श्री केके गुप्ता ने Cleanliness, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण में अनुकरणीय कार्य किए
Rajasthan: जहां cleanliness होती है वहां देवताओं का वास होता है और देश के 141 करोड लोगों की पसंद है cleanliness: केके गुप्ता, जो व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा से, दृढ़ संकल्प से, अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जुट जाता है उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य में नियोजित हो जाती हैं। ऐसा व्यक्ति कभी पीठ नहीं दिखाता, वह आगे और आगे बढ़ता जाता है, उसका हर कदम प्रगति की ओर अग्रसर होता रहता है।
अटूट संकल्प में वह शक्ति है जो कितनी भी बाधाएं क्यों न आ जाए, वह उन पर निरंतर विजय प्राप्त करता हुआ आगे बढ़ता चला जाएगा। ऐसे दृढ़ संकल्पित व्यक्ति के लिए पीछे हटने की कोई गुंजाइश ही नहीं होती है। अत: हमें चाहिए कि हम विजयी होने का दृढ़ संकल्प करें, जो भी कार्य करें वह पूरा मन लगाकर करें।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) भारत सरकार राष्ट्रीय योजना स्वीकृत समिति के गैर सरकारी सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार के प्रदेश समन्वयक और पूर्व सभापति नगर परिषद डूंगरपुर श्री केके गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर निकाय के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि इसे धरातल पर संपादित करें
राजस्थान में डूंगरपुर की निकाय स्वच्छ बन सकती है तो देश का हर गांव, ढाणी, शहर स्वच्छ बन सकता है परंतु इसके लिए सकारात्मक सोच एवं प्रयासों का होना बहुत जरुरी है। आज डूंगरपुर ने हर क्षेत्र में चाहे घरों से गिला सूखा कचरा उठाना हो, कचरा नियमित एवं समयबद्धता से उठाना, रात्रिकालीन सफाई, श्मशान घाट की सफाई, शौचालय की दिन में चार बार सफाई, कचरा यार्ड सफाई, जानवरों का सड़कों पर प्रतिबंध, प्लास्टिक पर रोक, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के नियमित सफाई करके टूरिस्ट को ही आकर्षित नहीं किया अपितु स्वच्छता को धरातल पर लागू किया है।
श्री केके गुप्ता ने cleanliness, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण में ऐसे अभूतपूर्व और अनुकरणीय कार्य किए हैं जिसकी बदौलत आज स्वच्छ पर्यावरण और हरियाली से आच्छादित वातावरण हमको उपलब्ध हो पाया है। श्री गुप्ता के इन नवाचारों को देश- दुनिया ने सराहा और भारत सरकार सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इन्हें ख्याति प्राप्त हुई है।
श्री गुप्ता बताते है कि स्वच्छता का महत्व एक ऐसा विषय है, जो शायद हर उम्र के लिए समान महत्व रखता है। किसी के जीवन में इसका महत्व व्यक्ति विशेष के तौर पर उतना ही है, जितना कि एक छोटे से बालक के जीवन में होता है। cleanliness अच्छी आदतों मे से एक होती है और अच्छी आदतें सबको अपनी ओर आकर्षित करती हैं और जब जीवन में सब का सही मिश्रण हो तो उस व्यक्ति का अलग ही नाम होता है।
जीवन में cleanliness का महत्व इतना ज्यादा है कि हमारे प्रधान मंत्री मोदी जी ने भी, इसे समझते हुए स्वच्छ भारत अभियान जैसे राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम चलाए। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ पूरी तरह खुले में शौच मुक्त बनाना है।
गंदगी के कारण कई सारी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका है, दैनिक रुप से अपने शरीर, घर, आस-पास के क्षेत्र, स्कूल, कार्यालय की सफाई। जरुरी नहीं कि हर जगह आप को ही सफाई करनी हो, आवश्यकता है जागरूकता की। कभी भी यहां-वहां कूड़ा न फेकें और कोई फेके तो उसे समझाएं। देश के सच्चे नागरिक होने के नाते सार्वजनिक स्थानों को गंदा न करें, अपने स्कूल, कार्यालय को साफ रखें।
