Amroha UP : मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर शिक्षक ने खाया जहर, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

News Desk
6 Min Read
Screenshot 2025 03 22 183408

अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गंगेश्वरी ब्लॉक स्थित निरयावली भूड़ परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षक वैभव गुप्ता के जहर खाने की घटना से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) पर जहर खा लिया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया।

व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा था उत्पीड़न का संदेश

शिक्षक वैभव गुप्ता द्वारा जहर सेवन करने से पहले एक शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश भेजा गया था। इस संदेश में उन्होंने विद्यालय के ही दो शिक्षकों पर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि ये शिक्षक लगातार उन्हें परेशान कर रहे थे, जिससे वह मानसिक रूप से तनाव में थे। इस संदेश के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन में हलचल मच गई।

घटना की जानकारी मिलते ही अमरोहा की जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने तुरंत इस मामले का संज्ञान लिया और दोनों आरोपित शिक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही डिप्टी कलेक्टर को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

घटना बुधवार सुबह की बताई जा रही है, जब शिक्षक वैभव गुप्ता बीआरसी केंद्र पहुंचे। वहां कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। जब अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों ने उन्हें परेशान देखा, तो पूछताछ की। तभी पता चला कि उन्होंने जहर खा लिया है। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया।

शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

एक शिक्षक द्वारा जहर खाने की खबर से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद अन्य शिक्षक भी भयभीत हैं और प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि यदि उत्पीड़न की घटनाओं को रोका नहीं गया, तो ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।

Screenshot 2025 03 22 183347

स्कूल प्रशासन की भूमिका पर सवाल

वैभव गुप्ता द्वारा लगाए गए आरोपों ने विद्यालय प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहली बार नहीं है जब शिक्षकों के बीच आपसी विवाद की खबरें सामने आई हैं। विद्यालय में माहौल तनावपूर्ण रहने की खबरें पहले भी आई थीं, लेकिन इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। अब जब एक शिक्षक की जान पर बन आई, तब प्रशासन हरकत में आया है।

परिजनों का आरोप – मानसिक उत्पीड़न से परेशान थे वैभव गुप्ता

वैभव गुप्ता के परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि वह पिछले कुछ महीनों से काफी तनाव में थे। परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई बार अपनी परेशानियों को साझा किया था, लेकिन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया। परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी और शिक्षक को इस तरह की प्रताड़ना न झेलनी पड़े।

इस घटना के बाद शिक्षक संघ भी सक्रिय हो गया है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक वैभव गुप्ता के साथ जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दुखद है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शिक्षकों को इस तरह प्रताड़ित किया जाएगा, तो इससे शिक्षा व्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा।

शिक्षक वैभव गुप्ता के इस कदम ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को भी उजागर कर दिया है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर कार्यस्थल पर उत्पीड़न, मानसिक दबाव और तनाव के कारण लोग इस तरह के कदम उठाते हैं। शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे और उन्हें उचित काउंसलिंग की सुविधा प्रदान करे।

क्या कहता है कानून?
अगर किसी व्यक्ति को मानसिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इसमें दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, सरकारी कर्मचारी यदि किसी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है, तो उस पर विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है, जिसमें निलंबन और बर्खास्तगी भी शामिल हो सकती है।

क्या होंगे अगले कदम?
डिप्टी कलेक्टर की जांच रिपोर्ट: जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम जल्द ही जांच शुरू करेगी।

आरोपित शिक्षकों से पूछताछ: निलंबित शिक्षकों से पूछताछ की जाएगी और उनकी भूमिका की जांच होगी।

वैभव गुप्ता का बयान: उनके स्वास्थ्य में सुधार होते ही उनका बयान दर्ज किया जाएगा।

शिक्षा विभाग की कार्रवाई: विभाग इस मामले पर आगे की कार्रवाई तय करेगा।

वैभव गुप्ता द्वारा उठाए गए इस कदम ने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल कार्यस्थल पर उत्पीड़न की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही को भी उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्त कार्रवाई करता है और दोषियों को क्या सजा मिलती है।

 

 

 

 

Share This Article
Leave a Comment