अमरोहा जनपद के हसनपुर कोतवाली क्षेत्र में भाजपा नेता सुरमित गुप्ता की पत्नी और उनकी दो पुत्रियों के साथ एक बड़ी टप्पेबाजी की घटना सामने आई। अपराधियों ने ईको वैन में बैठाकर उनके बैग में रखे सोने के आभूषण और नगदी को चोरी कर लिया। यह घटना बेहद शातिराना तरीके से अंजाम दी गई, जिससे पीड़ित परिवार को तुरंत पता ही नहीं चला कि उनके बैग से कीमती सामान गायब हो चुका है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गईं, जिन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगालने और सर्विलांस टीम की मदद से जांच को आगे बढ़ाया। पुलिस ने करीब 400 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की, जिससे आरोपियों की पहचान हो सकी। आखिरकार, पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि ये सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं और काफी समय से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।
शातिर तरीके से की गई चोरी, किसी को भनक तक नहीं लगी
अपराधियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए बेहद अनोखा तरीका अपनाया था। ईको वैन की सीट को खासतौर पर मॉडिफाई किया गया था, जिसमें पीछे बैठने वाले टप्पेबाज सीट की गद्दी हटाकर यात्री का बैग पीछे खींच लेते थे। इसके बाद वे बैग में रखे कीमती सामान को निकालकर बैग को उसी स्थान पर रख देते थे, जिससे यात्री को बिल्कुल भी अहसास नहीं होता कि उनका सामान चोरी हो चुका है।
पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की, तो सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस डेटा खंगाला। कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस को इस गिरोह के बारे में ठोस सुराग मिले और फिर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी अपराधी हापुड़ जनपद के नगर कोतवाली क्षेत्र के जोगीपुरा के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से लाखों की बरामदगी
पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की, तो उन्होंने कई वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 5 लाख रुपये की पीली धातु (सोने के आभूषण), 5 हजार रुपये नगद, 4 मोबाइल फोन और घटना में इस्तेमाल की गई फर्जी नंबर प्लेट लगी ईको गाड़ी बरामद की।
इस मामले का सफलतापूर्वक खुलासा करने वाली पुलिस टीम को अमरोहा पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित कुमार आनंद द्वारा 25 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया। पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है और अब इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
यह टप्पेबाज गिरोह लोगों को झांसा देकर उनका सामान चुराने में माहिर था। वे हमेशा ऐसे यात्रियों को निशाना बनाते थे जो अपने बैग में कीमती सामान रखते थे और सफर के दौरान लापरवाह हो जाते थे। उनके द्वारा अपनाई जाने वाली मुख्य रणनीतियां निम्नलिखित थीं—
मोदीफाइड ईको वैन का इस्तेमाल
आरोपियों ने अपनी ईको वैन की पीछे की सीट को खासतौर पर मॉडिफाई करा रखा था।
जब कोई यात्री वैन में बैठता, तो उनके साथी अपराधी सीट के नीचे छिपे होते थे।
जैसे ही यात्री अपने बैग को सीट पर रखते, अपराधी सीट के नीचे से उसे खींच लेते।
फिर वे बैग में से कीमती सामान निकालकर उसे वापस रख देते थे, जिससे यात्री को पता नहीं चलता।
फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ी का इस्तेमाल
अपराधियों ने अपनी गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थी, जिससे वे पुलिस से बच सकें।
हर वारदात के बाद वे गाड़ी की नंबर प्लेट बदल देते थे, ताकि उन पर संदेह न हो।
बड़े बाजारों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर वारदात
ये अपराधी हमेशा भीड़भाड़ वाली जगहों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजारों में सक्रिय रहते थे।
वे वहां पर सवारियों को अपनी वैन में बैठने के लिए मजबूर करते और फिर चोरी को अंजाम देते थे।
वारदात के बाद तुरंत फरार हो जाते थे
चोरी करने के बाद ये अपराधी तुरंत वहां से निकल जाते थे।
यात्रियों को चोरी का अहसास तब होता था जब वे अपने गंतव्य पर पहुंच जाते थे, लेकिन तब तक अपराधी बहुत दूर निकल चुके होते थे।
इस गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस को कई दिनों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी। पुलिस ने निम्नलिखित रणनीतियां अपनाईं—
सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण: पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के 400 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी और गाड़ी की पहचान की।
सर्विलांस टीम की मदद: पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की।
गुप्त मुखबिरों की सहायता: पुलिस ने अपने गुप्त सूत्रों से भी जानकारी एकत्र की।
तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी: मोबाइल डेटा, गाड़ी के नंबर और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को ट्रैक कर पकड़ा।
इस मामले के बाद पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि—
अपना बैग हमेशा अपने सामने रखें।
किसी भी अनजान वाहन में बैठने से पहले सावधानी बरतें।
यदि कोई व्यक्ति संदेहास्पद गतिविधि करता दिखे, तो तुरंत 100 नंबर या नजदीकी पुलिस स्टेशन पर सूचना दें।
सार्वजनिक वाहनों में सफर के दौरान अजनबियों से बातचीत करने में सतर्कता बरतें।
अगर किसी व्यक्ति को अपनी चोरी हुई वस्तु का अहसास हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
गिरोह के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की तैयारी
पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह ने कई अन्य जिलों में भी इसी तरह की वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस अब उनके संपर्कों और पुराने मामलों की जांच कर रही है।
अमरोहा जिले में हुई इस टप्पेबाजी की घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि अपराधी किस हद तक चालाकी से वारदात को अंजाम दे सकते हैं। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से यह मामला सुलझ गया और आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए।
इस घटना से जनता को भी सीख लेनी चाहिए कि सार्वजनिक परिवहन में सफर करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस अब इस गिरोह के खिलाफ गहरी जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।