भारत माता की वास्तविक जय के लिए अखंड भारत के सपने को, वर्तमान में जीने की आवश्यकता है।शारदा विद्या मंदिर के विशाल सभा कक्ष में, आचार्य गणेश उपाध्याय ने अखंड भारत की यात्रा का मौखिक चित्रण, अपने मुखारविंद से सुनाया।जिससे सभी विद्यार्थियों का ह्रदय द्रवित हो गया, और आंखें नम हो गई। 14 अगस्त के दिन अखंड भारत ने बंटवारे की पीड़ा को सहा, इस दिन आने वाली ट्रेनें मनुष्य की लाशों से भरी हुई थी. माता हिंगलाज देवी का शक्तिपीठ हमसे दूर हो गया, लव कुश की जन्म भूमि लाहौर में बदल गई, और कई पीड़ादायक घटनाएं घटी. यह आजादी हमे मुश्किल से प्राप्त हुई. इस आजादी को अब हमें अखंड रखना है, संकल्प लेना है की, भारत माता का यह तिरंगा इसी तरह लहराता रहे, और इस की आन बान शान के लिए, अपने जीवन को कुर्बान भी करना पड़े, तो हम तैयार रहेंगे. साथ ही जो खोया है उसे पुनः प्राप्त करेंगे। प्रशस्ति चिन्ह शाला संचालिका किरण शर्मा द्वारा भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक देवेंद्र व्यास ने किया, अतिथि परिचय संस्था की प्राचार्य डॉक्टर कंचन चौहान द्वारा किया गया, पंडित जी का स्वागत राजेश चौहान द्वारा किया गया, विद्यार्थियों ने अखंड भारत पर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया, अंकित बैरागी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया. संपूर्ण आयोजन के दौरान शाला संचालिका श्रीमती किरण शर्मा , मकरंद आचार्य एवम् समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।