बंगाल स्कूल भर्ती घोटाला: टीएमसी विधायक जीवन कृष्ण साहा गिरफ्तार, दीवार कूदकर भागने की कोशिश

Aanchalik Khabre
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प्रवर्तन निदेशालय

पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर भर्ती घोटाला चर्चा में है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा को स्कूल भर्ती घोटाले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले विधायक ने दीवार कूदकर भागने की कोशिश भी की, लेकिन एजेंसी ने उन्हें पकड़ लिया।

क्या है मामला?

ED ने यह कार्रवाई शिक्षकों और स्कूल स्टाफ की भर्ती में अनियमितताओं की जांच के तहत की है। एजेंसी का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में पैसे लेकर नौकरियां बेची गईं। यह घोटाला मुख्य रूप से राज्य के सरकारी स्कूलों में गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से लेकर प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है।

प्रवर्तन निदेशालय

छापेमारी के दौरान ड्रामा

कार्रवाई मुर्शिदाबाद जिले में विधायक के घर पर हुई।सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही ईडी टीम पहुंची, विधायक दीवार फांदकर भागने की कोशिश करने लगे। उन्होंने अपने मोबाइल फोन एक नाले में फेंक दिए, जिन्हें बाद में बरामद कर लिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विधायक साहा को गीले कपड़ों में कचरे के ढेर से बाहर लाते हुए दिखाया गया।

सहयोग न करने पर हुई गिरफ्तारी

ईडी ने बताया कि साहा को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उनके साथ उनके कुछ रिश्तेदार और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई।

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

2023 में CBI ने भी जीवन कृष्ण साहा को इसी मामले में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई थी। ईडी की जांच, CBI द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर चल रही है, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंजूरी दी थी।

अब तक किन-किन पर गिरी गाज?

इस घोटाले में अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं:

  1. पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी
  2. टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य, जो पहले प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं

ईडी इस मामले में अब तक चार चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पार्थ चटर्जी को पार्टी से निलंबित भी किया गया था।

पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाला राज्य की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गया है। एक के बाद एक नेताओं की गिरफ्तारी यह दिखाती है कि मामला कितना गहरा और बड़ा है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि ED की अगली कार्रवाई किस दिशा में जाती है, और क्या इस घोटाले में और भी नए नाम सामने आते हैं।

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