Cleanliness हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और बिना इसके शायद एक व्यवस्थित जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जैसा कि हमारे लिये सांस लेना, भोजन करना जरूरी होता है, ठीक उसी प्रकार cleanliness भी जरुरी है और हम सब के जीवन में इसका महत्व बहुत ज्यादा है।
उन्होने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए cleanliness आवश्यक है तथा अगर हम हमारी उम्र को बढ़ाना चाहते हैं। तो स्वच्छ वातावरण में रहना आवश्यक है। यह जरूरी नहीं है कि हम कचरा ना फैलाएं परंतु यह जरूरी है कि हमारे सामने कोई भी दूसरा व्यक्ति भी कचरा ना फैलाएं। अगर हम सभी यह निर्णय कर ले तो यह देश निश्चित रूप से स्वच्छ बनेगा स्वस्थ बनेगा यह धरती माता जिसे गंदा करने का अधिकार किसी को नहीं है।
धरती माता को स्वच्छ रखने का काम हम सबको मिलकर करना चाहिए। उन्होने कहा कि आज हम सब के लिए गर्व की बात है कि हमारा देश बदल रहा है हमारा देश आगे बढ़ रहा है। इसमें देश के 141 करोड लोगों की अहम भूमिका है। स्वच्छता आजादी से भी बड़ी लड़ाई है।
cleanliness की तासीर बताते हुए उन्होने कहा कि आज cleanliness की ताकत की अगर बात करें तो हम सब जानते हैं की गंदगी के अंदर पनपने वाले कीटाणुओं से फैलने वाली बीमारियां जानलेवा होती है। राष्ट्रीय सर्व के अनुसार वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के पूर्व में हमारे देश में लगभग 25 लाख लोग प्रतिवर्ष गंदगी से होने वाली बीमारियों के कारण काल का ग्रास बन रहे थे।
मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, बुखार, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां गंदगी की वजह से होती है आदमी अस्वस्थ होता है तो हॉस्पिटल जाता है दवाइयों में पैसा खर्च करता है। उन सब से छुटकारा पाने के लिए स्वच्छता आवश्यक है और यह cleanliness घर में माता और बहनों के समर्पण से ही संभव है।
Cleanliness हर क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण
cleanliness हर क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण है। चाहे आप जहां भी जाएं जैसे कि स्कूल, घर, मंदिर, कार्यालय आदि। Cleanliness हर जगह के लिये समान महत्व रखती है। हम जितना अपने घर को साफ रखते हैं, हमें दूसरी जगहों को भी उतना ही साफ रखना चाहिये, कभी भी सार्वजनिक स्थानों को गंदा नहीं करना चाहिये। क्योंकि वे देश के धरोहर हैं, और हमारा देश हमारी पहचान है। जब तक हम अपने धरोहर कि रक्षा नहीं करेंगे, तो हमारे यहां आने वाले पर्यटक कहां से करेंगे। इस लिये cleanliness जरुरी है और इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।
पर्यावरण संरक्षण हमारा फर्ज है और इस जिम्मेदारी को हम सबको मिल कर निभाना चाहिए। हमे जितना हो सके उतना पर्यावरण को दूषित होने से बचाना चाहिए और प्रदुषण को रोकने के उपायों को अमल में लाना चाहिए। मनुष्य ने सभ्य बनने और दिखने के प्रयास में पर्यावरण को दूषित कर दिया हैं। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखना मानव तथा जीव जंतुओं के हित में हैं। आज विकास के नाम पर होने वाले कार्य पर्यावरण के लिए संकट बन गये हैं। पर्यावरण के संरक्षण की आज महती आवश्यकता हैं।
कचरा निस्तारण कर बनाई अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
माह अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत के बाद श्री गुप्ता ने अपनी निकाय डूंगरपुर में स्वच्छ भारत अभियान को प्रभावी बनाया और शहर को स्वच्छ बनाने हेतु कार्य करने शुरू किए जिससे शहर के शत प्रतिशत घरों से कचरा संग्रहण से लेकर कचरे के निस्तारण हेतु कार्य योजना बनाई जिसमें प्रत्येक घर से गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया।
