव हो, न कोई पिछड़ जाए। हर बच्चा कॉलेज जाए, यह हमारा लक्ष्य है।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष 901 छात्र प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश ले चुके हैं, और अगले वर्षों में यह संख्या कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

निष्कर्ष

तमिलनाडु की यह नई शिक्षा नीति, केवल केंद्र की नीति का विकल्प नहीं, बल्कि एक विचारधारा आधारित शैक्षिक क्रांति है। यह छात्रों को सोचने, तर्क करने, और स्थानीय जड़ों से जुड़कर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्य के लिए यह एक अवसर है, जब वह पढ़ाई सिर्फ अंकों के लिए नहीं, बल्कि समझ के लिए’ की सोच को साकार कर सकता है।

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