MSME Summit का आयोजन India Habitat Center में किया गया
मंगलवार सुबह इंडिया हैबिटेट सेंटर में सीआईआई MSME Summit का आयोजन हुआ। दिल्ली के उद्योग मंत्री श्री Saurabh Bhardwaj इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए कार्यक्रम में दिल्ली के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से आए उद्योगपतियों के साथ-साथ दिल्ली उद्योग मंत्रालय के विभिन्न अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री श्री Saurabh Bhardwaj ने कहा, कि दिल्ली का सरकारी तंत्र चलाने के लिए यहां पर विभिन्न सरकारी संस्थान है। दिल्ली में बहुत सारी शक्तियां हैं जो केंद्र सरकार के अधीन आती हैं बहुत सारी शक्तियां हैं जो दिल्ली सरकार के अधीन आती हैं और बहुत से ऐसे कार्य हैं जो नगर निगम के अधीन आते हैं।
यह एक ऐसी बात है जो कि दिल्ली को देश के बाकी राज्यों से अलग दिखती है। उन्होंने कहा क्योंकि दिल्ली एक राज्य होने के साथ-साथ इस देश की राजधानी भी है, तो न्यायालय की नजर भी दिल्ली पर बहुत अधिक रहती है।
दिल्ली में सरकार से जुड़े कामों को लेकर अक्सर लोग कोर्ट का रुख करते हैं, जिस कारण से सरकार के कार्यों में बहुत बाधाएं पैदा हो जाती हैं और इन बाधाओं के कारण जनता का और सरकार दोनों का ही नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी तंत्र में अलग-अलग सरकारी संस्थानो का हस्तक्षेप होने के कारण जिस आधार पर दिल्ली का विकास हुआ, सरकारी संस्थान उस स्तर पर खुद को कुशल नहीं बना पाए, जिसका नतीजा हम सबको दिल्ली में आवासीय बाजार और औद्योगिक बाजार में दिखाई देता है।
मंत्री Saurabh Bhardwaj ने कहा कि इसका एक नतीजा यह भी हुआ कि जितने आवासीय अपार्टमेंट की दिल्ली में जरूरत थी, उस स्तर पर डीडीए लोगों के लिए आवासीय अपार्टमेंट नहीं बन पाई, आवासीय कॉलोनी डेवलप नहीं कर पाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि लोगों को जहां-जगह मिली लोगों ने वहीं पर रहने के लिए अपने इंतजाम किए और अनऑथराइज्ड कॉलोनी का निर्माण किया। आज दिल्ली में स्थिति यह है कि लगभग आदि से ज्यादा दिल्ली अनऑथराइज्ड कॉलोनी में रहती है।
Non Conforming Industrial Area को कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया बनाने पर तेजी से कम कर रही है केजरीवाल सरकार : Saurabh Bhardwaj
इसी प्रकार से दिल्ली के विकास की तुलना में डीडीए, दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण नहीं कर पाई जिसके कारण लोगों ने व्यापार करने के लिए खुद जगह-जगह छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कर लिया, जिसे आज हम नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि आज दिल्ली में जो कुल औद्योगिक क्षेत्र हैं, उनमें से आधे से ज्यादा नॉन-कन्फॉर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के अधीन आते हैं।
दिल्ली के नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री Saurabh Bhardwaj ने कहा कि एक अनुमान के आधार पर दिल्ली के लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्र में से आधे औद्योगिक क्षेत्र आज भी नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया के अधीन आते हैं।
इन औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 51000 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें लगभग 15 लाख से अधिक लोग काम करते हैं। उन्होंने कहा क्योंकि दिल्ली के विकास के स्तर के अनुसार डीडीए द्वारा दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण नहीं किया गया, जिसके कारण लोगों ने व्यापार करने के लिए खेती की जमीन पर तथा आवासीय जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कर लिया।
इसका नतीजा यह हुआ कि इन सभी औद्योगिक क्षेत्र का आज तक विकास नहीं हो पाया, क्योंकि सरकार की नीतियों के अनुसार खेती की जमीन पर या आवासीय जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा होता है तो सरकार नियमों के खिलाफ होने के कारण चाह कर भी इन औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं कर पाती है।
मंत्री Saurabh Bhardwaj जी ने कहा क्योंकि यह नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया है तो इस कारण से इन छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र को खत्म नहीं किया जा सकता, क्योंकि इन छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र पर दिल्ली के लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का जिम्मा है, साथ ही साथ इन औद्योगिक क्षेत्र में बने सामानों का दिल्ली और देश के अन्य राज्यों में बड़े स्तर पर इस्तेमाल होता है और दिल्ली और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में इन छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र का बड़ा योगदान है।
