एनटीसीए की 19वीं बैठक में हुई चर्चा
कैमूर के इलाकों में देखे जाते रहे हैं बाघ। पर्यटन के रूप में भी होगा फायदा
पटना, 6 जनवरी 2022
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरे टाइगर रिजर्व के लिए कार्यों को मूर्त रूप दे रहा है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में इस पर चर्चा की गई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने की। शीघ्र ही वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में बिहार को दूसरा टाइगर रिजर्व मिलेगा।
पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को होगा फायदा
कैमूर टाइगर रिजर्व होने से पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अक्सर स्थानीय लोगों ने यहां पर बाघ देखने के बारे में अवगत कराते रहते हैं। इस संबंध में मंत्रालय भी लगातार सक्रिय था। 70 के दशक में वह बड़ी संख्या में भाग होते थे, जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने बताया था। केंद्र सरकार देश में बाघ संरक्षण के अगले दशक के लिए भविष्य और बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है। देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर कार्य हो रहा है। यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं। इसे ध्यान में रहकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं।