श्रीमद्भगवद्गीता अवसाद से आनंद की यात्रा है : Dr. Swami Arjun Das
बगड़ श्री दादू द्वारा में महामंडलेश्वर Dr. Swami Arjun Das जी महाराज के पावन सानिध्य में गीता जयंती मनाई गई महामंडलेश्वर Dr. Swami Arjun Das महाराज ने गीता जयंती के शुभ-अवसर पर कहा श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में भय, शोक, अशांति, असुरक्षा, अनीति, दमन, अत्याचार, आतंकवाद इन सबका समाधान गीता है।
गीता का जितना प्रसार होगा, उतनी ही मनुष्य जाति के अन्तःकरण में शांति उत्पन्न होगी, जब मनुष्य शांत होगा तो प्रकृति का सौंदर्य बढ़ेगा, हर जीव आनंदमय होगा। गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जो प्रेरणादायक है।
हर मनुष्य को गीता के अध्ययन के साथ-साथ इसे अपने आचरण में उतारने की जरूरत है। श्रीमद्भगवद् गीता हमे अंतर युद्ध सिखाती है। हमारे अन्दर दो प्रवृत्तियाँ पुरातन हैं।
एक है – दैव प्रवृत्ति; जो सद्गुणों से प्रेरित है। और, दूसरी है – आसुरी प्रवृत्ति; जो दुर्गुणों से प्रेरित है। हमें सद्गुणों की सेना हृदय में बढ़ाकर दैव प्रवृत्ति को सबल करना है। और, दुर्गुणों का त्याग कर आसुरी प्रवृत्ति को दुर्बल करना है। युद्ध दैव प्रवृत्ति और आसुरी प्रवृत्ति के बीच में है। दैव प्रवृत्ति से आसुरी प्रवृत्ति को हराना हैं।
दैव प्रवृत्ति परम तत्त्व परमात्मा के तरफ ले जाती है
इस प्रकार दैव प्रवृत्ति परम तत्त्व परमात्मा के तरफ ले जाती है, जो मनुष्य को विशेष मोक्ष दिलाती है । श्रीमद्भगवद्गीता अवसाद से आनंद की यात्रा है,ईश्वर की शरणागति ही दुःख से सदा के लिए छूटने का सर्वोत्तम उपाय है। अत: शरणागति के इस भाव को आदर्श रखकर जहां तक बने भजन, ध्यान, सेवा, सत्संग में ही अपने समय को बिताने के लिए तत्परता से प्राणपर्यन्त चेष्टा करनी चाहिए ।
इस अवसर पर श्रीदादू द्वारा सर्वाधिकारी शिष्य रोहित स्वामी, आशीष स्वामी, मोतीलाल कसाना, सांवरमल लाटा, मुकेश कुमावत, बालकृष्ण हलवाई, पुरुषोत्तम सिंह, नरेंद्र राणासरिया, ओम शर्मा, पृथ्वी पारीक, सतीश माहेश्वरी, सुभाष राठौड़ सहित श्रद्धालु जन उपस्थित रहे ।
Visit our social media
YouTube:@Aanchalikkhabre
Facebook:@Aanchalikkhabre
Twitter:@Aanchalikkhabre
इसे भी पढ़े : 24 दिसंबर National Consumer Day क्यों मनाया जाता है जानिए
झुन्झुनू(चंद्रकांत बंका)