Ganga Pollution : हरिद्वार में गंगा नदी ने तोडा प्रदूषण का रिकॉर्ड, क्या है? प्रदूषण बढ़ने की वजह

Aanchalik khabre
3 Min Read
Ganga Pollution : हरिद्वार में गंगा नदी ने तोडा प्रदूषण का रिकॉर्ड, क्या है? प्रदूषण बढ़ने की वजह

Ganga Pollution : करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र गंगा का पानी हरिद्वार में पीने लायक तो छोड़िये नहाने लायक भी नहीं है। यह बयान किसी और ने नहीं बल्कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया है, जो हर महीने Ganga River के पानी की गुणवत्ता की जांच करता है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर की रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। हालांकि, रिपोर्ट में एक सकारात्मक बात यह भी कही गई है कि गंगा का पानी पीने लायक तो नहीं है, लेकिन स्नान के लिए भी उपयुक्त नहीं है।

Ganga जल में हद से ज्यादा बढ़ा BOD और फेकल कोलीफॉर्म का लेवल

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा हरिद्वार से ऊपर और नीचे यानी उत्तराखंड की सीमा तक करीब आठ जगहों पर हर महीने Ganga River के पानी की जांच की जाती है। जांच के आंकड़ों की जांच के बाद एक बात साफ हो जाती है कि हरिद्वार में गंगा के पानी की गुणवत्ता बी श्रेणी की है। इसकी वजह यह है कि हरिद्वार में घुलनशील अपशिष्ट (फेकल कोलीफॉर्म) और घुली हुई ऑक्सीजन (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) का स्तर मानक से ऊपर है। नदी में नहाने के पानी के लिए ऑक्सीजन का मानक पांच मिलीग्राम प्रति होता है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट का दावा

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गंगा में कोलीफॉर्म की मात्रा 120 एमपीएन तक है। इसका मतलब है कि गंगा का पानी नहाने के लिए भी पूरी तरह ठीक नहीं है । उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक और बड़ा ऐलान किया है। पिछले पांच सालों में Ganga River की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसका मतलब है कि प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र सिंह के अनुसार पांच साल पहले गंगा में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और एमपीएन की संख्या 500 से अधिक हो गई थी। इसलिए गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए गंगा के पानी को श्रेणी सी में कर दिया गया था, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज गंगा का पानी श्रेणी सी से श्रेणी बी में आ गया है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जो पानी पांच साल पहले तैरने लायक भी नहीं था, आज यह थोड़ा साफ हो गया है कि आप इसमें कुछ टाइम तक ही स्नान कर सकते हैं। क्षेत्रीय आयुक्त राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उनकी टीम लगातार काम कर रही है। हरिद्वार में जिन जगहों से ये सैंपल लिए गए उनमें हर की पौड़ी क्षेत्र और सप्त ऋषि, रणजीतपुर और सुल्तानपुर समेत अन्य जगह शामिल हैं।

Visit Our Social Media Pages

YouTube:@Aanchalikkhabre

Facebook:@Aanchalikkhabre

Twitter:@Aanchalikkhabre

इसे भी पढ़े – Cyclone Fengal : फेंगल चक्रवात तमिलनाडु में मचा रहा तहलका, चपेट में कई तटीय शहर

 

Share This Article
Leave a Comment