इस कार्य में शहर में कचरा बीनने वाले शहर के 40 लोगों को रोजगार से जोडा। आधुनिक शहरी औद्योगिक कारखानों द्वारा उत्पन्न, औद्योगिक और खतरनाक रासायनिक कचरे सहित भारी मात्रा में ठोस कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए सुरक्षित लैंडफिल सबसे अच्छा उपलब्ध तकनीकी विकल्प डूंगरपुर नगर परिषद के लिए बनकर उभरा। सांइटिफिक लैंड फील्ड से कचरे के निपटान में अत्यधिक मदद मिली तथा जो कचरा किसी काम का नहीं होता उसे डालने के स्थान को 30 वर्ष की प्लानिंग कर निर्माण करवाया गया।
सूखे कचरे को सेग्रिकेशन प्लांट पर एकत्रित कर छटनी का कार्य किया जाता है तथा जो कचरा काम में नही आता उसे साईटिफिक लैडफिल में डाला जाता है। शहर के गीले कचरे को नियमित बायोगैस प्लांट में डालना तथा सेफ्टी टैंक का पानी व गोबर को प्लांट में डालकर 60 दिन में खाद व बनने वाली गैस से बिजली बनाने का कार्य कर देशभर मे प्रथम और सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पेश किया। जिसकी तारीफ देश ही नही विदेश से आने वाले लोगों ने की।
शहर के इस कचरा निस्तारण को प्रदेश में सराहा गया और नीति आयोग सहित कई संस्थाओं ने शहर को रिसर्च के लिए चुना। कचरा यार्ड जोकि 25 बीघा क्षेत्र मे फैला हुआ था, पूरी तरह से सडांध मार रहा था, मरे हुए जानवर व शहर का कचरा वहां पर डाला जाता था। जिसमे नियमित रूप से आग लगती रहती थी और बारिश मे पानी रिसकर जमीन मे जाकर धरती के पानी को भी विषैला बना रहा था। वहां पर आज मात्र 2 बीघा क्षेत्र मे कचरा यार्ड है।
शेष भूमि पर पशुओ के लिए चारा, तुलसी विहार, डिकरियो की वाडी तथा मेडिकल वेस्ट प्लांट नगरवासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। कचरा सेग्रिकेशन प्लान्ट पर कचरा बिनने वालो के 40 परिवारो को रोजगार भी मिल रहा है जोकि नगर मे कचरा बिनने का कार्य करते थे।
समय प्रतिबद्धता के साथ रात्रिकालीन cleanliness
प्रदेश की पहली निकाय डूंगरपुर जिसने दिन की सफाई के साथ रात्रिकालीन सफाई भी शुरू की। शहर में प्रतिदिन सुबह 6 से 10 और दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक की सफाई शुरू थी, पर तत्कालीन सभापति श्री के.के. गुप्ता की सोच थी कि शहर में पूरे 24 घंटे सफाई रहनी चाहिए। उसका परिणाम यह रहा कि परिषद द्वारा शहर में चारों प्रहर सफाई शुरू की गई। जिसमें रात्रि 9 से लगाकर भोर 5 तक शहर के व्यवसायिक क्षेत्र में सफाई पिछले 5 साल से वर्तमान तक प्रारंभ हैं।
आज पूरा शहर स्वच्छ और सुंदर है वहीं सभापति ने धरातल पर काम हो उसके लिए स्वयं ने मॉनिटरिंग अपने हाथों में रखकर रात्रि कालीन cleanliness को सफल बनाया। सफाई कर्मचारियों ने समय की प्रतिबद्धता का पालन किया और cleanliness का इतिहास रच दिया। शहर में अविरल 365 दिन रात्रिकालीन cleanliness अभियान चला जिसमें रात्रिकालीन सफाई से शहर में चोरी-डकैती पूर्णतया बंद हुई।
शहर बना प्लास्टिक व पॉलीथिन मुक्त
श्री के के गुप्ता द्वारा शहर को प्लास्टिक व पॉलीथिन मुक्त बनाने को लेकर अद्वितीय कार्य किया गया। शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए शहर में पॉलिथीन को पूर्णतया निषेध किया गया, तत्पश्चात जहां भी पॉलिथीन मिली तत्काल कार्यवाही कर दंड का प्रावधान भी किया गया। प्लास्टिक का कचरा इधर-उधर डालने पर भी आमजन को जागरूकता संदेश देकर शहर को प्लास्टिक व पॉलीथिन मुक्त बनाया। हर घर दो कपड़े के थैले पहुचाये तथा नियमित महिलाओं से कपड़े की हजारों थैलिया सिलवाकर सस्ते दरों पर बाजार में उपलब्ध करवाई।
झुन्झुनू से चंद्रकांत बंका
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