मंत्री Saurabh Bhardwaj ने बताया कि इन नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया को कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया बनाने के लिए सरकार इन छोटे-छोटे उद्योगपतियों के साथ लगातार चर्चा कर रही है, उन्होंने कहा कि डीडीए के नियमों के अनुसार इन नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया को कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया बनाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगपतियों को कन्वर्जन चार्ज का भुगतान करना पड़ेगा। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा क्योंकि यह छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र हैं और यहां पर जो औद्योगिक इकाइयां हैं वह बहुत छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयां हैं।
यह इकाइयां अभी बहुत बड़े स्तर पर विकसित नहीं हो पाई हैं, तो इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यह तय किया है, कि इन सभी नॉन कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया को कंफर्मिंग इंडस्ट्रियल एरिया बनाने के लिए जो राशि भुगतान की जानी है उसका 90% दिल्ली सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा और मात्र 10% राशि का भुगतान इन क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयों से लिया जाएगा। मंत्री Saurabh Bhardwaj ने कहा कि यह 10% राशि औद्योगिक इकाइयों से लेने के पीछे का जो कारण है, वह यह है कि दिल्ली सरकार चाहती है कि इस पूरे मामले में इन सभी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगपतियों की भी भागीदारी रहे।
दिल्ली में केजरीवाल सरकार शुरू करने जा रही है स्टार्टअप पॉलिसी, युवाओं को मिलेगी सरकारी सहायता : Saurabh Bhardwaj
मीटिंग में आए लोगों को दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के उद्योगों को सरल और सुगम बनाने के लिए तथा युवाओं को नया उद्योग स्थापित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा जो कदम उठाए जा रहे हैं, उस संबंध में बताते हुए मंत्री Saurabh Bhardwaj ने कहा, कि दिल्ली सरकार जल्द ही दिल्लीवालों के लिए दो अहम कार्य करने वालीं है।
1) स्टार्ट अप पॉलिसी
2) क्लाउड किचन
पहला महत्वपूर्ण कार्य जो दिल्ली सरकार करने जा रही है वह है स्टार्टअप पॉलिसी। इस पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार युवाओं को, जो अपना उद्योग स्थापित करने चाहते हैं, विभिन्न प्रकार की सुविधा जैसे मेंटरशिप, फण्ड, लीज रेंटल रिमबर्समेंट, आई पी आर ग्रांट, एग्जिबिशन स्पोर्ट्स, स्कॉलरशिप के माध्यम से तथा अन्य माध्यमों से सहायता करेगी, ताकि युवा जो भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यवसाय अनुभव रखते हैं, या इनोवेटिव इडिया रखते है, वह अपना व्यवसाय स्थापित कर सकें।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट द्वारा इस स्टार्टअप पॉलिसी को अप्रूव्ड कर दिया गया है, जल्द ही यह व्यवहार में लाई जाएगी। दूसरा महत्वपूर्ण कार्य जो दिल्ली सरकार करने जा रही है वह है क्लाउड किचन पॉलिसी, इस पॉलिसी के तहत दिल्ली सरकार फूड डिलीवरी सिस्टम जो कि अभी सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त नहीं है, दिल्ली सरकार इस व्यवसाय को मान्यता देने पर कार्य कर रही है और उसे एक पूरी इंडस्ट्री के तौर पर स्थापित करने का काम किया जाएगा।
मंत्री Saurabh Bhardwaj ने बताया कि इन दोनों महत्वपूर्ण कार्यों के साथ-साथ दिल्ली सरकार दिल्ली में दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण करने जा रही है। पहला रानीखेड़ा में 147 एकड़ जमीन पर एक टेक्नोलॉजी पार्क के नाम से औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार से दिल्ली सरकार बपरोला में इलेक्ट्रॉनिक सिटी के नाम से एक बड़े औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण कर रही है। यह औद्योगिक क्षेत्र इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से मात्र 20 मिनट की दूरी पर स्थित है। इन दोनों औद्योगिक क्षेत्र के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न की गई है।
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