Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल की तस्वीर का विमोचन

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By Aanchalik khabre
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Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल की तस्वीर का विमोचन
Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल की तस्वीर का विमोचन

महात्मा गांधी की सहयोगी रही Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल की तस्वीर का विमोचन किया

पचेरी। राष्ट्रीय साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया द्वारा भीम प्रज्ञा पब्लिकेशन एवं सेंट्रल लाइब्रेरी के कार्यालय बुहाना रोड़ पचेरी में एडवोकेट हरेश पंवार के नेतृत्व में स्वाधीनता आंदोलन में महात्मा गांधी की सहयोगी रही Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और प्रथम लोकसभा की सदस्य स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन पटेल की तस्वीर का विमोचन किया।

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इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी रामफूल शर्मा, सहीराम तून्दवाल, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, मनोज कुमार आदि अन्य लोग मौजूद रहे। महिला सशक्तिकरण की प्रतीक दोनों ही Freedom Fighter ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर अपना पूरा जीवन भारत की आजादी और राष्ट्र निर्माण में समर्पित कर दिया।

आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल में काफी समानता रही है। दोनों ही स्वाधीनता आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ रहीं, दोनों ही आजीवन अविवाहित रहीं, दोनों ही 1952 से राजनीति में सक्रिय रहीं, दोनों ने ही इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गये आपातकाल का विरोध किया। और दोनों ने ही कांग्रेस छोड़कर 1977 में जनता पार्टी के टिकट से लोकसभा का चुनाव जीता।

Freedom Fighter मणिबेन पटेल लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी की तरह सरदार वल्लभ भाई पटेल और मणिबेन पटेल की पिता-पुत्री की जोड़ी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय जोड़ी थी। मणिबेन पटेल ने सुखी जीवन को छोड़कर अपने पिता के पदचिन्हों पर चलने में जीवन का अर्थ देखा। जब तक सरदार पटेल जीवित रहे, मणिबेन पटेल ने उनकी निरंतर सेवा की, उनकी आशाओं और निराशाओं, दुखों और खुशियों को बेहद करीब से देखा।

सरदार पटेल की मृत्यु के बाद मणिबेन पटेल राजनीति में सक्रिय हुईं और लगभग तीन दशकों तक एक सांसद के रूप में समाज सेवा करती रहीं। इस दौरान सादगी के साथ महात्मा गांधी व सरदार पटेल से मिले संस्कारों का आजीवन पालन किया। सरदार पटेल की मृत्यु के दो साल बाद, 1952 में स्वतंत्र भारत के पहले लोकसभा चुनाव में, मणिबेन पटेल ने खेड़ा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर प्रथम लोकसभा की सदस्य बनने का गौरव हासिल किया।

Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वह महात्मा गांधी के साथ जेल गई

aanchalikkhabre.com Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर और मणिबेन पटेल

दूसरे लोकसभा चुनाव में उन्होंने आणंद सीट से जीत हासिल की। इसके बाद भी राज्यसभा और लोकसभा की सदस्य चुनी गई। Freedom Fighter डॉ. सुशीला नायर महात्मा गांधी के निजी सचिव प्यारेलाल नैय्यर की बहन थी। डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भी अपने भाई के साथ स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ गई और महात्मा गांधी की निजी चिकित्सक बन गई।

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वह महात्मा गांधी के साथ जेल गई और 1946 में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों को रोकने के लिए नोआखाली यात्रा के दौरान महात्मा गांधी के साथ रही। 1947 में विभाजन के समय हुए दंगों में उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर बहुत से लोगों की जान बचाई। मणिबेन पटेल की तरह डॉ. सुशीला नायर भी 1952 से राजनीति में सक्रिय रहीं।

वह दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा की अध्यक्ष रही। झांसी लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद चुनी गई। राजकुमारी अमृत कौर के बाद नेहरू मंत्रिमंडल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने एम्स की तरह महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना की और झांसी में लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की स्थापना की।

डॉ. सुशीला नायर का पूरा जीवन राष्ट्र सेवा में समर्पित रहा। एडवोकेट हरेश पंवार ने बताया कि 26 दिसंबर को आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय सूरजगढ़ में स्वतंत्रता सेनानी डॉक्टर सुशीला नायर की जयंती मनाई जायेगी।

 

चंद्रकांत बंका, पचेरी

 

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