वज़ीराबाद रिज़र्वायर में In-situ Ammonia Treatment Plant स्थापित करने में हो रही देरी पर जल मंत्री आतिशी ने जताई नाराज़गी
जलमंत्री का मुख्य सचिव से सवाल- मुख्यमंत्री, मिनिस्टर इंचार्ज की अध्यक्षता में मार्च में हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद भी शुरू क्यों नहीं हुआ प्रोजेक्ट
उन्होंने कहा कि, इस बड़ी समस्या के कारण दिल्ली के लगभग एक चौथाई हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ है, जिससे सदर बाजार, सिविल लाइन्स, पुरानी दिल्ली, मुखर्जी नगर, बुराड़ी, पटेल नगर, राजिंदर नगर, करोल बाग, मजनू का टीला, आईएसबीटी, बरफखाना, बारा हिंदू राव, कमला नगर, रूप नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाके प्रभावित हुए |
जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, यमुना नदी में अमोनिया का बढ़ता स्तर अब बार-बार होने वाली ऐसी समस्या बन गई है जो हर साल दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि, हरियाणा द्वारा नदी में छोड़ा गया अपशिष्ट पदार्थ और हरियाणा द्वारा नदी के प्रवाह का मेंटेनेंस न करना दिल्ली में यमुना में अमोनिया के बढ़ने का प्रमुख कारण हैं |
उन्होंने कहा कि, माननीय मुख्यमंत्री ने 15.03.2023 को डीजेबी की एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस संकट का तत्काल समाधान वजीराबाद रिर्सवायर के अंदर अमोनिया का इन-सीटू ट्रीटमेंट है। इस प्रोजेक्ट को 4-6 महीने के अंदर लागू किया जाना था। लेकिन इतना समय बीत जाने में बावजूद, यह प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हुआ है, जिस कारण दिल्ली का एक बड़ा हिस्सा एक बार फिर जल संकट में फंस गया है |
जलमंत्री ने कहा कि, मुझे यह कहते हुए निराशा हो रही है कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए ज़मीनी स्तर पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है जो दिल्ली जल बोर्ड की ओर से एक गंभीर चूक है। उन्होंने कहा कि, यदि मुख्यमंत्री, मिनिस्टर इंचार्ज और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इन उच्च स्तरीय बैठकों में लिए गए निर्णयों का भी कार्यान्वयन नहीं किया जाता तो ये बेहद गंभीर मुद्दा है। केजरीवाल सरकार ने इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि ऐसे प्रमुख प्रोजैक्ट्स के कार्यान्वयन न होने से लाखों दिल्लीवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है |
उन्होंने कहा, जब जल बोर्ड द्वारा ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4-6 महीने का समय तय किया गया था तो ऐसे में विभाग द्वारा इसका सख़्ती से पालन क्यों नहीं किया गया। जल मंत्री ने कहा की, सरकार और नौकरशाही यहां लोगों की सेवा करने के लिए है, न कि उन्हें कोई असुविधा पहुंचाने के लिए।
इस Regarding जल मंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि
- मुख्य सचिव 01 जनवरी तक रिपोर्ट दे कि, वज़ीराबाद रिज़र्वायर मे In-situ Ammonia Treatment प्लांट स्थापित करने में इतनी देरी क्यों हुई है?
- मुख्य सचिव एक टाइमलाइन के साथ बताए कि, वज़ीराबाद में In-situ Ammonia Treatment प्लांट कब तक तैयार होगा और वे स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस प्रोजेक्ट को मॉनिटर करें।
- मुख्य सचिव सुनिश्चित करें कि In-situ Ammonia Treatment प्लांट के लिए टेंडर 15 जनवरी तक जारी हो जाए।
In-situ Ammonia Treatment Plant क्या है
In-situ Ammonia Treatment Plant एक प्रकार का जलवायु उपचय संयंत्र है जो वातावरण में मौजूद Ammonia को हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। Ammonia , जो विभिन्न उपयोगों के लिए उपयुक्त होता है, धरती के लिए हानिकारक है जब यह पानी में साथ जुड़ जाता है।
In- situ Treatment Plant की मुख्य उपयोगिता Ammonia को पर्यावरण में घटित करना है, जिससे पानी और वातावरण को हानि से बचाया जा सके। यह तकनीक जलवायु और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, जैसे कि स्वच्छ पानी के लिए निर्मलता को बनाए रखना तथा जलवायु प्रदूषण को कम करना।
इस प्रकार के संयंत्र अक्सर जलवायुशोधन संयंत्रों, रसायनिक उद्योगों, और जल प्रदूषण कॉन्ट्रोल सिस्टमों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। वे अमोनिया और उससे संबंधित योजनाओं के प्रबंधन और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और प्रदूषण को न्यूनतम करने में मदद करते हैं।
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