Chitrakoot UP : चित्रकूट में ऐतिहासिक कायस्थ महासम्मेलन, राजनीतिक हिस्सेदारी की पुरजोर मांग

News Desk
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चित्रकूट में शनिवार को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के युवा विंग द्वारा एक ऐतिहासिक होली मिलन समारोह और महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देशभर से आए कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और समाज की एकजुटता को प्रदर्शित करते हुए सरकार से राजनीतिक हिस्सेदारी की पुरजोर मांग की। यह आयोजन समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें वक्ताओं ने कायस्थ समाज की प्रमुख समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की।

सम्मेलन की भव्य शुरुआत

कार्यक्रम का उद्घाटन एशिया की सबसे बड़ी कायस्थ पाठशाला, पी ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्हा द्वारा किया गया। उनके साथ अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अध्यक्ष डॉ. इंद्र सेन श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष संतोष निगम, पूर्व एमएलसी प्रत्याशी कुश श्रीवास्तव, वरिष्ठ कायस्थ नेता चंद्रप्रकाश खरे समेत कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। सम्मेलन में समाज के मेधावी छात्रों और बुजुर्गों को भी सम्मानित किया गया, जिससे यह संदेश गया कि कायस्थ महासभा केवल राजनीतिक मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए भी कार्यरत है।

कायस्थ समाज की राजनीतिक मांगें

कार्यक्रम में मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि देशभर में कायस्थ समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी नगण्य है, जबकि यह समुदाय शिक्षा, प्रशासन और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार को कायस्थ समाज के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

डॉ. सुशील सिन्हा ने अपने भाषण में कहा, “कायस्थ समाज हमेशा से बौद्धिक रूप से समृद्ध रहा है और देश की नौकरशाही, साहित्य, कला और संस्कृति में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब समय आ गया है कि समाज राजनीतिक रूप से भी संगठित हो और अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करे।”

पूर्व एमएलसी प्रत्याशी कुश श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि कायस्थ महासभा समाज की महिलाओं और बुजुर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि महासभा विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन और जरूरतमंद परिवारों के लिए आर्थिक सहायता जैसी योजनाओं को लागू करने पर काम कर रही है।

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कायस्थ पाठशालाओं की आवश्यकता

इस सम्मेलन में कायस्थ समाज के उत्थान के लिए विशेष रूप से शिक्षा पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि हर जिले में कायस्थ पाठशाला के भवन, विद्यालय और धर्मशालाओं की स्थापना आवश्यक है। डॉ. सिन्हा ने कहा, “समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित किए बिना हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। हमें अपने बच्चों को न केवल आधुनिक शिक्षा देनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपने गौरवशाली इतिहास से भी अवगत कराना चाहिए।”

इस अवसर पर कायस्थ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष संतोष निगम ने कहा कि समाज को एकजुट होकर शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि कायस्थ पाठशालाओं की स्थापना से समाज के जरूरतमंद छात्रों को लाभ मिलेगा और वे अपनी शिक्षा को सुचारू रूप से पूरा कर सकेंगे।

चित्रकूट में महासम्मेलन की ऐतिहासिक भागीदारी

चित्रकूट के युवा अध्यक्ष विवेक श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि इस महासम्मेलन में चित्रकूट के हर गांव से कम से कम एक प्रतिनिधि और शहर के लगभग सभी कायस्थ परिवारों के सदस्य शामिल हुए। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से भी कायस्थ समाज के लोग पहुंचे थे।

समाज के लोगों ने विशिष्ट अतिथियों का भव्य स्वागत किया और उन्हें खोह के पास सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ कामतानाथ जी के दर्शन के लिए ले जाया गया। इस दौरान समाज के वरिष्ठ नेताओं ने भगवान कामतानाथ से समाज की उन्नति और एकता की प्रार्थना की।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और भोज
कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों और युवाओं ने भाग लिया। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से कायस्थ समाज की संस्कृति और इतिहास को दर्शाया गया।

इस महासम्मेलन में शामिल हुए सभी लोगों ने एक साथ भोजन किया, जो समाज की एकजुटता का प्रतीक था। भोज में पारंपरिक व्यंजनों का आयोजन किया गया, जिससे सभी प्रतिभागियों को एक पारिवारिक माहौल का अनुभव हुआ।

कायस्थ महासभा की भविष्य की योजनाएं

इस महासम्मेलन में कायस्थ समाज के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें राजनीतिक अधिकारों की मांग, शिक्षा में सुधार, और समाज के आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देने की योजना शामिल थी। वक्ताओं ने कहा कि महासभा आने वाले समय में हर जिले में कायस्थ समाज के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी और विभिन्न राजनीतिक दलों से समाज की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग करेगी।

डॉ. इंद्र सेन श्रीवास्तव ने कहा कि, “हमें अपनी ताकत को पहचानना होगा और समाज की भलाई के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। महासभा इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगी और समाज को एकजुट करने का कार्य जारी रखेगी।”

समारोह की सफलता और समाज में नई ऊर्जा

इस महासम्मेलन में लगभग एक हजार लोगों की भागीदारी रही, जिसने कायस्थ समाज की एकता और संगठित होने की ताकत को साबित किया। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि कायस्थ समाज अपने हक के लिए संगठित हो रहा है और अपनी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक क्षण बताया और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की। इस महासम्मेलन ने कायस्थ समाज में नई ऊर्जा का संचार किया और यह सिद्ध कर दिया कि यदि समाज एकजुट हो जाए, तो वह अपने अधिकार प्राप्त करने में सक्षम है।

इस महासम्मेलन ने एक बार फिर से यह साबित किया कि कायस्थ समाज केवल शिक्षा और प्रशासन तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि अब उसे राजनीतिक रूप से भी सशक्त होना होगा। यह सम्मेलन कायस्थ समाज के लिए एक नई दिशा प्रदान करने वाला साबित हुआ, और इसके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में जरूर देखने को मिलेंगे।

 

 

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